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चरखी दादरी के तीन जवान सेना में बने लेफ्टिनेंट, गांव वालों ने ऐसे किया सम्मान

चरखी दादरी के तीन जवान सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं. जिसके बाद तीनों जवान छुट्टी लेकर अपने घर पहुंचे हैं. इन जवानों के लिए चरखी दादरी में सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया.

चरखी दादरी के तीन जवान सेना में बने लेफ्टिनेंट, गांव वालों ने ऐसे किया सम्मान
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Published : Jun 18, 2019, 7:15 PM IST

चरखी दादरी: बचपन से घर में मिले सेना के अनुशासन का जिले के तीन किशोरों पर इस कदर असर पड़ा कि, उन्होंने देश सेवा का रास्ता चुन लिया. परिजन भी अपने बेटे को देश सेवा के लिए फौज में अफसर बनाकर भेजने पर गर्व महसूस कर रहे हैं. सेना में कमीशन प्राप्त कर लेफ्टिनेंट बनकर दादरी लौटे तीन फौजी अफसरों को विभिन्न खापों, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की तरफ से सम्मानित किया गया.

लेफ्टिनेंट बन कर चरखी दादरी पहुंचे तीनों जवानों का चरखी दादरी के लोगों ने किया शानदार स्वागत, देखिए खास रिपोर्ट

पूर्व मंत्री ने किया सम्मानित
दादरी रोडवेज जीएम धनराज कुंडू के बेट विक्रम कुंडू, अध्यापक नेता रमेश सांगवान के बेटे हिमांशु सांगवान और गांव छपार निवासी नवदीप सांगवान को सम्मानित किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, पूर्व विधायक जगजीत सांगवान, महंत चरणदास, अजीत फौगाट, सांगवान खाप प्रधान सोमबीर सांगवान ने संयुक्त रूप से तीनों युवा अफसरों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि, जिले के तीनों युवाओं ने आर्मी में लेफ्टिनेंट बनकर अपने घरवालों का मान बढ़ाया है.

'परिजनों की प्रेरणा से संभव हुआ है'
इस मौके पर तीनों लेफ्टिनेंट ने अपने संबोधन में कहा कि उनके परिजनों की इच्छा थी कि उसके बेटे सेना में जवान की बजाए अफसर के रूप में सेवा दे. अब जब उसने मंजिल प्राप्त कर ली है. यह सब उनके परिजनों की प्रेरणा से ही संभव हुआ है. विक्रम कुंडू कहते हैं कि उन्होंने सेना में अफसर बनने के लिए प्राइवेट नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई की.

विक्रम की मां ने जो कहा वो वाकई गर्व की बात है
विक्रम की मां अनिता कुंडू ने कहा कि बॉर्डर पर जो शहीद होते हैं, वे भी किसी मां के बेट हैं. मैंने बेटे को देश सेवा के लिए सेना में भेजा है. यह उनके लिए गर्व की बात है कि बेटा सेना में अफसर बनकर देशवासियों की हिफाजत करेगा. वहीं महंत चरणदास ने कहा क्षेत्र के युवाओं ने सेना में अफसर बनकर नाम रोशन किया है. यहां के युवाओं में देश के लिए जज्बा और सेवा करने का जुनून है. यहीं वजह है कि इस क्षेत्र का सेना में सबसे ज्यादा योगदान रहता है.

चरखी दादरी: बचपन से घर में मिले सेना के अनुशासन का जिले के तीन किशोरों पर इस कदर असर पड़ा कि, उन्होंने देश सेवा का रास्ता चुन लिया. परिजन भी अपने बेटे को देश सेवा के लिए फौज में अफसर बनाकर भेजने पर गर्व महसूस कर रहे हैं. सेना में कमीशन प्राप्त कर लेफ्टिनेंट बनकर दादरी लौटे तीन फौजी अफसरों को विभिन्न खापों, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की तरफ से सम्मानित किया गया.

लेफ्टिनेंट बन कर चरखी दादरी पहुंचे तीनों जवानों का चरखी दादरी के लोगों ने किया शानदार स्वागत, देखिए खास रिपोर्ट

पूर्व मंत्री ने किया सम्मानित
दादरी रोडवेज जीएम धनराज कुंडू के बेट विक्रम कुंडू, अध्यापक नेता रमेश सांगवान के बेटे हिमांशु सांगवान और गांव छपार निवासी नवदीप सांगवान को सम्मानित किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, पूर्व विधायक जगजीत सांगवान, महंत चरणदास, अजीत फौगाट, सांगवान खाप प्रधान सोमबीर सांगवान ने संयुक्त रूप से तीनों युवा अफसरों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि, जिले के तीनों युवाओं ने आर्मी में लेफ्टिनेंट बनकर अपने घरवालों का मान बढ़ाया है.

