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ऐसे मौके जब वित्त मंत्री ने नहीं प्रधानमंत्री ने पेश किया था बजट... - UNION BUDGET 2025

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लगातार आठवें बार केंद्रीय बजट 2025 को पेश करेंगी.

Union Budget 2025
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2025, 11:53 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2025 मोदी 3.0 का दूसरा पूर्ण बजट होगा. इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा, जो उनका लगातार आठवां केंद्रीय बजट प्रस्तुतीकरण होगा. इसके साथ ही वह लगातार आठ केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी. इससे पहले यह रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम था, जिन्होंने लगातार छह बजट पेश किए थे. हालांकि देसाई ने कुल 10 बजट पेश किए, जिनमें से आठ वार्षिक और दो अंतरिम बजट थे. इस तरह वह अब तक सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाने वाले व्यक्ति बन गए हैं.

प्रधानमंत्री के तौर पर बजट पेश
परंपरागत रूप से वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किया जाता है, लेकिन भारतीय इतिहास में ऐसे भी हालात रहे हैं जब प्रधानमंत्री को इसे पेश करना पड़ा. पहला और सबसे मशहूर उदाहरण जवाहरलाल नेहरू का है, जिन्होंने 1958 में ऐसा किया था. क्योंकि मुंद्रा घोटाले के विवरण सार्वजनिक होने के बाद उसी वर्ष 12 फरवरी को तत्कालीन वित्त मंत्री टी टी कृष्णमाचारी को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इसके बाद नेहरू को वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालना पड़ा था.

इसी तरह इंदिरा गांधी ने 1970 में बजट पेश किया था, जब मोरारजी देसाई ने 1969 में इस्तीफा दे दिया था और राजीव गांधी ने जनवरी से जुलाई 1987 के बीच कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था, क्योंकि उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री वीपी सिंह को उनके पद से हटा दिया था.

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नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2025 मोदी 3.0 का दूसरा पूर्ण बजट होगा. इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा, जो उनका लगातार आठवां केंद्रीय बजट प्रस्तुतीकरण होगा. इसके साथ ही वह लगातार आठ केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी. इससे पहले यह रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम था, जिन्होंने लगातार छह बजट पेश किए थे. हालांकि देसाई ने कुल 10 बजट पेश किए, जिनमें से आठ वार्षिक और दो अंतरिम बजट थे. इस तरह वह अब तक सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाने वाले व्यक्ति बन गए हैं.

प्रधानमंत्री के तौर पर बजट पेश
परंपरागत रूप से वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किया जाता है, लेकिन भारतीय इतिहास में ऐसे भी हालात रहे हैं जब प्रधानमंत्री को इसे पेश करना पड़ा. पहला और सबसे मशहूर उदाहरण जवाहरलाल नेहरू का है, जिन्होंने 1958 में ऐसा किया था. क्योंकि मुंद्रा घोटाले के विवरण सार्वजनिक होने के बाद उसी वर्ष 12 फरवरी को तत्कालीन वित्त मंत्री टी टी कृष्णमाचारी को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इसके बाद नेहरू को वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालना पड़ा था.

इसी तरह इंदिरा गांधी ने 1970 में बजट पेश किया था, जब मोरारजी देसाई ने 1969 में इस्तीफा दे दिया था और राजीव गांधी ने जनवरी से जुलाई 1987 के बीच कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था, क्योंकि उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री वीपी सिंह को उनके पद से हटा दिया था.

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