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कृषि कानूनों की तारीफ में बोले अशोक खेमका- सरसों के बेहतर दाम मिले तो कानून काले कैसे? - अशोक खेमका सरसों तेल दाम

तीनों कृषि कानूनों (Three agriculture laws) का विरोध तो पूरे देश में हो रहा है, लेकिन इसी बीच सरकार से मुखर रहने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने कानूनों की तारीफ की. यही नहीं अशोक खेमका ने कानूनों का विरोध करने वालों से सवाल भी कर दिए.

senior ias officer ashok khemka praised
कृषि कानूनों की तारीफ में बोले अशोक खेमका
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Published : Jun 4, 2021, 4:43 PM IST

चंडीगढ़: सरकारों की गलत नीतियों खिलाफ मुखर रहने वाले हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर अशोक खेमका (Senior IAS officer Ashok Khemka) ने इस बार केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों की तारीफ की है. अशोक खेमका ने एक ट्वीट कर लोगों से सवाल किया है कि जब किसानों के फसलों का मुनाफा मिल रहा है तो ये कानून काले कैसे हो सकते हैं.

आईपीएस अशोक खेमका ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, ''इस वर्ष किसानों को सरसों का बेहतर मूल्य सरकारी मंडी के बाहर मिला. हरियाणा राज्य में किसानों ने अबकी बार सिर्फ 25 लाख क्विंटल सरसों सरकारी मडियों में बेची. लगभग दोगुना, यानी 50 लाख क्विंटल, किसानों ने मंडी के बाहर बेची है. क्या नए कृषि कानून सचमुच काले हैं?''

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वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर अशोक खेमका का ट्वीट

यूजर्स ने कुछ यूं दी प्रतिक्रिया?

अशोक खेमका के ट्वीट करने के बाद लोग उनके इस पोस्ट पर पक्ष और विपक्ष में कमेंट करने लगे. कुछ लोगों ने इन तीनों कृषि कानूनों का विरोध महज राजनीतिक बताया, तो किसी ने इसे महज संयोग ही बताया. वहीं बहुत से यूजर्स ने अभी भी सरकार के इस फैसले को सिर्फ और सिर्फ कारोबारियों के हित में बताया. लोगों का कहना है कि किसानों को कुछ मुनाफा दिखा कर ठगा जाएगा.

ये पढ़ें- फिर खबरों में आईएएस अशोक खेमका, इस बड़े अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप

हरियाणा में पहली बार हुई सरसों की बंपर प्राइवेट खरीद

बता दें, हरियाणा में इस साल सरसों की खरीद निजी व्यापारियों द्वारा की गई. अधिकतर किसानों ने अपनी सरसों की फसल प्राइवेट सेक्टर में बेची. इसके पीछे एक मुख्य कारण ये है कि सरकार द्वारा सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था, लेकिन निजी खरीदारों ने 5500-6000 हजार रुपये तक सरसों खरीदी.

ये पढ़ें- IAS अशोक खेमका ने आढ़तियों को मिलने वाले कमीशन पर उठाए सवाल

चंडीगढ़: सरकारों की गलत नीतियों खिलाफ मुखर रहने वाले हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर अशोक खेमका (Senior IAS officer Ashok Khemka) ने इस बार केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों की तारीफ की है. अशोक खेमका ने एक ट्वीट कर लोगों से सवाल किया है कि जब किसानों के फसलों का मुनाफा मिल रहा है तो ये कानून काले कैसे हो सकते हैं.

आईपीएस अशोक खेमका ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, ''इस वर्ष किसानों को सरसों का बेहतर मूल्य सरकारी मंडी के बाहर मिला. हरियाणा राज्य में किसानों ने अबकी बार सिर्फ 25 लाख क्विंटल सरसों सरकारी मडियों में बेची. लगभग दोगुना, यानी 50 लाख क्विंटल, किसानों ने मंडी के बाहर बेची है. क्या नए कृषि कानून सचमुच काले हैं?''

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वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर अशोक खेमका का ट्वीट

यूजर्स ने कुछ यूं दी प्रतिक्रिया?

अशोक खेमका के ट्वीट करने के बाद लोग उनके इस पोस्ट पर पक्ष और विपक्ष में कमेंट करने लगे. कुछ लोगों ने इन तीनों कृषि कानूनों का विरोध महज राजनीतिक बताया, तो किसी ने इसे महज संयोग ही बताया. वहीं बहुत से यूजर्स ने अभी भी सरकार के इस फैसले को सिर्फ और सिर्फ कारोबारियों के हित में बताया. लोगों का कहना है कि किसानों को कुछ मुनाफा दिखा कर ठगा जाएगा.

ये पढ़ें- फिर खबरों में आईएएस अशोक खेमका, इस बड़े अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप

हरियाणा में पहली बार हुई सरसों की बंपर प्राइवेट खरीद

बता दें, हरियाणा में इस साल सरसों की खरीद निजी व्यापारियों द्वारा की गई. अधिकतर किसानों ने अपनी सरसों की फसल प्राइवेट सेक्टर में बेची. इसके पीछे एक मुख्य कारण ये है कि सरकार द्वारा सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था, लेकिन निजी खरीदारों ने 5500-6000 हजार रुपये तक सरसों खरीदी.

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