चंडीगढ़ : आने वाले नए साल 2024 में जनवरी के दूसरे हफ्ते में चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव होने हैं. इस बार मेयर की सीट आरक्षित रखी गई है. ऐसे में इस बार मेयर के पद पर कौन काबिज़ होगा, इसे लेकर कयासों का बाज़ार ख़ासा गर्म है.
कौन जीतेगा मेयर की रेस ? : चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव के पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के एकजुट होने की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं, लेकिन दोनों राजनीतिक दलों का कहना है कि अभी तक इस तरह की कोई भी मीटिंग नहीं हुई है.जानकारी के मुताबिक नगर निगम में कुल 35 पार्षद है . इसमें से 14 पार्षद भारतीय जनता पार्टी के पास है, जबकि 13 पार्षद आम आदमी पार्टी के पास हैं. वहीं 7 पार्षद कांग्रेस पार्टी के हैं, इसके अलावा एक शिरोमणि अकाली दल का भी पार्षद है.
कांग्रेस-आप गठबंधन पर फिलहाल कोई फैसला नहीं : विपक्षी गठबंधन 'INDI एलायंस' में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी शामिल है. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में इस तरह की ख़बर उड़ रही है कि चंडीगढ़ मेयर का चुनाव आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर लड़ सकती है. लेकिन चंडीगढ़ के पार्षदों का कहना है कि कांग्रेस कभी भी आम आदमी पार्टी के पक्ष में नहीं खड़ी हुई है. जब भी आम आदमी पार्टी ने सदन में आवाज उठाई तो कांग्रेस ने अलग रहते हुए विरोध ही किया है. वहीं 'INDI एलायंस' की मीटिंग में भी चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन में आम आदमी पार्टी का साथ देने के बारे में कांग्रेस ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है.
बीजेपी को जीत का यकीन : वहीं बीजेपी नेताओं को पूरा यकीन है कि चंडीगढ़ मेयर का चुनाव भारतीय जनता पार्टी ही जीतेगी. इस बीच चंडीगढ़ कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक अभी तक इस बारे में फैसला नहीं लिया गया है कि वे आम आदमी पार्टी को मेयर चुनाव के लिए सपोर्ट करेंगे. 27 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी की मीटिंग है जिसमें चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन के संबंध में चर्चा की जा सकती है. वहीं आम आदमी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने ईटीवी भारत को बताया कि 2024 में चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन को लेकर हमारी पार्टी अकेले ही चुनाव के मैदान में उतरेगी. कांग्रेस पार्टी से इस बारे में किसी भी तरह के गठजोड़ की फिलहाल कोई चर्चा नहीं की गई है.
ये दूरी, कैसी है मजबूरी ? : साफ है कि भले ही केंद्र में AAP और कांग्रेस 'हम साथ-साथ हैं' वाली भूमिका में हो, लेकिन पंजाब में भी दोनों पार्टियों के बीच स्थानीय नेताओं के बयान से दूरी साफ तौर पर नज़र आती है. वहीं चंडीगढ़ मेयर को लेकर दोनों ने अभी तक एक-दूसरे से डिस्टेंस मेंटेन कर रखा है जिसका सीधा फायदा अभी तक बीजेपी को होता हुआ नज़र आ रहा है. लेकिन अगर भविष्य में दोनों साथ आते हैं तो मेयर चुनाव जीतना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा.
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