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Haryana Cabinet Meeting: कर्मचारी रोजगार सृजन सब्सिडी में बढ़ोतरी के साथ कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली है. हरियाणा कैबिनेट ने प्रदेश में एसजीएसटी प्रतिपूर्ति और निवेश सब्सिडी को कुल 50 फीसदी पर कैपिंग करने को मंजूरी दी है. इसके अलावा कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. (Haryana Cabinet Meeting)

Haryana Cabinet Meeting
हरियाणा कैबिनेटी की बैठक
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Published : Apr 5, 2023, 7:05 PM IST

चंडीगढ़: राज्य के स्थानीय युवाओं में निवेश के प्रति आकर्षण की भावना को बढ़ावा देने और रोजगार के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी)-2020 के तहत कर्मचारी रोजगार सृजन सब्सिडी को बढ़ाकर 36000 रुपए से 48,000 रुपए तक तय करने का निर्णय लिया गया है. यह सब्सिडी बी, सी और डी ब्लॉक में हर साल हर कर्मचारी के लिए 10 साल तक लागू होगी.

कर्मचारी रोजगार सृजन सब्सिडी में बढ़ोतरी: मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी)-2020 के तहत कर्मचारी रोजगार सृजन सब्सिडी को बढ़ाकर 36000 रुपए से 48,000 रुपए तक तय करने का निर्णय लिया गया है. मंत्रिमंडल ने एसजीएसटी प्रतिपूर्ति व निवेश सब्सिडी को कुल 50 प्रतिशत पर कैपिंग करने को भी मंजूरी दी है जो निवेशक फर्म द्वारा अधिकतम एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति कुल एसजीएसटी का 50 प्रतिशत भुगतान किया गया हो.

हरियाणा रिहायशी प्रमाण पत्र, मान्यता प्राप्त ईएसआई, पीएफ नंबर से पे-रोल या अनुबंध पर 40,000 रुपये तक प्रति माह वेतन के रूप में कमाने वाले राज्य के कुशल/अर्ध-कुशल, अकुशल कर्मचारियों की क्षमता निर्माण करने के लिए रोजगार सृजन सब्सिडी प्रदान करने का सुझाव दिया गया था. मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद यह सब्सिडी ग्रुप बी, सी व डी ब्लॉक में 10 साल के लिए प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 48,000 रुपए तय होगी.

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हरियाणा कैबिनेटी की बैठक

आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार: हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को बड़ी राहत देते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार किया है. इस नीति का उद्देश्य राज्य सरकार के सभी लाभार्थियों तक अपनी पहुंच के माध्यम से आयुष प्रणाली का उत्थान करना है मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया. मंत्रिमंडल की बैठक मे सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी ( SMDA ), सोनीपत, 2023 विधेयक के मसौदे को भी मंजूरी दी गई. इस विधेयक का उद्देश्य सोनीपत मेट्रोपॉलिटन एरिया के शासन के लिए मौजूदा संस्थागत ढांचे को मजबूत करना है.

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, ग्रुप (ख) निदेशालय तथा क्षेत्रीय कार्यालय, सेवा नियम, 2023 को मंजूरी प्रदान की गई. नये नियमों में सहायक निदेशक (तकनीकी), वरिष्ठ शिक्षुता पर्यवेक्षक, प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता इंजीनियरिंग में डिग्री निर्धारित की गई है.

वर्तमान में मौजूदा नियमों के अनुसार उपरोक्त पदों के लिए इंजीनियरिंग में डिप्लोमा/डिग्री निर्धारित योग्यता थी. वित्त एवं योजना अधिकारी, प्रधानाचार्य (फुटवियर), प्रशिक्षण अधिकारी (बीटीसी) शिक्षुता और प्लेसमेंट अधिकारी के नये सृजित पदों को भरने के लिए नियमों में प्रावधान किया गया है और जो पद समाप्त हुए हैं या अपग्रेड हुए हैं, उन पदों को नियमों से हटाया गया है. कम्प्यूटर पर कार्य करने की प्रवीणता लाने के लिए कम्प्यूटर एप्रिसिएशन एवं एप्लीकेशन में राज्य पात्रता परीक्षा (एसईटीसी) पास करने का प्रावधान किया गया है.

