कैथल: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिला स्तरीय कनवर्जेंस समिति का गठन किया गया है. जिसके तहत केंद्र सरकार द्वारा चयनित 20 गांवों में पीने का पानी, स्वच्छता, स्वास्थ्य और पोषण, ग्रामीण सड़कें एवं आवास, बिजली एवं स्वच्छ ईंधन और डिजिटलीकरण के कार्य किए जाएंगे. ये जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर सिंह कुंडू ने दी.
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रति गांव 20 लाख रुपये का बजट अलाट किया जाएगा. संबंधित विभाग इस योजना के तहत पूरे तालमेल से कार्य करना सुनिश्चित करेंगे.
अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर सिंह कुंडु जिला परिषद कार्यालय के भवन में जिला स्तरीय कनवर्जेंस समिति की बैठक के दौरान अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना जो 2009 में शुरू की गई थी. अक्तूबर 2019 में इसे अपग्रेड किया गया है.
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए केंद्र स्तर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को नोडल बनाया है. वहीं हरियाणा में इसकी जिम्मेवारी जिला ग्रामीण विकास विभाग को दी है. केंद्र सरकार ने जनगणना-2011 के आधार पर उन 20 गांवों को चयनित किया है. जिसमें अनुसूचित जाति की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है. उन्होंने बताया कि गुहला में 9, सीवन में 7, कलायत में 2 और राजौंद के 2 गांवों को शामिल किया गया है. आदर्श ग्राम योजना के तहत इन गांवो के लिए ग्रामीण विकास प्लान तैयार किया है. जिसमें कार्य की अवधि 5 साल है.
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि वीडीपी यानि ग्रामीण विकास प्लान से गांवों में जरूरत अनुसार मुख्य विकास कार्यों का आंकलन स्वच्छता, स्वास्थ्य और पोषण, ग्रामीण सड़कें एवं आवास, बिजली एवं स्वच्छ ईंधन और डिजिटलीकरण आधार पर किया गया है. इस स्कीम के तहत इन गांवों में 282 कार्यों की पहचान की गई है. जिस पर 18 करोड़ 41 लाख 71 हजार रुपए खर्च होंगे.
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