चरखी दादरी: बचपन से घर में मिले सेना के अनुशासन का जिले के तीन किशोरों पर इस कदर असर पड़ा कि, उन्होंने देश सेवा का रास्ता चुन लिया. परिजन भी अपने बेटे को देश सेवा के लिए फौज में अफसर बनाकर भेजने पर गर्व महसूस कर रहे हैं. सेना में कमीशन प्राप्त कर लेफ्टिनेंट बनकर दादरी लौटे तीन फौजी अफसरों को विभिन्न खापों, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की तरफ से सम्मानित किया गया.
पूर्व मंत्री ने किया सम्मानित
दादरी रोडवेज जीएम धनराज कुंडू के बेट विक्रम कुंडू, अध्यापक नेता रमेश सांगवान के बेटे हिमांशु सांगवान और गांव छपार निवासी नवदीप सांगवान को सम्मानित किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, पूर्व विधायक जगजीत सांगवान, महंत चरणदास, अजीत फौगाट, सांगवान खाप प्रधान सोमबीर सांगवान ने संयुक्त रूप से तीनों युवा अफसरों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि, जिले के तीनों युवाओं ने आर्मी में लेफ्टिनेंट बनकर अपने घरवालों का मान बढ़ाया है.
'परिजनों की प्रेरणा से संभव हुआ है'
इस मौके पर तीनों लेफ्टिनेंट ने अपने संबोधन में कहा कि उनके परिजनों की इच्छा थी कि उसके बेटे सेना में जवान की बजाए अफसर के रूप में सेवा दे. अब जब उसने मंजिल प्राप्त कर ली है. यह सब उनके परिजनों की प्रेरणा से ही संभव हुआ है. विक्रम कुंडू कहते हैं कि उन्होंने सेना में अफसर बनने के लिए प्राइवेट नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई की.
विक्रम की मां ने जो कहा वो वाकई गर्व की बात है
विक्रम की मां अनिता कुंडू ने कहा कि बॉर्डर पर जो शहीद होते हैं, वे भी किसी मां के बेट हैं. मैंने बेटे को देश सेवा के लिए सेना में भेजा है. यह उनके लिए गर्व की बात है कि बेटा सेना में अफसर बनकर देशवासियों की हिफाजत करेगा. वहीं महंत चरणदास ने कहा क्षेत्र के युवाओं ने सेना में अफसर बनकर नाम रोशन किया है. यहां के युवाओं में देश के लिए जज्बा और सेवा करने का जुनून है. यहीं वजह है कि इस क्षेत्र का सेना में सबसे ज्यादा योगदान रहता है.