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सीएम विंडो में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर एक्शन, तीन जेई, फोरमैन और एएलएम के खिलाफ FIR के निर्देश - अधिकारियों पर कार्रवाई सीएम विंडो

बैठक के दौरान बिजली विभाग से संबंधित एक मामले में बिजली का सामान चोरी को लेकर विभाग के तीन जेई, एक फोरमैन और एक एएलएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए.

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सीएम विंडो की बैठक
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Published : Feb 3, 2020, 9:13 PM IST

चंडीगढ़: सीएम विंडो पर लापरवाही की शिकायतों में कार्रवाई के साथ-साथ अब भ्रष्टाचार के सामने आ रहे मामलों पर भी बड़ी कार्रवाई की जा रही है. बिजली विभाग के तीन जेई, एक फोरमैन और एक एएलएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.

इसी के साथ सीएम विंडो पर प्राप्त बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत सरकारी राशि के दुरूपयोग और गबन के मामले की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सिरसा के तत्कालीन जिला बागवानी अधिकारी आत्मप्रकाश को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने ये निर्देश सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों की बैठक के दौरान दिए. वहीं शिकायतों का समयबद्व निपटारा करने वाले विभागों के नोडल अधिकारियों की प्रंशसा की गई.

सीएम विंडो में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर एक्शन

ये है मामला
मंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता को सोमवार को चंडीगढ़ में सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों की बैठक के दौरान बागवानी विभाग के अंतर्गत आई शिकायत के बारे में बताया गया कि सिरसा में मॉडल नर्सरी खोली जानी थी, लेकिन जब मुख्यालय से अधिकारी साईट पर गए तो वहां पर मॉडल नर्सरी स्थापित नहीं की गई थी और जिला बागवानी अधिकारी आत्मप्रकाश ने कृषि विभाग की मंजूरी के बिना मॉडल नर्सरी को स्थापित करने के लिए 9 लाख रुपये की सबसिडी जारी कर दी थी.

नियम के अनुसार कृषि विभाग की ओर से मॉडल नर्सरी स्थापित करने के लिए लाईसेंस जारी किया जाता है, जोकि इस नर्सरी को स्थापित करने के लिए नहीं लिया गया था. इस मामले की जांच में ये भी पाया गया कि इस मॉडल नर्सरी के लिए सब्सिडी 30 मार्च 2009 को जारी कर दी गई थी, जबकि सब्सिडी जारी करने के लिए मुख्यालय को पत्र 1 जून 2009 को लिखा गया था. बैठक में इस मामले पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए भी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए.

बिजली विभाग में भी नपे अधिकारी
बैठक के दौरान बिजली विभाग से संबंधित एक मामले में बिजली का सामान चोरी को लेकर विभाग के तीन जेई, एक फोरमैन और एक एएलएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए. इस मामले में बताया गया कि इन कर्मियों ने लगभग 15 लाख रुपए का सामान बेच दिया, जिसकी न तो अब तक रिकवरी हुई और न ही किसी प्रकार का दंड दिया गया.

ये भी पढ़िए: दिल्ली के 'रण' में सीएम मनोहर लाल की हुंकार, बीजेपी उम्मीदवार के लिए मांगे वोट

वहीं उच्चतर शिक्षा विभाग से संबधित रेवाड़ी के एक कॉलेज में साल 2018 के दौरान राशि के दुरूपयोग और गबन के मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए गए. बैठक में बताया गया कि इस मामले में अभी तक कोई रिकवरी नही हुई है और न ही अपराधिक कार्रवाई की गई है. बैठक के दौरान परियोजना निदेशक ने उच्चतर शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारियों को इस मामले पर कार्रवाई को सुनिश्चित करने के लिए भी कहा और रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करने के आदेश दिए.

इसके अलावा बैठक के दौरान सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालय से संबधित एक मामले में उप-रजिस्टार सहकारी समितियां, गुरूग्राम महाबीर शर्मा के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश भी दिए गए. इस मामले में शिकायत जुलाई 2019 से लंबित थी और विभागीय अधिकारी ने किसी भी प्रकार का अभी तक उत्तर नहीं दिया था.

चंडीगढ़: सीएम विंडो पर लापरवाही की शिकायतों में कार्रवाई के साथ-साथ अब भ्रष्टाचार के सामने आ रहे मामलों पर भी बड़ी कार्रवाई की जा रही है. बिजली विभाग के तीन जेई, एक फोरमैन और एक एएलएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.

