फरीदाबाद: शहर की हवा एक बार फिर जहरीली होने लगी है. शहर में वायु प्रदूषण (faridabad air pollution) बढ़ रहा है. फरीदाबाद का एक्यूआई लेवल 280 के करीब पहुंच गया है. यह स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. यही वजह है कि इन दिनों अस्पतालों में भी सांस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसका प्रमुख कारण बेलगाम फैक्ट्री, वाहनों से निकलने वाला धुआं, भवन निर्माण और खुले में कचरा जलाना है. शहर में रुके हुए निर्माण कार्य तेजी से हो रहे हैं. जिससे हवा फिर से जहरीली हो रही है.
दिवाली के बाद फरीदाबाद शहर का एक्यूआई (AQI In Faridabad Haryana) लेवल 300 पर पहुंच गया था. जिसके बाद एनजीटी ने फरीदाबाद को रेड जोन घोषित कर दिया था. एनजीटी के आदेश पर शहर में भवन निर्माण, फैक्ट्री और खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. वायु प्रदूषण में राहत मिलने पर इन से प्रतिबंध हटा दिया गया. अब शहर में रुके हुए निर्माण कार्य तेजी से हो रहे हैं. लोग कचरा जलाते हैं, जिससे हवा फिर से जहरीली हो रही है. नगर निगम द्वारा सड़कों पर अभी भी पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इसके बावजूद वायु की गुणवत्ता में किसी तरह का सुधार नहीं हो रहा है.
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एक बार फिर फरीदाबाद की सड़कों पर प्रदूषण की वजह से कोहरा नजर आने लगा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि वह शहर में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं करेगा. वायु प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. हालांकि शहर के जमीनी हालात बिल्कुल अलग है. किसी शहर की हवा कितनी शुद्ध है. इसको वायु गुणवत्ता सूचकांक (air quality index) के जरिए मापा जाता है. इसके जरिए भविष्य में प्रदूषण के स्तर के बारे में भी जानकारी मिलती है. जानकारों की माने तो शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है।
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