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ग्रीन कॉरिडोर मुआवजा वृद्धि मामला: लिखित आश्वासन पर अड़े किसान

लोकसभा चुनाव के दौरान जिले के 17 गांवों के किसानों का धरना सरकार के गले की फांस बना हुआ है. ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर किसान धरने पर बैठे हैं.

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Published : Apr 26, 2019, 5:53 PM IST

मुआवजे में वृध्दि की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान

चरखी दादरी: गांव रामनगर में जिले के 17 गांवों के किसान पिछले 26 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा ने कलेक्टर रेट निर्धारित करके दिया जाना चाहिए. इसी मांग को लेकर किसानों सरकार और सरकार के प्रतिनिधियों का विरोध कर रहे हैं.

अन्य पार्टियों के नेताओं द्वारा भी किसानों के धरने को समर्थन दिया जा रहा है. चुनाव के समय किसानों का आंदोलन सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है. ऐसे में सरकार के उच्चाधिकारियों ने अगुवाई करते हुए किसानों की मांग पर विचार करना शुरू कर दिया है. बृस्पतिवार को किसानों का प्रतिनिधिमंडल की सरकार के मुख्य सचिव सहित कई उच्चाधिकारियों के साथ वार्ता हुई. वार्ता के दौरान किसानों ने लिखित आश्वासन मिलने तक धरना जारी रखने का फरमान सुनाया. उच्चाधिकारियों द्वारा किसानों की मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया.

मुआवजे में वृध्दि की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान

धरने पर किसान प्रतिनिधिमंडल द्वारा किसानों को उच्चाधिकारियों की वार्ता बारे अवगत करवाया. किसानों का कहना है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा. किसान नेता विनोद मोड़ी और अनूप खातीवास ने कहा कि अब किसान आगामी आंदोलन को लेकर रणनीति बना रहे हैं. हालांकि उनको उच्चाधिकारियों द्वारा आश्वासन मिला है, लेकिन जब तक लिखित में कुछ नहीं मिलता, उनका आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही कहा कि जल्द समाधान नहीं तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

चरखी दादरी: गांव रामनगर में जिले के 17 गांवों के किसान पिछले 26 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा ने कलेक्टर रेट निर्धारित करके दिया जाना चाहिए. इसी मांग को लेकर किसानों सरकार और सरकार के प्रतिनिधियों का विरोध कर रहे हैं.

अन्य पार्टियों के नेताओं द्वारा भी किसानों के धरने को समर्थन दिया जा रहा है. चुनाव के समय किसानों का आंदोलन सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है. ऐसे में सरकार के उच्चाधिकारियों ने अगुवाई करते हुए किसानों की मांग पर विचार करना शुरू कर दिया है. बृस्पतिवार को किसानों का प्रतिनिधिमंडल की सरकार के मुख्य सचिव सहित कई उच्चाधिकारियों के साथ वार्ता हुई. वार्ता के दौरान किसानों ने लिखित आश्वासन मिलने तक धरना जारी रखने का फरमान सुनाया. उच्चाधिकारियों द्वारा किसानों की मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया.

मुआवजे में वृध्दि की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान

धरने पर किसान प्रतिनिधिमंडल द्वारा किसानों को उच्चाधिकारियों की वार्ता बारे अवगत करवाया. किसानों का कहना है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा. किसान नेता विनोद मोड़ी और अनूप खातीवास ने कहा कि अब किसान आगामी आंदोलन को लेकर रणनीति बना रहे हैं. हालांकि उनको उच्चाधिकारियों द्वारा आश्वासन मिला है, लेकिन जब तक लिखित में कुछ नहीं मिलता, उनका आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही कहा कि जल्द समाधान नहीं तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

Intro:ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि का मामला:-
मागों का लिखित आश्वासन नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा
: धरने पर बैठे जिले के 17 गांवों के किसान बना रहे रणनीति
: चंडीगढ में उच्चाधिकारियों से किसानों की हुई वार्ता, मिला आश्वासन
चरखी दादरी। लोकसभा चुनाव के दौरान जिले के 17 गांवों के किसानों का धरना सरकार व भाजपा पार्टी के लिए गले की फांस बना है। ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान जहां अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं वहीं चंडीगढ बैठे उच्चाधिकारियों द्वारा किसानों से वार्ता कर धरनारत किसानों को समझाने में जुटे हैं। अब किसानों ने निर्णय लिया है कि उनको लिखित आश्वासन नहीं मिलता तो आंदोलन लगातार जारी रहेगा। साथ ही आगामी बड़ा आंदोलन को लेकर रणनीति बना रहे हैं। Body:चरखी दादरी के गांव रामनगर में जिले के 17 गांवों के किसान पिछले 26 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा नये कलेक्टर रेट निर्धारित करके दिया जाना चाहिए। इसी मांग को लेकर किसानों का सरकार व सरकार के प्रतिनिधियों का विरोध किया जा रहा है। अन्य पार्टियों के नेताओं द्वारा भी किसानों के धरने को समर्थन दिया गया है। चुनाव के समय किसानों का आंदोलन भाजपा पार्टी के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। ऐसे में हरियाणा सरकार के उच्चाधिकारियों ने अगुवाई करते हुए किसानों की मांग पर विचार करना शुरू कर दिया है। बृस्पतिवार को किसानों का प्रतिनिधिमंडल की सरकार के मुख्य सचिव सहित कई उच्चाधिकारियों के साथ वार्ता हुई। वार्ता के दौरान किसानों ने लिखित आश्वासन मिलने तक धरना जारी रखने का फरमान सुनाया। हालांकि उच्चाधिकारियों द्वारा किसानों की मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन भी दिया। Conclusion:धरने पर किसान प्रतिनिधिमंडल द्वारा किसानों को उच्चाधिकारियों की वार्ता बारे अवगत करवाया और फैसला लिया कि उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेता विनोद मोड़ी व अनूप खातीवास ने कहा कि अब किसान आगामी आंदोलन को लेकर रणनीति बना रहे हैं। हालांकि उनको उच्चाधिकारियों द्वारा आश्वासन मिला है। लेकिन जब तक लिखित में कुछ नहीं मिलता तो उनका आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही कहा कि जल्द समाधान नहीं तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
विजवल:-1
धरने पर बैठे किसान, रणनीति बनाते हुए व धरने के कट शाटस
बाईट:- 2
विनोद मोड़ी, किसान नेता
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