जींद: हरियाणा सरकार लगातार प्रवासी मजदूरी की घर वापसी करवा रही है. तीन स्पेशल ट्रेन्स हरियाणा से बिहार रवाना किए जा चुके हैं. प्रशासन ने मंगलवार को बिहार के 7 जिलों के प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए राजकीय कॉलेज में बुलाया था, लेकिन अधिकारियों के आपसी तालमेल की कमी की वजह से ये काम सिरे नहीं चढ़ पाया.
अब प्रवासी मजदूर सड़कों पर धक्के खाने को मजबूर हो गए हैं. क्योंकि प्रवासी मजदूर अपने कमरों को खाली कर चुके थे, इसलिए अब उनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं रहा. मजदूर सामान लेकर इधर-उधर भटक रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि उनके पास अब ना रहने का ठिकाना है और न खाने को रोटी. मजदूरों की हालत देख कर वहां मौजूद कुछ पत्रकारों ने उनके लिए केले की व्यवस्था की.
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जींद के तहसीलदार मनोज अहलावत ने बताया कि जींद प्रशासन इनको भेजने के लिए व्यवस्था कर रहा है उनकी लिस्ट बनाई जा रही है और जल्द ही ने बिहार में भेजा जाएगा. वहीं अपने कमरे खाली कर घर जाने के लिए पैदल चलकर पहुंचे पर मजदूरों को प्रशासन ने ये कहकर लौटा दिया कि अभी सिर्फ कृषि से जुड़े हुए मजदूरों को ही इस समय भेजा जाएगा, बाकी लोगों को बाद में प्रशासन द्वारा फोन कर बुलाया जाएगा. प्रशासन के तालमेल की कमी की वजह से सैकड़ों प्रवासी दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं.