चंडीगढ़: विधानसभा का बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू हो रहा है. बजट सत्र से पहले 3 दिन का प्री बजट सेशन शुरु हो गया है. प्री बजट सेशन के पहले दिन विधायकों ने सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को काम को बेहतर करने के लिए सुझाव दिए. हालांकि इस सेशन में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के विधायक शामिल नहीं हुए.
इस सेशन से पहले कांग्रेस विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास पर बैठक की. जिसमें तमाम कांग्रेसी विधायकों ने हिस्सा लिया. बजट सत्र में कांग्रेस की रणनीति क्या होगी? क्या मुद्दे उठाए जाएंगे? इन मुद्दों पर बैठक में विस्तार से चर्चा की गई. झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल और कांग्रेस नेता सौदान सिंह ने बैठक के बाद बीजेपी पर निशाना साधा.
पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने गठबंधन की सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल उठाया. गीता भुक्कल ने कहा कि सरकार स्कूलों में व्यवस्थाएं बढ़ाने की बजाय स्कूलों को बंद करने पर जोर दे रही है. गीता भुक्कल ने कहा कि सरकार ने 400 से ज्यादा स्कूलों में साइंस की पढ़ाई बंद कर दी है. जबकि किसी स्कूल को साइंस स्ट्रीम तक लाने में 15 से 20 साल लग जाते हैं.
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल में ना कोई आरोही मॉडल स्कूल और ना ही कोई किसान मॉडल स्कूल बनाया और तो और ऐसे स्कूलों में खाली पोस्टें भी नहीं भरी गई. गीता भुक्कल ने सरकार पर वार करते हुए कहा कि एक और सरकार 36 नए कॉलेज खोलने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में स्कूलों को बंद भी कर रही है.
बजट सत्र पर गीता भुक्कल ने कहा कि बजट तो लगभग पहले से ही बन चुका है. लेकिन सरकार ने जनता से जो वादे किए थे. उनको हम बजट सत्र में याद दिलाएंगे. जो वादा पेंशन का किया गया था, जो हर जिले में यूनिवर्सिटी और हर जिले में मेडिकल इंस्टिट्यूट खोलने का सरकार ने अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था. उसे पूरा करने के बारे में हम सदन में उठाएंगे.
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गीता भुक्कल ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब हरियाणा देश में कई मामलों में नंबर एक के पायदान पर पहुंच गया था, लेकिन मौजूदा सरकार के कार्यकाल में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध सहित अनेकों मामलों में बदनाम हो गया है. महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह ने किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि सरकार ने किसानों को लेकर बड़े-बड़े वादे किए हैं, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया.