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हरियाणा में कांग्रेस का 'कर्नाटक रिटर्न' प्लान, भूपेंद्र हुड्डा के 5 वादे करायेंगे  सत्ता में वापसी?

हिमाचल और उसके बाद कर्नाटक की जीत ने कांग्रेस का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है. हरियाणा में भी पार्टी सत्ता वापसी की राह देख रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा में पार्टी के सबसे बड़े चेहरे भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Hooda) जनता ने कर्नाटक की तर्ज पर बड़े वादे कर रहे हैं. लेकिन हरियाणा में सियासी समीकरण और स्थिति कर्नाटक से एकदम अलग हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस हरियाणा में 'कर्नाटक रिटर्न' कर पायेगी.

Haryana Assembly Election 2024
congress karnataka formula in haryana
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Published : May 25, 2023, 10:44 AM IST

Updated : May 25, 2023, 11:35 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Election 2024) से पहले मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस बीजेपी और सरकार पर आक्रामक हो गई है. एक तरफ कांग्रेस दूसरे दलों के बड़े नेताओं को पार्टी से जोड़ रही है वहीं सरकार के खिलाफ मुद्दों के साथ भी हमला कर रही है. बुधवार को भी बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस ज्वाइन किया. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार से सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि उनके कार्यकर्ता भी परेशान हैं.

2014 के मुकाबले कांग्रेस ने 2019 में बेहतर प्रदर्शन किया. 2014 में कांग्रेस को केवल 15 सीटें मिली थी जबकि 2019 में कांग्रेस के कुल 31 विधायक जीते. इस चुनाव में बीजेपी को 40 सीटें मिली. कांग्रेस भले सरकार नहीं बना पाई लेकिन उसने अच्छा प्रदर्शन किया था. हमेशा की तरह इस बार भी कांग्रेस के आगे कई चुनौतियां हैं, जिनमें से सबसे बड़ी समस्या पार्टी की गुटबाजी है. लेकिन इस बार पार्टी के पास हिमाचल और कार्नाटक में जीत का आत्मविश्वास है और मोदी की कमजोर छवि का मुद्दा भी.

congress karnataka formula in haryana
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे.

कांग्रेस में अलग-अलग नेताओं के गुट- लेकिन क्या इतने से ही हरियाणा कांग्रेस सत्ता में वापसी कर पायेगी? क्या पार्टी नेताओं की गुटबाजी कांग्रेस को परेशान कर सकती है? ऐसे कुछ सवाल हैं जिन पर खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कभी खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते. दरअसल कांग्रेस पार्टी इस वक्त हरियाणा में सबसे मजबूत धड़ा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है. हरियाणा कांग्रेस की पूरी कमान भी उनके पास है. भले ही प्रदेश अध्यक्ष उदय भान बने हैं लेकिन वो भी हुड्डा गुट के नेता माने जाते हैं. दूसरी तरफ पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा, किरण चौधरी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला और कैप्टन अजय यादव हुड्डा गुट से अलग राह पर रहते हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में कांग्रेस का अर्श से फर्श तक का सफर

गुटबाजी पार्टी की सबसे कमजोर कड़ी- हरियाणा में अलग-अलग गुटे के नेता कई बार खुले मंच से पार्टी और हुड्डा के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं. हरियाणा कांग्रेस की सबसे बड़ी परेशानी भी यही है. जिसका समाधान पार्टी अभी तक नहीं कर पाई. पार्टी के प्रदेश प्रभारी भी हरियाणा में निष्क्रिय ही दिखाई देते हैं जबकि अगले साल प्रदेश में चुनाव होने हैं. इतना ही नहीं पार्टी की इस गुटबाजी की वजह से ही पिछले करीब एक दशक से हरियामा में संगठन का गठन नहीं हो पाया है. सभी गुटों की खींचतान की वजह से आलकमान आज तक इस पर फैसला नहीं पाया. कांग्रेस के विरोधी दल भी गुटबाजी को लेकर कांग्रेस पर तंज सकते हैं.

