नई दिल्ली: पड़ोसी देश बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के खिलाफ अपनी लड़ाई में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक जांच के दौरान विभिन्न स्टेशनों से 256 अवैध प्रवासियों, बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं और 18 भारतीय एजेंटों को पकड़ा है.
अवैध प्रवासी बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के बारे में जानकारी देते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NEFR) के मुख्य सीपीआरओ कपिलंजल किशोर शर्मा ने कहा कि अवैध प्रवासियों, बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं का पता लगाने की लड़ाई जारी रखते हुए आरपीएफ ने इस साल जनवरी से सितंबर तक 256 अवैध प्रवासी व्यक्तियों और 18 भारतीय एजेंटों को पकड़ा है. इसी कड़ी में 21 सितंबर को अगरतला रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ की टीम ने नियमित जांच अभियान चलाया.
इस दौरान उन्हें स्टेशन परिसर में 11 संदिग्ध व्यक्ति (4 महिलाएं और 7 पुरुष) मिले. पूछताछ में वे अपनी पहचान के कोई वैध दस्तावेज नहीं दे पाए. शर्मा ने बताया कि बाद में उन्होंने कबूल किया कि वे बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसे थे और ट्रेन से मुंबई और अहमदाबाद जाने की योजना बना रहे थे. उन्होंने बताया कि बाद में सभी अवैध प्रवासियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए प्रभारी अधिकारी/सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) अगरतला को सौंप दिया गया.
रेलवे के अनुसार, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के आरपीएफ द्वारा स्टेशनों और ट्रेनों में अवैध प्रवासियों, रोहिंग्याओं और संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखने के लिए नियमित आधार पर कई कदम उठाए गए हैं. जिससे ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जा सके और उन्हें पकड़ा जा सके ताकि देश में अवैध प्रवासियों की समस्या पर अंकुश लगाया जा सके. वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि अवैध प्रवासियों को पकड़ने के लिए स्टेशनों और ट्रेनों में आरपीएफ कर्मचारियों को पहले ही तैनात किया जा चुका है, जो इस तरह के किसी भी व्यक्ति और उनकी संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने के लिए विभिन्न स्तरों पर बहुत सतर्क हैं.
रेल मंत्रालय ने कहा कि आरपीएफ रेल यात्रियों को सुरक्षित, संरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है. मंत्रालय ने कहा कि यह परिवहन सुरक्षा में अहम भूमिका निभाकर, आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ निवारक कार्रवाई करके, मानव तस्करी सहित अपराध से लड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा ग्रिड में एक महत्वपूर्ण हितधारक बन गया है.
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