इसी के साथ सीएम विंडो पर प्राप्त बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत सरकारी राशि के दुरूपयोग और गबन के मामले की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सिरसा के तत्कालीन जिला बागवानी अधिकारी आत्मप्रकाश को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने ये निर्देश सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों की बैठक के दौरान दिए. वहीं शिकायतों का समयबद्व निपटारा करने वाले विभागों के नोडल अधिकारियों की प्रंशसा की गई.

सीएम विंडो में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर एक्शन

ये है मामला
मंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता को सोमवार को चंडीगढ़ में सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों की बैठक के दौरान बागवानी विभाग के अंतर्गत आई शिकायत के बारे में बताया गया कि सिरसा में मॉडल नर्सरी खोली जानी थी, लेकिन जब मुख्यालय से अधिकारी साईट पर गए तो वहां पर मॉडल नर्सरी स्थापित नहीं की गई थी और जिला बागवानी अधिकारी आत्मप्रकाश ने कृषि विभाग की मंजूरी के बिना मॉडल नर्सरी को स्थापित करने के लिए 9 लाख रुपये की सबसिडी जारी कर दी थी.

नियम के अनुसार कृषि विभाग की ओर से मॉडल नर्सरी स्थापित करने के लिए लाईसेंस जारी किया जाता है, जोकि इस नर्सरी को स्थापित करने के लिए नहीं लिया गया था. इस मामले की जांच में ये भी पाया गया कि इस मॉडल नर्सरी के लिए सब्सिडी 30 मार्च 2009 को जारी कर दी गई थी, जबकि सब्सिडी जारी करने के लिए मुख्यालय को पत्र 1 जून 2009 को लिखा गया था. बैठक में इस मामले पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए भी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए.

बिजली विभाग में भी नपे अधिकारी
बैठक के दौरान बिजली विभाग से संबंधित एक मामले में बिजली का सामान चोरी को लेकर विभाग के तीन जेई, एक फोरमैन और एक एएलएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए. इस मामले में बताया गया कि इन कर्मियों ने लगभग 15 लाख रुपए का सामान बेच दिया, जिसकी न तो अब तक रिकवरी हुई और न ही किसी प्रकार का दंड दिया गया.

ये भी पढ़िए: दिल्ली के 'रण' में सीएम मनोहर लाल की हुंकार, बीजेपी उम्मीदवार के लिए मांगे वोट

वहीं उच्चतर शिक्षा विभाग से संबधित रेवाड़ी के एक कॉलेज में साल 2018 के दौरान राशि के दुरूपयोग और गबन के मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए गए. बैठक में बताया गया कि इस मामले में अभी तक कोई रिकवरी नही हुई है और न ही अपराधिक कार्रवाई की गई है. बैठक के दौरान परियोजना निदेशक ने उच्चतर शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारियों को इस मामले पर कार्रवाई को सुनिश्चित करने के लिए भी कहा और रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करने के आदेश दिए.

इसके अलावा बैठक के दौरान सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालय से संबधित एक मामले में उप-रजिस्टार सहकारी समितियां, गुरूग्राम महाबीर शर्मा के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश भी दिए गए. इस मामले में शिकायत जुलाई 2019 से लंबित थी और विभागीय अधिकारी ने किसी भी प्रकार का अभी तक उत्तर नहीं दिया था.

