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बोफोर्स घोटालाः CBI और आवेदनकर्ता ने वापस ली आगे जांच की याचिका

सीबीआई ने बोफोर्स मामले में जांच के लिए इजाजत मांगने वाली याचिका वापस ले ली है. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने दिल्ली कोर्ट को बताया कि वो बोफोर्स मामले की आगे की जांच की अनुमति के लिए आवेदन वापस लेना चाहती है.

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Published : May 16, 2019, 1:59 PM IST

Updated : May 16, 2019, 2:47 PM IST

नई दिल्ली/चंडीगढ़ः सीबीआई ने बोफोर्स मामले की नए सिरे से जांच कराने के लिए दायर अर्जी वापस ले ली है. इसके पहले कोर्ट दस्तावेजों की उपलब्धता नहीं होने के कारण कई बार सुनवाई टाल चुका था. कोर्ट को जब ये बताया गया कि दस्तावेज अभी लाए नहीं गए हैं. 27 फरवरी 2018 को भी कोर्ट ने कहा था कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए अभी सुनवाई करना मुमकिन नहीं है.

  • Earlier,Chief Metropolitan Magistrate Naveen Kashyap raised question 'why does CBI need court's permission to proceed with further investigation in matter" and asked CBI to place on record case laws to show that it needs permission from the court to probe further in Bofors case https://t.co/5b9xQYeCqp

    — ANI (@ANI) May 16, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

CBI ने किया था नए सबूतों का दावा

सीबीआई ने याचिका दायर कर कहा था कि इस मामले में नए तथ्य और सबूत मिले हैं जिनके आधार पर मामले की दोबारा जांच की जरूरत है. दिल्ली हाईकोर्ट ने 31 मई 2005 को बोफोर्स मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. सीबीआई द्वारा ये याचिका तब दायर की गई थी जब अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सीबीआई को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती न देने की सलाह दी थी.

  • Delhi Court allows the CBI to withdraw the application and questions Ajay Aggarwal's locus standi in the matter,next hearing in the case on July 6 https://t.co/5b9xQYeCqp

    — ANI (@ANI) May 16, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

2 नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने बोफोर्स मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा हिंदुजा बंधुओं को क्लीन चिट देने के 2005 के फैसले के खिलाफ दाखिल सीबीआई की अपील को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि 13 साल के बाद इस अपील का क्या मतलब है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में एक और याचिकाकर्ता की अपील लंबित है आप उस याचिका पर सुनवाई के समय अपना पक्ष रखिएगा. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि इस मामले में नए तथ्य सामने आए हैं. जिन पर विचार करना जरूरी है तब कोर्ट ने कहा कि दूसरी लंबित याचिका पर आप अपना पक्ष रखें. लेकिन अब सीबीआई ने खुद अपनी याचिका वापस ले ली है.

नई दिल्ली/चंडीगढ़ः सीबीआई ने बोफोर्स मामले की नए सिरे से जांच कराने के लिए दायर अर्जी वापस ले ली है. इसके पहले कोर्ट दस्तावेजों की उपलब्धता नहीं होने के कारण कई बार सुनवाई टाल चुका था. कोर्ट को जब ये बताया गया कि दस्तावेज अभी लाए नहीं गए हैं. 27 फरवरी 2018 को भी कोर्ट ने कहा था कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए अभी सुनवाई करना मुमकिन नहीं है.

  • Earlier,Chief Metropolitan Magistrate Naveen Kashyap raised question 'why does CBI need court's permission to proceed with further investigation in matter" and asked CBI to place on record case laws to show that it needs permission from the court to probe further in Bofors case https://t.co/5b9xQYeCqp

    — ANI (@ANI) May 16, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

CBI ने किया था नए सबूतों का दावा

सीबीआई ने याचिका दायर कर कहा था कि इस मामले में नए तथ्य और सबूत मिले हैं जिनके आधार पर मामले की दोबारा जांच की जरूरत है. दिल्ली हाईकोर्ट ने 31 मई 2005 को बोफोर्स मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. सीबीआई द्वारा ये याचिका तब दायर की गई थी जब अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सीबीआई को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती न देने की सलाह दी थी.

  • Delhi Court allows the CBI to withdraw the application and questions Ajay Aggarwal's locus standi in the matter,next hearing in the case on July 6 https://t.co/5b9xQYeCqp

    — ANI (@ANI) May 16, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

2 नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने बोफोर्स मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा हिंदुजा बंधुओं को क्लीन चिट देने के 2005 के फैसले के खिलाफ दाखिल सीबीआई की अपील को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि 13 साल के बाद इस अपील का क्या मतलब है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में एक और याचिकाकर्ता की अपील लंबित है आप उस याचिका पर सुनवाई के समय अपना पक्ष रखिएगा. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि इस मामले में नए तथ्य सामने आए हैं. जिन पर विचार करना जरूरी है तब कोर्ट ने कहा कि दूसरी लंबित याचिका पर आप अपना पक्ष रखें. लेकिन अब सीबीआई ने खुद अपनी याचिका वापस ले ली है.