Bhupinder Hooda Election promises in Haryana
प्रियंका गांधी के साथ कुमारी सैलजा (फाइल फोटो)

कांग्रेस के लिए संगठन सबसे जरूरी- राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि हरियाणा में कांग्रेस भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में मजबूत दिखाई देती है. लेकिन अगर पार्टी अपनी गुटबाजी पर काबू पाने और संगठन को जमीन पर उतारने में सफल नहीं होती तो फिर उसके लिए आगामी चुनाव मुश्किलों भरे हो सकते हैं. वे कहते हैं कि 2019 के चुनाव में भी कांग्रेस मजबूत दिखाई दे रही थी लेकिन जब नतीजे आए तो उसे हार का सामना करना पड़ा. जबकि बीजेपी और जेजेपी सरकार बनाने में सफल रहे. गुरमीत सिंह का कहना है कि सरकार में वापसी करने के लिए पार्टी को सबसे पहले प्रदेश में संगठन खड़ा करना होगा.

Bhupinder Hooda Election promises in Haryana
हरियाणा लोकसभा चुनाव में अब तक कांग्रेस का प्रदर्शन.

हरियाणा में कर्नाटक फार्मूले का सहारा- हाल ही में कांग्रेस अपने 5 गारंटी के दम पर कर्नाटक में जीत हासिल की. जिनमें 200 यूनिट बिजली फ्री. गरीब परिवार के एक व्यक्ति को 2 हजार महीना. महिलाओं के लिए ट्रांसपोर्ट फ्री. बेरोजगारों को दो साल तक भत्ता. ग्रेजुएट को तीन और डिप्लोमा होल्डर को डेढ़ हजार रुपये और बीपीएल परिवारों को दस किलो मुफ्त चावल शामिल है. इसी तर्ज पर पूर्व सीएम हुड्डा ने भी हरियाणा की जनता से 5 बड़े वादे किये हैं. जिनमें गरीब परिवार को 100 गज का मुफ्त प्लॉट, गरीब बच्चों को वजीफा, बुजुर्गों को 6 हजार रुपए पेंशन, 500 रुपए में गैस सिलेंडर और 300 यूनिट मुफ्त बिजली शामिल है. इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना का वादा हुड्डा पहले ही कर चुके हैं. देखना होगा कि कांग्रेस के इन वादों पर जनता कितना भरोसा करती है.

ये भी पढ़ें- कर्नाटक फार्मूले पर हरियाणा में सत्ता वापसी कर सकती है कांग्रेस? ये हैं 5 बड़ी समस्या

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Election 2024) से पहले मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस बीजेपी और सरकार पर आक्रामक हो गई है. एक तरफ कांग्रेस दूसरे दलों के बड़े नेताओं को पार्टी से जोड़ रही है वहीं सरकार के खिलाफ मुद्दों के साथ भी हमला कर रही है. बुधवार को भी बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस ज्वाइन किया. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार से सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि उनके कार्यकर्ता भी परेशान हैं.

2014 के मुकाबले कांग्रेस ने 2019 में बेहतर प्रदर्शन किया. 2014 में कांग्रेस को केवल 15 सीटें मिली थी जबकि 2019 में कांग्रेस के कुल 31 विधायक जीते. इस चुनाव में बीजेपी को 40 सीटें मिली. कांग्रेस भले सरकार नहीं बना पाई लेकिन उसने अच्छा प्रदर्शन किया था. हमेशा की तरह इस बार भी कांग्रेस के आगे कई चुनौतियां हैं, जिनमें से सबसे बड़ी समस्या पार्टी की गुटबाजी है. लेकिन इस बार पार्टी के पास हिमाचल और कार्नाटक में जीत का आत्मविश्वास है और मोदी की कमजोर छवि का मुद्दा भी.

congress karnataka formula in haryana
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे.