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सीएम विंडो पर लापरवाही की शिकायतों में कार्यवाही के साथ - साथ अब भ्रष्टाचार के सामने आ रहे मामलों पर भी बड़ी कार्यवाही की जा रही है । बिजली विभाग के तीन जेई , एक फोरमैन और एक एएलएम के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं । इसी के साथ सीएम विंडो पर प्राप्त बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत सरकारी राशि के दुरूपयोग और गबन के मामले की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सिरसा के तत्कालीन जिला बागवानी अधिकारी आत्मप्रकाश को निलम्बित करने के निर्देश दिए गए हैं । मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ0 राकेश गुप्ता ने यह निर्देश सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों की बैठक के दौरान दिए । वहीं शिकायतों का समयबद्व निपटारा करने वाले विभागों के नोडल अधिकारियों की प्रंशसा की गई । Body:ये है मामला -
मंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ0 राकेश गुप्ता को सोमवार को चण्डीगढ में सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों की बैठक के दौरान बागवानी विभाग के अंतर्गत आई शिकायत के बारे में बताया गया कि सिरसा में मॉडल नर्सरी खोली जानी थी, लेकिन जब मुख्यालय से अधिकारी साईट पर गए तो वहां पर मॉडल नर्सरी स्थापित नहीं की गई थी और जिला बागवानी अधिकारी आत्मप्रकाश ने कृषि विभाग की मंजूरी के बिना मॉडल नर्सरी को स्थापित करने हेतू 9 लाख रुपए की सबसिडी जारी कर दी थी । नियमानुसार कृषि विभाग द्वारा मॉडल नर्सरी स्थापित करने के लिए लाईसेंस जारी किया जाता है जोकि इस नर्सरी को स्थापित करने के लिए नहीं लिया गया था । इस मामले की जांच में यह भी पाया गया कि इस मॉडल नर्सरी के लिए सबसिडी 30 मार्च 2009 को जारी कर दी गई थी, जबकि सबसिडी जारी करने के लिए मुख्यालय को पत्र 1 जून 2009 को लिखा गया था । बैठक में इस मामले पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए भी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए ।

बिजली विभाग में भी नपे अधिकारी -

बैठक के दौरान बिजली विभाग से संबंधित एक मामले में बिजली का सामान चोरी को लेकर विभाग के तीन जेई, एक फोरमैन तथा एक एएलएम के विरूद्व एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए । इस मामले में बताया गया कि इन कर्मियों ने लगभग 15 लाख रुपए का सामान बेच दिया जिसकी न तो अब तक रिकवरी हुई और न ही किसी प्रकार का दण्ड दिया गया ।

वहीं उच्चतर शिक्षा विभाग से संबधित रेवाडी के एक कालेज में वर्ष 2018 के दौरान राशि के दुरूपयोग और गबन के मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए गए । बैठक में बताया गया कि इस मामले में अभी तक कोई रिकवरी नही हुई है और न ही अपराधिक कार्यवाही की गई है । बैठक के दौरान परियोजना निदेशक ने उच्चतर शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारियों को इस मामले पर कार्यवाई को सुनिश्चित करने के लिए भी कहा और रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करने के आदेश दिए ।
बैठक के दौरान सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालय से संबधित एक मामले में उप-रजिस्टार सहकारी समितियां, गुरूग्राम महाबीर शर्मा के विरूद्व कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश भी दिए गए। इस मामले में शिकायत जुलाई 2019 से लम्बित थी और विभागीय अधिकारी ने किसी भी प्रकार का अभी तक उत्तर नहीं दिया था। इसी प्रकार, बैठक में पर्यावरण विभाग से संबधित शिकायत में बताया गया कि अम्बाला में अवैध रूप से चलाए जा रहे पोल्ट्री फार्म को बंद करने के आदेश दिए गए थे जो क्रि

इन विभागों की सरहाना -

बैठक में परियोजना निदेशक ने जिन विभागों द्वारा सीएम विण्डों पर आई हुई शिकायतों का समयबद्व निपटारा किया गया उन विभागों के नोडल अधिकारियों की प्रंशसा की, जिनमें विज्ञान एवं तकनीकी, मुद्रण एवं लेखन, अभिलेखागार, अभिलेख विभाग शामिल है । इसी प्रकार, उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग, पशुपालन विभाग ने भी काफी अच्छा कार्य किया गया है ।

इस बैठक के उपरांत उन्होंने सोशल मीडिया ग्रीवेंस ट्रैकर की समीक्षा भी की और संबंधित विभागों के अधिकारियों को विभिन्न शिकायतों को शीघ्र अति शीघ्र निपटाने के निर्देश भी दिए । उन्होंने सोशल मीडिया ग्रीवेंस ट्रैकर पर आई हुए शिकायतों का जल्द से जल्द निवारण करने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों की प्रशंसा भी की और उन्हें प्रोत्साहित भी किया ।Conclusion:वहीं उच्चतर शिक्षा, शहरी स्थानीय निकाय, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, स्कूल शिक्षा विभाग, विकास एंव पंचायत, अनुसूचित जाति एंव पिछडा वर्ग, आबकारी एवं कराधान, सिंचाई, सहकारिता और कृषि विभाग के विभागाध्यक्षों की बैठक आगामी 14 फरवरी को आयोजित की जाएगी ताकि सीएम विण्डों पर लम्बित शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारा हो सके ।
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