चंडीगढ़: देश की सेवा व रक्षा में अपने जीवन का अहम हिस्सा देने वाले पूर्व सैनिक आज अपनी पेंशन संबंधी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं और सरकार से वन रैंक-वन पेंशन की विसंगतियों को दूर किए जाने की मांग कर रहे हैं. यूनाइटेड फ्रंट के आह्वान पर सोमवार को देश के सभी जिलों में यह प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में हरियाणा के रेवाड़ी, सोनीपत, सिरसा और भिवानी में भी पूर्व सैनिकों ने पेंशन विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.
पूर्व सैनिक ओआरओपी में जवानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए 20 फरवरी से दिल्ली में जंतर-मंतर पर लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में यूनाइटेड फ्रंट ने 3 अप्रैल को देश भर में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का आह्वान किया था. इसको लेकर हरियाणा के विभिन्न जिलों में भी पूर्व सैनिकों ने प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा.
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रेवाड़ी में पूर्व सैनिकों का रोष मार्च : रेवाड़ी में भी पूर्व सैनिकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वन रैंक वन पेंशन सहित विभिन्न मांगों को लेकर पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. इससे पूर्व पूर्व सैनिकों ने शहर में रोष मार्च निकाला. इसके बाद पूर्व सैनिक जिला सचिवालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा.
सिरसा में पूर्व सैनिकों का प्रदर्शन: सिरसा में पूर्व सैनिकों ने सरकार से वन रैंक-वन पेंशन की मांग करते हुए कहा कि जब तक सरकार वन रैंक-वन पेंशन योजना में विसंगतियों को दूर नहीं करती है, पूर्व सैनिक अपना संघर्ष जारी रखेंगे. सूबेदार ज्योति प्रसाद ने बताया कि रिटायर्ड सेना कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर वे लघु सचिवालय सिरसा पहुंचे हैं और अपनी मांगों को लेकर एक मांग पत्र डीसी को दिया है. उन्होंने बताया कि तीसरे पे कमीशन से पहले सेना के जवान को 75 प्रतिशत पेंशन मिलती थी जो कि बाद में 50 प्रतिशत कर दी गई है.
भिवानी में पूर्व सैनिकों के समर्थन में जुटे कई संगठन : इसी कड़ी में सोमवार को एक्स सर्विस मैन जनकल्याण सेवा समिति, हरियाणा एक्स सर्विसमैन लीग, एक्स सर्विस मैन वेलफेयर सोसायटी, हमारा अपना फाउंडेशन सैनिक प्रकोष्ठ, डिफेंस वेटरन ऑर्गेनाइजेशन सहित विभिन्न पूर्व सैनिक संगठनों से समस्त पूर्व सैनिक व सैनिक संगठन सड़कों उतरे. पूर्व सैनिकों ने शहर में प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.
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इस मौके पर हरियाणा एक्स सर्विसमैन लीग के प्रधान सूबेदार मेजर सुरेंद्र कौशिक ने आरोप लगाया कि वन रैंक-वन पेंशन में वेतन विसंगतियों को जल्द से जल्द दूर किया जाए. इसके साथ ही 2017 के बाद आए प्रीमैच्योर पेंशनर को भी ओआरओपी में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि डिसेबिलिटी पेंशन और विधवा पेंशन एक समान की जाए. इन मांगों को लेकर पूर्व सैनिक पिछले लंबे समय से संघर्षरत हैं, लेकिन सरकार उनकी सुनवाई करने की बजाए पूर्व सैनिकों के हकों की अनदेखी कर रही है.
जवान और अधिकारियों की पेंशन में है अंतर: वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर आज सैकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिक सोनीपत लघु सचिवालय पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. सोनीपत में प्रदर्शन के दौरान पूर्व सैनिकों ने कहा कि अधिकारियों और जवानों की पेंशन में बहुत ज्यादा अंतर है. इसे समाप्त किया जाना चाहिए. पूर्व सैनिकों का कहना है कि अधिकारी और जवान की पेंशन में अंतर को समाप्त करने के लिए वे एक लंबी लड़ाई लड़ चुके हैं, लेकिन कोई भी इस मांग को पूरा नहीं कर रहा है. इसीलिए आज वे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने के लिए पहुंचे हैं.
गुरुग्राम में पूर्व सैनिकों का प्रदर्शन: अपनी मांग को लेकर गुरुग्राम की सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिक इकट्ठा हुए. दरअसल सैनिकों की मांग है कि केंद्र सरकार ने वन पेंशन वन रैंक को तो लागू कर दिया लेकिन अभी भी इसमें कुछ खामियां हैं. जिसको लेकर गुरुग्राम के पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपा है. पूर्व सैनिकों की मांग की कि सेना में ऑफिसर, जेसीओ और ओआरसी यह सभी सेना के तीन हिस्से हैं और जब से वन रैंक वन पेंशन लागू की गई है तब से इन सभी की एक ही पेंशन होनी चाहिए. लेकिन, अभी भी सभी की पेंशन और भत्ता अलग-अलग है.