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केंद्रीय गृहमंत्री से बातचीत में हरियाणा के डॉक्टर्स ने भी लिया हिस्सा

कोरोना से लड़ रहे डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमलों के विरोध में डॉक्टर आज सांकेतिक प्रदर्शन के तौर पर मोमबत्ती जलाने वाले हैं. इसी को लेकर अमित शाह ने डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे अपील की कि वे उनके द्वारा प्रस्तावित प्रतीकात्मक विरोध को न करें.

Doctors from Haryana also participated in the conversation with the Union Home Minister
Doctors from Haryana also participated in the conversation with the Union Home Minister
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Published : Apr 22, 2020, 11:35 AM IST

Updated : Apr 22, 2020, 12:50 PM IST

चंडीगढ़ः कोरोना वायरस से लड़ाई के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और देश भर डॉक्टरों से बात की और कोरोना से जंग में उनके काम की तारीफ की. केंद्रीय गृह मंत्री से बातचीत में हरियाणा के डॉक्टर्स ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान अमित शाह ने डॉक्टर्स से सांकेतिक विरोध प्रदर्शन न करने की अपील की. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी मौजूद रहें. डॉक्टर्स से बातचीत के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है.

आपकों बता दें कि कोरोना से लड़ रहे डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमलों के विरोध में डॉक्टर आज सांकेतिक प्रदर्शन के तौर पर मोमबत्ती जलाने वाले हैं. इसी को लेकर अमित शाह ने डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे अपील की कि वे उनके द्वारा प्रस्तावित प्रतीकात्मक विरोध को न करें, सरकार उनके साथ है.

क्या है मामला ?

दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों में मेडिकल स्टाफ पर हुए हमले से डॉक्टर नाराज हैं और वह सख्त केंद्रीय स्पेशल कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. आईएमए लंबे समय से डॉक्टरों से मारपीट करने वालों के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने की मांग करता रहा है.

  • #WATCH Delhi: Union HM Amit Shah & Union Health Minister Dr Harsh Vardhan interacted with Indian Medical Association doctors through video conferencing today. HM assured them security & appealed to them to not to do even symbolic protest as proposed by them, govt is with them. pic.twitter.com/kuiB8vsxWC

    — ANI (@ANI) April 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2019 में एक ड्राफ्ट जारी कर डॉक्टरों पर हमले के आरोपी को 10 साल की जेल और 10 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान भी किया था. इस ड्राफ्ट को कानून और वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन मामला गृह मंत्रालय ने अटका दिया था. उसका कहना था कि अलग से कानून नहीं बनाया जा सकता है.

डॉक्टर्स ने वापस लिया प्रोटेस्ट

गौरतलब है कि कोरोना के खिलाफ जंग में एक ओर डॉक्टर्स लोगों की जान बचाने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर स्वास्थकर्मियों पर हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे. इसे देखते हुए देश के लाखों डॉक्टरों ने काला दिवस मनाने का फैसला लिया था. वहीं केंद्रीय गृहमंत्री से बातचीत के बाद डॉक्टर्स ने अपना प्रोटेस्ट वापस ले लिया है.

ये भी पढ़ेंः- लॉकडाउन से टेक्सटाइल इंडस्ट्री की टूटी कमर, सिर्फ पानीपत में 2000 करोड़ के ऑर्डर कैंसिल

चंडीगढ़ः कोरोना वायरस से लड़ाई के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और देश भर डॉक्टरों से बात की और कोरोना से जंग में उनके काम की तारीफ की. केंद्रीय गृह मंत्री से बातचीत में हरियाणा के डॉक्टर्स ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान अमित शाह ने डॉक्टर्स से सांकेतिक विरोध प्रदर्शन न करने की अपील की. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी मौजूद रहें. डॉक्टर्स से बातचीत के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है.

आपकों बता दें कि कोरोना से लड़ रहे डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमलों के विरोध में डॉक्टर आज सांकेतिक प्रदर्शन के तौर पर मोमबत्ती जलाने वाले हैं. इसी को लेकर अमित शाह ने डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे अपील की कि वे उनके द्वारा प्रस्तावित प्रतीकात्मक विरोध को न करें, सरकार उनके साथ है.

क्या है मामला ?

दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों में मेडिकल स्टाफ पर हुए हमले से डॉक्टर नाराज हैं और वह सख्त केंद्रीय स्पेशल कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. आईएमए लंबे समय से डॉक्टरों से मारपीट करने वालों के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने की मांग करता रहा है.

  • #WATCH Delhi: Union HM Amit Shah & Union Health Minister Dr Harsh Vardhan interacted with Indian Medical Association doctors through video conferencing today. HM assured them security & appealed to them to not to do even symbolic protest as proposed by them, govt is with them. pic.twitter.com/kuiB8vsxWC

    — ANI (@ANI) April 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2019 में एक ड्राफ्ट जारी कर डॉक्टरों पर हमले के आरोपी को 10 साल की जेल और 10 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान भी किया था. इस ड्राफ्ट को कानून और वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन मामला गृह मंत्रालय ने अटका दिया था. उसका कहना था कि अलग से कानून नहीं बनाया जा सकता है.

डॉक्टर्स ने वापस लिया प्रोटेस्ट

गौरतलब है कि कोरोना के खिलाफ जंग में एक ओर डॉक्टर्स लोगों की जान बचाने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर स्वास्थकर्मियों पर हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे. इसे देखते हुए देश के लाखों डॉक्टरों ने काला दिवस मनाने का फैसला लिया था. वहीं केंद्रीय गृहमंत्री से बातचीत के बाद डॉक्टर्स ने अपना प्रोटेस्ट वापस ले लिया है.

ये भी पढ़ेंः- लॉकडाउन से टेक्सटाइल इंडस्ट्री की टूटी कमर, सिर्फ पानीपत में 2000 करोड़ के ऑर्डर कैंसिल

Last Updated : Apr 22, 2020, 12:50 PM IST
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