मंत्रिमंडल की बैठक में नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सी.आर.आई.डी.) को हरियाणा सरकार के कार्य (आवंटन) नियम, 1974 के तहत स्वतंत्र विभाग के रूप में सूचीबद्ध करने की स्वीकृति प्रदान की गई. सी.आर.आई.डी. ने प्रदेशभर में पी.पी.पी. को लागू किया है और साथ ही हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों/एजेंसियों की विभिन्न योजनाओं/पोर्टेबल में ई-गवर्नेंस सिद्धांतों का एकीकरण किया है. सी.आर.आई.डी. ने अन्य योजनाओं और सेवाओं के डेटा के साथ डेटा संग्रह, डेटा सत्यापन और पी.पी.पी. डेटा के एकीकरण पर काम किया है.

ले-आउट और भवन नक्शों के संशोधन से जुड़े मामलों पर चर्चा: बैठक में लाइसेंसशुदा कॉलोनियों में फेजिंग के लिए नीति और ले-आउट प्लान और बिल्डिंग प्लान के पुनरीक्षण के लिए दो-तिहाई आवंटियों से सहमति लेने की स्वीकृति प्रदान की गई. इस नीति का उद्देश्य लेआउट और भवन नक्शों के संशोधन से जुड़े मामलों में आपत्तियां, सुझाव आमंत्रित करने और आवंटियों की सहमति लेने की आवश्यकता के संदर्भ में मुद्दों और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है. नीति का लक्ष्य वर्तमान लाइसेंसों पर उठ रहे अधिकांश विवादों का समाधान करने के साथ-साथ ले-आउट प्लान को संशोधित करना है.

बकाया लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क और उस पर लागू ब्याज जमा करने में चूक करने वाले कॉलोनाइजरों को राहत देते हुए हरियाणा ने अपनी तरह की एक और एकमुश्त समाधान योजना 'विवादों का समाधान' की शुरुआत की है. यह योजना इसकी अधिसूचना से छह महीने की अवधि के लिए खुली रहेगी.हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्रों के नियमन नियम, 1976 के नियम 13 के अनुसार लाइसेंसधारी को लाइसेंस की वैधता अवधि के भीतर विकास कार्यों को पूरा करने में विफल रहने पर लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होता है.

लाइसेंसधारी को लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए प्रस्तुत करने में विलम्ब या घाटे के नवीनीकरण शुल्क के मामले में 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज शुल्क का भुगतान करना पड़ता है. अब ऐसे विलंबों को विलंबित अवधि के लिए 18 प्रतिशत प्रति वर्ष के बराबर संयोजन शुल्क चार्ज करके संयोजन नीति के अनुसार संयोजित किया जाता है. इसलिए, आवंटी के हितों की रक्षा के लिए, विवाद का समाधान पेश किया गया है. यह एकमुश्त राहत नीति, जिसे ईडीसी राहत नीति 'समाधान से विकास' की तर्ज पर तैयार किया गया है.

हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न में पांच विकल्प: मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत मंत्रिपरिषद और संबंधित मामलों की शक्तियां मुख्यमंत्री को सौंपे जाने की स्वीकृति प्रदान की है. मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न में पांच विकल्प यानी (ए, बी, सी, डी और ई) उपलब्ध होंगे. यदि कोई अभ्यर्थी किसी प्रश्न को अटेम्प्ट करता है, तो उसे उपयुक्त गोले 'ए', 'बी', 'सी' या 'डी' को काला करना होगा और यदि कोई प्रश्न नहीं करना है, तो उसे ‘ई’ गोले को काला करना होगा. यदि किसी भी गोले को काला नहीं किया जाता है, तो एक चौथाई (0.25) अंक काट लिए जाएंगे. कोई भी उम्मीदवार 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में पांच गोलों में से किसी एक को काला नहीं करता है, उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.