Intro:2014 में 69.24 से अब बढ़कर 69.43 फीसदी वोटिंग, महज 0.19 की बढ़ोतरी

- अटेली, नारनौल व महेंद्रगढ़ में बढ़ी वोटिंग प्रतिशत, नांगल चौधरी में पहले के मुकाबले घटी

- जिलाभर में नारनौल हलका का बूथ-124 में सर्वाधिक 91.77 वोटिंग, सबसे कम नांगल चौधरी हलका का बूथ-157 में महज 51.34 फीसदी ही हुई पोलिंग



नारनौल। साल-2014 के लोकसभा चुनाव में पोलिंग प्रतिशत से इस बार लोकसभा-2019 को आंकड़े आमने-सामने है। साल-2014 में जहां जिला की चारों विधानसभा में 69.24 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार 69.43 फीसदी मतदान हुआ है। महज 0.19 फीसदी की ही बढ़ोतरी हो पाई। सर्वाधिक अटेली, महेंद्रगढ़ व नारनौल हलका में बढ़ोतरी हुई है। नांगल चौधरी पहले के मुकाबले वोटिंग फीसदी में पिछड़ा है। वहीं अगर बूथ के हिसाब से बात करें तो सर्वाधिक मतदान नारनौल हलका के बूथ नंबर 124 पर हुआ है। यहां 91.77 फीसदी वोट पोलिंग हुई। सबसे कम मतदान नांगल चौधरी हलका के बूथ नंबर 157 पर महज 51.34 फीसदी ही मतदान हो पाया। 


साल-2014 के मुकाबले इस बार कहां कम-ज्यादा रहा वोट फीसदी का आंकड़ा

                   साल-2014                                     साल-2019

हलका                  कुल वोटर         कुल पोलिंग         प्रतिशत          कुल वोटर                  कुल पोलिंग         प्रतिशत

अटेली                  165809                  114186                  68.87         182261                  132011                  72.43

महेंद्रगढ़                  168523                  119216                  70.74         188786                  134484                  71.24

नारनौल                  125296                  85601                  68.32         139586                  99055                  70.96

नांगल चौधरी         131791                  90550                  68.71         144963                  98680                  68.07

कुल                  591419                  409553                  69.24         655596                  455230                  69.43




Body:2014 व 2019 में सबसे कम व अधिक पोलिंग बूथ

- अटेली हलका : साल-2014 मे गांव उन्हाणी के बूथ नंबर 44 पर सर्वाधिक वोटिंग हुई। यहां 1062 में से 901 वोट डाले गए। यहां 84.84 फीसदी पोलिंग हुई। सबसे कम गांव कांटी के बूथ नंबर-180 में पोलिंग हुई। यहां 1298 में से 709 पोल हुए। यहां महज 54.62 फीसदी ही वोट डाले गए। अब 2019 के इस चुनाव में गांव नौताना के बूथ नं. 9 में 360 में से 318 वोट पोल हुए है। यहां 88.33 फीसदी मतदान हुआ। सबसे कम अटेली मंडी के बूथ नं. 186 में 1398 में से 787 वोट डाले गए। यहां महज 56.29 फीसदी मतदान हुआ।

- महेंद्रगढ़ हलका : साल-2014 में गांव ढाढोत के बूथ नं. 131 में 652 में से 556 वोट डाले गए। यहां 85.28 फीसदी मतदान हुआ। सबसे कम गांव बुडिन के बूथ नं. 134 में 730 में से 429 वोट पोल हुए। यहां 58.77 फीसदी पोल हुए। साल-2019 में सर्वाधिक वोट बूथ नं. 106 में पोल हुए। यहां 265 में से 224 लोगों ने मताधिकार कर 84.53 फीसदी पोलिंग हुई। सबसे कम शहर की जीपीएस अनाज मंडी के बूथ नं. 117 में पोलिंग हुई। इसमें 1313 में 794 ने वोट डाले। यहां 60.47 फीसदी पोलिंग रिकॉर्ड की गई।




Conclusion:नारनौल हलका : साल-2014 में शाहपुर दोयम के बूथ नंबर 106 में 227 में से 200 वोट डाले गए। यहां 77.11 फीसदी वोट पड़े। सबसे कम देने का रिकार्ड गांव शाहपुर अव्व्ल के बूथ नं. 121 का है। यहां 792 में से 418 वोट डाले गए। इस तरह यहां 52.78 फीसदी मतदान हुआ। अब साल-2019 के चुनाव में जीपीएस शाहपुर दोयम के बूथ नं. 124 में 231 में से 212 वोट पोल हुए। यहां 91.77 फीसदी पोलिंग हुई। सबसे कम नारनौल शहर में सैनी धर्मशाला में बनाए गए बूथ नं. 74 में हुई। इसमें 1252 में से 731 ने वोट डाले। यहां 58.39 फीसदी वोट पोल हुए।

- नांगल चौधरी : साल-2014 में गांव गावड़ी जाट के बूथ नंबर 79 में 215 में से 188 लोगों ने मतदान किया। यहां 87.44 फीसदी मतदान हुआ। सबसे कम गांव थनवास के बूथ नं. 186 में रहा। इस बूथ में 1269 में से 681 मतदान हुआ। यहां महज 53.66 फीसदी वोट पोल हुए। अब साल-2019 में गांव श्योरामनाथपुरा के बूथ नं. 70 में 682 में से 561 वोट डाले गए। यहां 82.26 फीसदी वोट पोल हुए। वहीं सबसे कम वोट का रिकार्ड गांव दौखेरा के बूथ नं. 157 में रहा। इस बूथ पर 337 में से 173 ने वोट किए। यहां महज 51.34 फीसदी वोट पोल हुए।


Last Updated : May 16, 2019, 2:47 PM IST
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