नूंहः जिले में शनिवार शाम से देर रात तक हुई रिमझिम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा रहा है. ठंड से बचने के लिए जगह-जगह पर लोग अलाव का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं. वहीं, सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी सी पड़ गई है.
घरों में दुबके रहे लोगः शनिवार सुबह से ही आसमान में बादलों का डेरा रहा और दोपहर बाद आई बारिश ने ठिठुरन बढ़ा दी. मौसम की मार से बचने के लिए ज्यादातर लोग अपने घरों में दुबके रहे. बाजारों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ नजर आ रहा है. दुकानदार दुकानों के बाहर अलाव जलाकर ठंड से बचने के लिए आग सेंकते दिखे.
ठंड से बचाव के लिए एडवाइजरी जारीः दूसरी ओर से ठंड से बचाव के लिए प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है. प्रशासन ने लोगों से बिना वजह अपने घरों से बाहर न जाने की अपील की है. वहीं अगर घरों से निकलना जरूरी है तो बाहर निकलते समय आवश्यकता अनुसार गर्म कपड़ा पहनने की हिदायत दी गई है.
18 किमी प्रति घंटे चलेगी हवाः गत 11 जनवरी को जिले में हल्की बारिश के बाद मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी जानकारी के अनुसार अगले कुछ दिन जिले में सुबह और शाम के समय घने कोहरे की स्थिति बनी रहेगी. हवा की गति 18 किमी प्रति घंटे के बीच रहने की उम्मीद है.
पशुओं को खनिज मिश्रण देंः कृषि एक्सपर्ट ने मौसम की स्थिति के अनुसार किसानों को सलाह दी है कि वे सरसों, गेहूं में सिंचाई और रासायनिक स्प्रे उपयुक्त मौसम के अनुसार करें. साथ ही पशुओं को उनके दैनिक आहार में 40-50 ग्राम खनिज मिश्रण देना चाहिए. खनिज मिश्रण को मिश्रित फीड में मिलाकर दिया जा सकता है. ये दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के अलावा पशुओं की प्रतिरक्षा स्थिति में सुधार करता है.
बेल वाली सब्जियों को नुकसान : कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार हल्की बारिश सरसों और गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है. जितनी अधिक ठंड पड़ेगी, इन फसलों को उतना ही अधिक फायदा होगा. लेकिन अधिक ठंड बेल वाली सब्जियों के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकती है.
70 गांवों में बिजली बाधितः बरसात होने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. किसानों का कहना है कि बरसात से फसल अच्छी होगी. बरसात के चलते पिनगवां फीडर के अंर्तगत आने वाले 60-70 गांवों में तकनीकी खराबी के कारण बिजली आपूर्ति भी बाधित रही, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.