चरखी दादरी: प्रदेश के अधिकांश जिलों में ओवरलोडिंग का खेल खुलेआम जारी है. दादरी जिले में प्रशासन और पुलिस द्वारा नाकाबंदी की गई, लेकिन फिर भी ओवरलोडिंग का गंदा खेल किसके इशारे पर लगातार हो रहा है. अब इस पूरे मामले का भंडाफोड़ स्पेशल पुलिस टीम द्वारा पकड़े गए दो दलालों और दादरी आरटीए कार्यालय के पकड़े गए असिस्टेंट सेक्रेटरी और क्लर्क द्वारा किया गया है.
हर ओवरलोड गाड़ी से 8 हजार की करते थे वसूली
पुलिस टीम ने झज्जर जिले के गांव खरमाण निवासी रविंद्र उर्फ काला और रोहतक के डेयरी मोहल्ला निवासी सुरेंद्र राठी को सांपला में काबू किया था. इस दौरान पुलिस ने दोनों दलालों से करीब साढ़े 13 लाख रुपए की नकदी भी बरामद की थी. एफआईआर के मुताबिक दोनों दलाल मिलकर दादरी और नारनौल में डस्ट, रेती, रोड़ी की ओवरलोडिंग गाडियों का बिना चालान काटे निकलवाने के लिए 8 हजार रुपए प्रति गाड़ी लेते थे.
रात के अंधेरे में आरटीए कर्मियों के घर छापे
पुलिस ने दोनों दलालों की गिरफ्तारी के बाद चरखी दादरी शहर में छापेमारी कर कार्रवाई की. इस दौरान किराये के मकान में रह रहे मनीष मदान और अमित को काबू किया तो उनसे कैश बरामद हुआ. पुलिस टीम को छापे के दौरान करीब 50 लाख रुपए की नकदी, एक लैपटॉप और एक डायरी भी बरामद हुई है. ऐसे में लैपटॉप और डायरी की जांच के बाद बड़ा घोटाला सामने आ सकता है.
घोटालों की सुखियों में रहा है आरटीए कार्यालय
चरखी दादरी क्षेत्र में खनन के दौरान हजारों बड़ी गाडियां प्रतिदिन यहां से निकलती हैं. सीएम फ्लाइंग की टीमों द्वारा अनेकों बार चरखी दादरी आरटीए कार्यालय में कार्रवाई की जा चुकी है. सबसे पहले इस कार्यालय द्वारा सैकड़ों वाहनों की फर्जी आरसी बनाने का मामला सामने आया था. इसके अलावा यहां पर टीम द्वारा दो आरटीए सचिवों के खिलाफ भी ओवरलोडिंग के नाम पर वसूली का मामला दर्ज हो चुका है. अब एक बार फिर लाखों का घोटाला सामने आया है.