चंडीगढ़: चंडीगढ़ के यूनियन टेरिटरी और ये दो राज्यों की राजधानी होने की वजह से यहां पर हरियाणा और पंजाब के अलावा अन्य कई राज्यों से सरकारी अधिकारी और कर्मचारी डेपुटेशन पर आते हैं, जिन्हें कुछ साल यहां पर सेवाएं देने के बाद वापस अपने गृह राज्य जाना होता है.
वहीं चंडीगढ़ में अध्यापक भी बड़ी संख्या में डेपुटेशन पर आते हैं और ऐसे में चंडीगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की तरफ से आरोप लगाया गया है कि चंडीगढ़ में डेपुटेशन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है जिससे यहां के टीचर्स को उनका हक नहीं मिल रहा है.
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इस बारे में बात करते हुए चंडीगढ़ टीचर एसोसिएशन के प्रधान स्वर्ण सिंह कंबोज ने बताया कि यहां पर ज्यादातर कर्मचारी हरियाणा और पंजाब से आते हैं, जिसमें से 60% कर्मचारी पंजाब से और 40% कर्मचारी हरियाणा से आते हैं.
इन कर्मचारियों को लेकर नियम बनाए गए हैं, जैसे कोई भी कर्मचारी जब अपने गृह राज्य सरकारी नौकरी ज्वाइन करता है तब अगले 5 साल तक वो डेपुटेशन पर चंडीगढ़ नहीं आ सकता, लेकिन इस नियम को तोड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि बहुत से कर्मचारी 5 साल पूरा होने से पहले ही डेपुटेशन पर चंडीगढ़ आ जाते हैं.
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चंडीगढ़ टीचर एसोसिएशन के प्रधान स्वर्ण सिंह कंबोज ने बताया कि दूसरा नियम ये है कि हर कर्मचारी के लिए 2 साल का प्रोबेशनरी पीरियड होता है, उसके बाद वो चंडीगढ़ आ सकता है लेकिन इस नियम को भी पूरा नहीं किया जा रहा.
वहीं उन्होंने तीसरे नियम के बारे में बताते हुए कहा कि जब कोई कर्मचारी डेपुटेशन पूरा होने के बाद अपने गृह राज्य जाता है तो अगले 5 साल तक वो चंडीगढ़ वापस नहीं आ सकता, लेकिन लोग अपने गृह राज्य गए बिना ही यहां पर डटे हुए हैं और प्रमोशन का लाभ भी ले रहे हैं.
कर्मचारी क्यों आते हैं डेपुटेशन पर चंडीगढ़
स्वर्ण सिंह कंबोज ने बताया कि जब चंडीगढ़ बनाया गया था तब यहां पर चंडीगढ़ के पास अपने कर्मचारी नहीं थे, इसलिए यहां पर पंजाब से कर्मचारी बुलाए गए थे. उन्होंने कहा कि हरियाणा का गठन होने के बाद हरियाणा से भी यहां पर कर्मचारी बुलाए जाने लगे, लेकिन तब ये कहा गया था कि जब चंडीगढ़ के पास अपने अधिकारी और कर्मचारी हो जाएंगे तब यहां पर दूसरे राज्यों से लोगों को डेपुटेशन पर नहीं बुलाया जाएगा.
लेकिन अब चंडीगढ़ के पास अपने कर्मचारी हैं, उसके बावजूद यहां दूसरे राज्यों से कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है. स्वर्ण सिंह कंबोज ने बताया कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में करीब 700 पदों पर दूसरे राज्यों से आए लोग बैठे हैं जिससे चंडीगढ़ के अध्यापकों के लिए नौकरियों के अवसर कम हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति चंडीगढ़ में पैदा हुआ, यहीं पर पला-बढ़ा है उसे ही यहां पर नौकरी नहीं मिल रही है, जबकि दूसरे राज्यों से आए लोगों को नौकरियों के साथ-साथ प्रमोशन भी दी जा रही है जो कि चंडीगढ़ के लोगों के साथ अन्याय है.
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स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा कि चंडीगढ़ की आबादी करीब 14 लाख तक पहुंच चुकी है यहां पर किसी भी विभाग के लिए आवश्यक कर्मचारियों की कमी नहीं है. इसलिए दूसरे राज्यों से कर्मचारियों को बुलाने की बजाय यहां के लोगों को नौकरियां दी जाए और प्रमोशन भी दी जाए क्योंकि वे ही इसके हकदार भी है.