हरियाणा डिस्पोजल ऑफ रेंटेड गवर्नमेंट प्रॉपर्टीज पॉलिसी-2023 को स्वीकृति: मंत्रिमंडल की बैठक में द हरियाणा डिस्पोजल ऑफ रेंटेड गवर्नमेंट प्रॉपर्टीज पॉलिसी-2023 को स्वीकृति प्रदान की. यह नीति सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और प्राधिकरणों को अपनी संपत्ति (दुकानों/मकानों), जो कि पिछले 20 वर्षों या उससे अधिक समय से किराए या पट्टे के माध्यम से व्यक्तियों या निजी संस्थानों के कब्जे में हैं, उस संपत्ति को बेचने के लिए एक व्यापक नीति है. सरकार के संज्ञान में आया है कि राज्य में शहरी स्थानीय निकायों के स्वामित्व वाली कई संपत्तियां हैं, जिन्हें 20 साल से अधिक समय पहले अलग-अलग व्यक्तियों या निजी संस्थाओं को पट्टे या किराए पर दिया गया था.

सरकार ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया है कि चूंकि इन संपत्तियों को काफी समय पहले किराए /पट्टे पर दिया गया था, इसलिए किराये या पट्टे के किराये के रूप में केवल एक मामूली राशि तय की गई थी, जबकि संपत्ति का मूल्य कई गुना ज्यादा था. बैठक में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप-सी और ग्रुप-डी पदों पर सामान्य पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को पंजीकरण के समय आधार प्रमाणीकरण सेवा का उपयोग http://onetimeregn.haryana.gov.in पोर्टल पर अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया.

भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाने पर जोर: भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाने और भर्ती उद्देश्य विशेष रूप से कंप्यूटर डेटा में फर्जी या डुप्लीकेट उम्मीदवारों की अनावश्यक जानकारी को समाप्त करने में सहायता के लिए यह निर्णय लिया गया है. इससे सीधी सरकारी भर्ती प्रक्रिया में विश्वसनीयता भी सुनिश्चित होगी. जब कोई व्यक्ति अपने बायोमेट्रिक डेटा को साझा करने के लिए सहमत होता है, तो आधार अधिनियम में निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है. सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न निर्णयों में आधार की वैधता को बरकरार रखा है.

ये भी पढ़ें: Haryana Cabinet Meeting: हरियाणा कैबिनेट बैठक में 36 एजेंडों में से 33 को मिली मंजूरी, पढ़ें कैबिनेट के बड़े फैसले

चंडीगढ़: राज्य के स्थानीय युवाओं में निवेश के प्रति आकर्षण की भावना को बढ़ावा देने और रोजगार के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी)-2020 के तहत कर्मचारी रोजगार सृजन सब्सिडी को बढ़ाकर 36000 रुपए से 48,000 रुपए तक तय करने का निर्णय लिया गया है. यह सब्सिडी बी, सी और डी ब्लॉक में हर साल हर कर्मचारी के लिए 10 साल तक लागू होगी.

कर्मचारी रोजगार सृजन सब्सिडी में बढ़ोतरी: मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी)-2020 के तहत कर्मचारी रोजगार सृजन सब्सिडी को बढ़ाकर 36000 रुपए से 48,000 रुपए तक तय करने का निर्णय लिया गया है. मंत्रिमंडल ने एसजीएसटी प्रतिपूर्ति व निवेश सब्सिडी को कुल 50 प्रतिशत पर कैपिंग करने को भी मंजूरी दी है जो निवेशक फर्म द्वारा अधिकतम एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति कुल एसजीएसटी का 50 प्रतिशत भुगतान किया गया हो.

हरियाणा रिहायशी प्रमाण पत्र, मान्यता प्राप्त ईएसआई, पीएफ नंबर से पे-रोल या अनुबंध पर 40,000 रुपये तक प्रति माह वेतन के रूप में कमाने वाले राज्य के कुशल/अर्ध-कुशल, अकुशल कर्मचारियों की क्षमता निर्माण करने के लिए रोजगार सृजन सब्सिडी प्रदान करने का सुझाव दिया गया था. मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद यह सब्सिडी ग्रुप बी, सी व डी ब्लॉक में 10 साल के लिए प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 48,000 रुपए तय होगी.

