फरीदाबाद: एक तरफ युवाओं में विदेश जाने और वहां पर नौकरी करने का क्रेज बढ़ता जा रहा है. दूसरी तरफ कुछ युवा ऐसे भी हैं, जो अपने देश में ही समाज सेवा करना चाहते हैं. ऐसे ही एक युवा हैं फरीदाबाद के सन्नी. दरअसल सनी विदेश में रहकर एक बड़ी कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर काम कर रहे थे. जहां पर उसकी सैलरी लाखों में थी और वो अच्छी खासी जिंदगी जी रहे थे.
एक बार वो अपने शहर फरीदाबाद आए. तब उनकी जिंदगी में अचानक मोड़ आया और वो दोबारा विदेश नहीं गए. ईटीवी भारत से बातचीत में सन्नी ने बताया कि वो विदेश में रहकर अच्छी खासी बड़ी कंपनी में मैनेजर के पोस्ट पर नौकरी कर रहा था और उसे लाखों रुपये सैलरी मिल रही थी, लेकिन जब 2019 में वो इंडिया आया. तब उसने देखा कि यहां पर गरीब तबके के लोगों के लिए कोई व्यक्ति खड़ा नहीं होता.
जबकि विदेशों में ऐसा नहीं है. वहां लोग एक दूसरे की मदद करते हैं. सन्नी ने कहा कि एक दो बार वो पुलिस थाने गए. वहां पर भी गरीब व्यक्तियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. तब उन्होंने उसके खिलाफ आवाज उठाई और उन व्यक्ति को इंसाफ मिल सका. जिसके बाद सन्नी ने फैसला किया कि अब वो फरीदाबाद में रहकर ही जनता की सेवा करेंगे. इसके बाद सन्नी ने स्लम एरिया में ही अपना घर बना लिया और वहीं रहने लगे. इस दौरान उन्होंने जनता की सेवा करना शुरू कर दी.
मैं किसी का नाम लेना नहीं चाहता हूं. किसकी मैंने मदद की है वो सब ऊपर वाला जानता है. मैं हमेशा मीडिया से बचता रहा, लेकिन जब फरीदाबाद में लगभग 5 हजार घरों को तोड़ने का नोटिस आया. तब मेरे पास काफी संख्या मे लोग पहुंचे और उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी है घर को बचाना. तब जाकर मैंने कानूनी लड़ाई लड़ी. इस दौरान मेरे पास कई धमकी भरे कॉल्स भी आए. जिसकी शिकायत मैंने पुलिस को दी.- सन्नी, समाजसेवी
सन्नी ने कहा कि इन सब चीजों के बाद भी हमारी लड़ाई जारी रही. लगभग 15 से 20 दिन के बाद सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा. कोर्ट ने तोड़फोड़ पर स्टे लगा दिया. उसके बाद से लोग मुझे जानने लगे. सन्नी ने कहा कि मैं जब तक जिंदा हूं. तब तक समाज की सेवा करता रहूंगा. सन्नी ने बताया कि विदेश छोड़कर फरीदाबाद में बसने से उनके परिवार नाराज हो गए.
उन्होंने बताया कि अब उनके काम को देखकर परिजन भी मेरे साथ हैं. यही वजह है कि अब सन्नी के साथ सैकड़ों की संख्या में युवाओं की टीम है, जो किसी भी समस्या किसी भी मदद को लेकर दिन रात तैयार रहते हैं. स्थानीय निवासी विकास ने बताया कि सन्नी पहले विदेश में रहते थे. 2019 में वो जब इंडिया आए उसके बाद फरीदाबाद में लोगों की मदद करने लगे.
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