'परिजनों की प्रेरणा से संभव हुआ है'
इस मौके पर तीनों लेफ्टिनेंट ने अपने संबोधन में कहा कि उनके परिजनों की इच्छा थी कि उसके बेटे सेना में जवान की बजाए अफसर के रूप में सेवा दे. अब जब उसने मंजिल प्राप्त कर ली है. यह सब उनके परिजनों की प्रेरणा से ही संभव हुआ है. विक्रम कुंडू कहते हैं कि उन्होंने सेना में अफसर बनने के लिए प्राइवेट नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई की.

विक्रम की मां ने जो कहा वो वाकई गर्व की बात है
विक्रम की मां अनिता कुंडू ने कहा कि बॉर्डर पर जो शहीद होते हैं, वे भी किसी मां के बेट हैं. मैंने बेटे को देश सेवा के लिए सेना में भेजा है. यह उनके लिए गर्व की बात है कि बेटा सेना में अफसर बनकर देशवासियों की हिफाजत करेगा. वहीं महंत चरणदास ने कहा क्षेत्र के युवाओं ने सेना में अफसर बनकर नाम रोशन किया है. यहां के युवाओं में देश के लिए जज्बा और सेवा करने का जुनून है. यहीं वजह है कि इस क्षेत्र का सेना में सबसे ज्यादा योगदान रहता है.

Intro:घर में बचपन से मिला सेना का अनुशासन, सेना में लेफ्टिनेंट बने
: देश सेवा के लिए बेटे को फौज में भेजना परिजनों को है गर्व
-लेफ्टिनेंट विक्रम, हिमांशु व नवदीप को सम्मानित किया
चरखी दादरी। बचपन से घर में मिले सेना के अनुशासन का जिले के तीन किशोरों पर इस कदर असर पड़ा कि अब जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही उन्होंने देश सेवा का रास्ता चुन लिया। परिजन भी अपने बेटे को देश सेवा के लिए फौज में अफसर बनाकर भेजने का गर्व कर रहे हैं। सेना में कमीशन प्राप्त कर लेफ्टिनेंट बनकर दादरी लौटे तीन फौजी अफसरों को विभिन्न खापों, राजनीतिक व सामाजिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया। Body:बाबा स्वामी दयाल सेवा संघ के तत्वावधान में आयोजित समारोह में सम्मानित होने वाले दादरी रोडवेज जीएम धनराज कुंडू के बेट विक्रम कुंडू, अध्यापक नेता रमेश सांगवान के बेटे हिमांशु सांगवान व गांव छपार निवासी नवदीप सांगवान को सम्मानित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, पूर्व विधायक जगजीत सांगवान, महंत चरणदास, अजीत फौगाट, सांगवान खाप प्रधान सोमबीर सांगवान ने संयुक्त रूप से तीनों युवा अफसरों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि जिले के तीनों युवाओं ने आर्मी में लेफ्टिनेंट बनकर अपने घरवालों का मान बढ़ाया है। तीनों युवा अफसरों को सम्मान देते हुए आशीर्वाद दिया और कहा कि तीनों युवाओं ने अपनी मेहनत व लगन से सेना में अफसर बनकर जिले के अन्य युवाओं के समक्ष एक मिसाल पेश की है। Conclusion:इस दौरान विक्रम कुंडू, हिमांशु व नवदीप ने कहा कि परिजनों की इच्छा थी कि उसके बेटे सेना में जवान की बजाए अफसर के रूप में सेवा दे। इसलिए अब जब उसने मंजिल प्राप्त कर ली है। यह सब उनके परिजनों की प्रेरणा से ही संभव हुआ है। विक्रम कुंडू कहते हैं कि उन्होंने सेना में अफसर बनने के लिए प्राइवेट नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई की। आज वह सेना में अफसर बनकर स्वयं को गौरवांवित महसूस है। वहीं विक्रम की मां अनिता कुंडू ने कहा कि बार्डर पर जो शहीद होते हैं, वे भी किसी मां के बेट हैं। मैने बेटे को देश सेवा के लिए सेना में भेजा है। यह उनके लिए गर्व की बात है कि बेटा सेना में अफसर बनकर देशवासियों की हिफाजत करेगा। वहीं महंत चरणदास ने कहा क्षेत्र के युवाओं ने सेना में अफसर बनकर नाम रोशन किया है। यहां के युवाओं में देश के लिए जज्बा व सेवा करने का जुनून है। यहीं कारण है कि इस क्षेत्र का सेना में सबसे ज्यादा योगदान रहता है।
विजवल:- 1
सेना में लेफ्टिनेंट बने विक्रम परिजनों के साथ, सम्मान समारोह में पहुंचते तीनों युवा अफसर, मंच पर उपस्थित अतिथि, भीड़ व सम्मानित करते हुए कट शाटस
बाईट:- 2
विक्रम कुुंडू, लेफ्टिनेंट
बाईट:- 3
अनीता देवी, मां
बाईट:- 4
महंत चरणदास, अतिथि
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