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हरियाणा कैबिनेटी की बैठक

आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार: हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को बड़ी राहत देते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार किया है. इस नीति का उद्देश्य राज्य सरकार के सभी लाभार्थियों तक अपनी पहुंच के माध्यम से आयुष प्रणाली का उत्थान करना है मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया. मंत्रिमंडल की बैठक मे सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी ( SMDA ), सोनीपत, 2023 विधेयक के मसौदे को भी मंजूरी दी गई. इस विधेयक का उद्देश्य सोनीपत मेट्रोपॉलिटन एरिया के शासन के लिए मौजूदा संस्थागत ढांचे को मजबूत करना है.

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, ग्रुप (ख) निदेशालय तथा क्षेत्रीय कार्यालय, सेवा नियम, 2023 को मंजूरी प्रदान की गई. नये नियमों में सहायक निदेशक (तकनीकी), वरिष्ठ शिक्षुता पर्यवेक्षक, प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता इंजीनियरिंग में डिग्री निर्धारित की गई है.

वर्तमान में मौजूदा नियमों के अनुसार उपरोक्त पदों के लिए इंजीनियरिंग में डिप्लोमा/डिग्री निर्धारित योग्यता थी. वित्त एवं योजना अधिकारी, प्रधानाचार्य (फुटवियर), प्रशिक्षण अधिकारी (बीटीसी) शिक्षुता और प्लेसमेंट अधिकारी के नये सृजित पदों को भरने के लिए नियमों में प्रावधान किया गया है और जो पद समाप्त हुए हैं या अपग्रेड हुए हैं, उन पदों को नियमों से हटाया गया है. कम्प्यूटर पर कार्य करने की प्रवीणता लाने के लिए कम्प्यूटर एप्रिसिएशन एवं एप्लीकेशन में राज्य पात्रता परीक्षा (एसईटीसी) पास करने का प्रावधान किया गया है.

मंत्रिमंडल की बैठक में नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सी.आर.आई.डी.) को हरियाणा सरकार के कार्य (आवंटन) नियम, 1974 के तहत स्वतंत्र विभाग के रूप में सूचीबद्ध करने की स्वीकृति प्रदान की गई. सी.आर.आई.डी. ने प्रदेशभर में पी.पी.पी. को लागू किया है और साथ ही हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों/एजेंसियों की विभिन्न योजनाओं/पोर्टेबल में ई-गवर्नेंस सिद्धांतों का एकीकरण किया है. सी.आर.आई.डी. ने अन्य योजनाओं और सेवाओं के डेटा के साथ डेटा संग्रह, डेटा सत्यापन और पी.पी.पी. डेटा के एकीकरण पर काम किया है.

ले-आउट और भवन नक्शों के संशोधन से जुड़े मामलों पर चर्चा: बैठक में लाइसेंसशुदा कॉलोनियों में फेजिंग के लिए नीति और ले-आउट प्लान और बिल्डिंग प्लान के पुनरीक्षण के लिए दो-तिहाई आवंटियों से सहमति लेने की स्वीकृति प्रदान की गई. इस नीति का उद्देश्य लेआउट और भवन नक्शों के संशोधन से जुड़े मामलों में आपत्तियां, सुझाव आमंत्रित करने और आवंटियों की सहमति लेने की आवश्यकता के संदर्भ में मुद्दों और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है. नीति का लक्ष्य वर्तमान लाइसेंसों पर उठ रहे अधिकांश विवादों का समाधान करने के साथ-साथ ले-आउट प्लान को संशोधित करना है.

बकाया लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क और उस पर लागू ब्याज जमा करने में चूक करने वाले कॉलोनाइजरों को राहत देते हुए हरियाणा ने अपनी तरह की एक और एकमुश्त समाधान योजना 'विवादों का समाधान' की शुरुआत की है. यह योजना इसकी अधिसूचना से छह महीने की अवधि के लिए खुली रहेगी.हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्रों के नियमन नियम, 1976 के नियम 13 के अनुसार लाइसेंसधारी को लाइसेंस की वैधता अवधि के भीतर विकास कार्यों को पूरा करने में विफल रहने पर लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होता है.

