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खबर की पड़ताल: कितनी सच है हिसार के 3 गांव की राजस्थान में विलय की खबर ?

खबर सामने आई थी कि हिसार के 3 गांव पानी कि किल्लत से इतने परेशान हो चुके हैं. कि वो अब राजस्थान में विलय की मांग कर रहे हैं.

खबर की पड़ताल: कितनी सच है हिसार के 3 गांव की राजस्थान में विलय की खबर ?
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Published : Jun 25, 2019, 9:55 PM IST

हिसार: गर्मियों में पानी की किल्लत होना आम बात है, लेकिन क्या पानी की समस्या इतनी बड़ी हो सकती है कि कोई गांव अपने प्रदेश को छोड़कर दूसरे प्रदेश में सिर्फ पानी के लिए शामिल होने का फैसला कर ले. जी हां बिलकुल सही सुना आपने. हिसार के तीन गांव इन दिनों सुर्खियों में है. माना जा रहा है कि जिले के 3 गांव कापड़ो, बालावास और बासड़ा पानी की समस्या से परेशान होकर राजस्थान में शामिल होना चाहते हैं.

क्या हो रहा है पानी के लिए पलायन ?

3 गांव की राजस्थान में विलय की खबर गलत
ईटीवी भारत की टीम ने जब बासड़ा गांव के सरपंच संता सिंह से बात की तो उन्होंने विलय की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि गर्मी में पानी किल्लत हर गांव में होती है. इसका मतबल ये बिल्कुल नहीं है कि वो राजस्थान में शामिल हो जाएं.

दूसरे सरपंचों ने भी किया इनकार
ईटीवी भारत ने बाकी के दोनों गांव कापड़ो और बालावास के सरपंचों से भी फोन पर बात की. उन्होंने भी राजस्थान से गांव के विलय की खबरों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि ना ही उन्होंने इस तरह का बयान दिया है और ना ही उनके गांव की ऐसी कोई इच्छा है.

हिसार: गर्मियों में पानी की किल्लत होना आम बात है, लेकिन क्या पानी की समस्या इतनी बड़ी हो सकती है कि कोई गांव अपने प्रदेश को छोड़कर दूसरे प्रदेश में सिर्फ पानी के लिए शामिल होने का फैसला कर ले. जी हां बिलकुल सही सुना आपने. हिसार के तीन गांव इन दिनों सुर्खियों में है. माना जा रहा है कि जिले के 3 गांव कापड़ो, बालावास और बासड़ा पानी की समस्या से परेशान होकर राजस्थान में शामिल होना चाहते हैं.

क्या हो रहा है पानी के लिए पलायन ?

3 गांव की राजस्थान में विलय की खबर गलत
ईटीवी भारत की टीम ने जब बासड़ा गांव के सरपंच संता सिंह से बात की तो उन्होंने विलय की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि गर्मी में पानी किल्लत हर गांव में होती है. इसका मतबल ये बिल्कुल नहीं है कि वो राजस्थान में शामिल हो जाएं.

दूसरे सरपंचों ने भी किया इनकार
ईटीवी भारत ने बाकी के दोनों गांव कापड़ो और बालावास के सरपंचों से भी फोन पर बात की. उन्होंने भी राजस्थान से गांव के विलय की खबरों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि ना ही उन्होंने इस तरह का बयान दिया है और ना ही उनके गांव की ऐसी कोई इच्छा है.

Intro:गर्मियों में पीने के पानी की समस्या अक्सर देखने को मिलती है। इसको लेकर ग्रामीण सरकार और प्रशासन तक अलग-अलग तरह से अपनी गुहार लगाते हैं।

ऐसा ही एक मामला हिसार जिले के 3 गांव कापड़ो, बालावास और बासड़ा का है। जहां पीने के पानी की थोड़ी बहुत समस्या है। इन तीनों गांव को लेकर मीडिया में एक खबर चलाई जा रही है कि पीने के पानी की किल्लत को देखते हुए तीनों गांवों ने राजस्थान सरकार को पत्र लिखने का मन बनाया है कि उन्हें राजस्थान में शामिल कर लिया जाए।








Body:ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर जब बासड़ा गांव के सरपंच संता सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि गांव में खेती के लिए नहरी पानी की थोड़ी बहुत समस्या गर्मियों में देखने को मिलती है। उन्होंने कहा राजस्थान की सीमा से सटे खेतों में ही गर्मियों में कुछ दिक्कत होती है, लेकिन पीने के पानी को लेकर गांव में अब समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी मीडिया कर्मी को राजस्थान में शामिल होने की बात नहीं कही है। उन्होंने इस खबर को सिरे से नकार दिया है।


Conclusion:वहीं जब अन्य गांव कापड़ों के सरपंच से फोन पर बात की गई तो उन्होंने भी साफ तौर पर कहा कि उनके गांव में पीने के पानी की समस्या है। लेकिन उन्होंने उनके गांव को राजस्थान में विलय करने जैसी किसी भी बात से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ना ही उन्होंने इस तरह का बयान दिया है और ना ही उनके गांव की ऐसी कोई इच्छा है।


बालावास और कापड़ो दोनों ही गांव राजस्थान सिमा से नहीं लगते है। वहीं बासड़ा गांव से राजस्थान सिमा महज 3 किलोमीटर है।
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