कांग्रेस में अलग-अलग नेताओं के गुट- लेकिन क्या इतने से ही हरियाणा कांग्रेस सत्ता में वापसी कर पायेगी? क्या पार्टी नेताओं की गुटबाजी कांग्रेस को परेशान कर सकती है? ऐसे कुछ सवाल हैं जिन पर खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कभी खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते. दरअसल कांग्रेस पार्टी इस वक्त हरियाणा में सबसे मजबूत धड़ा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है. हरियाणा कांग्रेस की पूरी कमान भी उनके पास है. भले ही प्रदेश अध्यक्ष उदय भान बने हैं लेकिन वो भी हुड्डा गुट के नेता माने जाते हैं. दूसरी तरफ पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा, किरण चौधरी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला और कैप्टन अजय यादव हुड्डा गुट से अलग राह पर रहते हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में कांग्रेस का अर्श से फर्श तक का सफर

गुटबाजी पार्टी की सबसे कमजोर कड़ी- हरियाणा में अलग-अलग गुटे के नेता कई बार खुले मंच से पार्टी और हुड्डा के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं. हरियाणा कांग्रेस की सबसे बड़ी परेशानी भी यही है. जिसका समाधान पार्टी अभी तक नहीं कर पाई. पार्टी के प्रदेश प्रभारी भी हरियाणा में निष्क्रिय ही दिखाई देते हैं जबकि अगले साल प्रदेश में चुनाव होने हैं. इतना ही नहीं पार्टी की इस गुटबाजी की वजह से ही पिछले करीब एक दशक से हरियामा में संगठन का गठन नहीं हो पाया है. सभी गुटों की खींचतान की वजह से आलकमान आज तक इस पर फैसला नहीं पाया. कांग्रेस के विरोधी दल भी गुटबाजी को लेकर कांग्रेस पर तंज सकते हैं.

Bhupinder Hooda Election promises in Haryana
प्रियंका गांधी के साथ कुमारी सैलजा (फाइल फोटो)

कांग्रेस के लिए संगठन सबसे जरूरी- राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि हरियाणा में कांग्रेस भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में मजबूत दिखाई देती है. लेकिन अगर पार्टी अपनी गुटबाजी पर काबू पाने और संगठन को जमीन पर उतारने में सफल नहीं होती तो फिर उसके लिए आगामी चुनाव मुश्किलों भरे हो सकते हैं. वे कहते हैं कि 2019 के चुनाव में भी कांग्रेस मजबूत दिखाई दे रही थी लेकिन जब नतीजे आए तो उसे हार का सामना करना पड़ा. जबकि बीजेपी और जेजेपी सरकार बनाने में सफल रहे. गुरमीत सिंह का कहना है कि सरकार में वापसी करने के लिए पार्टी को सबसे पहले प्रदेश में संगठन खड़ा करना होगा.

Bhupinder Hooda Election promises in Haryana
हरियाणा लोकसभा चुनाव में अब तक कांग्रेस का प्रदर्शन.

हरियाणा में कर्नाटक फार्मूले का सहारा- हाल ही में कांग्रेस अपने 5 गारंटी के दम पर कर्नाटक में जीत हासिल की. जिनमें 200 यूनिट बिजली फ्री. गरीब परिवार के एक व्यक्ति को 2 हजार महीना. महिलाओं के लिए ट्रांसपोर्ट फ्री. बेरोजगारों को दो साल तक भत्ता. ग्रेजुएट को तीन और डिप्लोमा होल्डर को डेढ़ हजार रुपये और बीपीएल परिवारों को दस किलो मुफ्त चावल शामिल है. इसी तर्ज पर पूर्व सीएम हुड्डा ने भी हरियाणा की जनता से 5 बड़े वादे किये हैं. जिनमें गरीब परिवार को 100 गज का मुफ्त प्लॉट, गरीब बच्चों को वजीफा, बुजुर्गों को 6 हजार रुपए पेंशन, 500 रुपए में गैस सिलेंडर और 300 यूनिट मुफ्त बिजली शामिल है. इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना का वादा हुड्डा पहले ही कर चुके हैं. देखना होगा कि कांग्रेस के इन वादों पर जनता कितना भरोसा करती है.

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Last Updated : May 25, 2023, 11:35 AM IST
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