लाइसेंसधारी को लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए प्रस्तुत करने में विलम्ब या घाटे के नवीनीकरण शुल्क के मामले में 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज शुल्क का भुगतान करना पड़ता है. अब ऐसे विलंबों को विलंबित अवधि के लिए 18 प्रतिशत प्रति वर्ष के बराबर संयोजन शुल्क चार्ज करके संयोजन नीति के अनुसार संयोजित किया जाता है. इसलिए, आवंटी के हितों की रक्षा के लिए, विवाद का समाधान पेश किया गया है. यह एकमुश्त राहत नीति, जिसे ईडीसी राहत नीति 'समाधान से विकास' की तर्ज पर तैयार किया गया है.

हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न में पांच विकल्प: मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत मंत्रिपरिषद और संबंधित मामलों की शक्तियां मुख्यमंत्री को सौंपे जाने की स्वीकृति प्रदान की है. मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न में पांच विकल्प यानी (ए, बी, सी, डी और ई) उपलब्ध होंगे. यदि कोई अभ्यर्थी किसी प्रश्न को अटेम्प्ट करता है, तो उसे उपयुक्त गोले 'ए', 'बी', 'सी' या 'डी' को काला करना होगा और यदि कोई प्रश्न नहीं करना है, तो उसे ‘ई’ गोले को काला करना होगा. यदि किसी भी गोले को काला नहीं किया जाता है, तो एक चौथाई (0.25) अंक काट लिए जाएंगे. कोई भी उम्मीदवार 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में पांच गोलों में से किसी एक को काला नहीं करता है, उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.

हरियाणा डिस्पोजल ऑफ रेंटेड गवर्नमेंट प्रॉपर्टीज पॉलिसी-2023 को स्वीकृति: मंत्रिमंडल की बैठक में द हरियाणा डिस्पोजल ऑफ रेंटेड गवर्नमेंट प्रॉपर्टीज पॉलिसी-2023 को स्वीकृति प्रदान की. यह नीति सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और प्राधिकरणों को अपनी संपत्ति (दुकानों/मकानों), जो कि पिछले 20 वर्षों या उससे अधिक समय से किराए या पट्टे के माध्यम से व्यक्तियों या निजी संस्थानों के कब्जे में हैं, उस संपत्ति को बेचने के लिए एक व्यापक नीति है. सरकार के संज्ञान में आया है कि राज्य में शहरी स्थानीय निकायों के स्वामित्व वाली कई संपत्तियां हैं, जिन्हें 20 साल से अधिक समय पहले अलग-अलग व्यक्तियों या निजी संस्थाओं को पट्टे या किराए पर दिया गया था.

सरकार ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया है कि चूंकि इन संपत्तियों को काफी समय पहले किराए /पट्टे पर दिया गया था, इसलिए किराये या पट्टे के किराये के रूप में केवल एक मामूली राशि तय की गई थी, जबकि संपत्ति का मूल्य कई गुना ज्यादा था. बैठक में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप-सी और ग्रुप-डी पदों पर सामान्य पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को पंजीकरण के समय आधार प्रमाणीकरण सेवा का उपयोग http://onetimeregn.haryana.gov.in पोर्टल पर अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया.

भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाने पर जोर: भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाने और भर्ती उद्देश्य विशेष रूप से कंप्यूटर डेटा में फर्जी या डुप्लीकेट उम्मीदवारों की अनावश्यक जानकारी को समाप्त करने में सहायता के लिए यह निर्णय लिया गया है. इससे सीधी सरकारी भर्ती प्रक्रिया में विश्वसनीयता भी सुनिश्चित होगी. जब कोई व्यक्ति अपने बायोमेट्रिक डेटा को साझा करने के लिए सहमत होता है, तो आधार अधिनियम में निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है. सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न निर्णयों में आधार की वैधता को बरकरार रखा है.

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