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भिवानी में किसानों का शेड्यूल लगाने के बाद भी नहीं आ रहा नम्बर

भिवानी में फसल खरीद को लेकर किसान परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि शेड्यूल लगाने के बाद भी नम्बर नहीं आ रहा है. क्योंकि मंडी प्रशासन मिलीभगत कर रहा है.

bhiwani crop purchase problem
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Published : Oct 11, 2020, 1:31 PM IST

भिवानी: फसल की खरीद में शेड्यूल लगाने के बाद भी कई किसानों का एक बार भी नम्बर नहीं आ रहा और कुछ किसानों का तीन बार नम्बर आ रहा है, जो खरीद प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है. किसानों ने मार्केट कमेटी अधिकारियों व आढ़तियों के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष रूप से खरीद प्रक्रिया चलाने की मांग की है.

किसानों ने कहा कि अगर मिलीभगत करके शेड्यूल किया गया और किसान अपनी फसल बेचने की बारी का इंतजार करते रहेगो तो कमेटी कार्यालय के सामने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. खरीद शुरू हुए करीब 10 दिन हो चुके हैं और सात हजार किसानों में से करीब चार सौ किसान ही समर्थन भावों पर फसल बेच पाए हैं. वहीं मूंग की खरीद अभी तक बहल खरीद केंद्र पर आरंभ हुई नहीं है.

किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पोर्टल पर फसल बेचने का शेड्यूल लगा चुका किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहा है और करीब तीन दर्जन से अधिक किसान ऐसे हैं जो अपनी बाजरा फसल 2 से 3 बार तक बेच चुके हैं. एक किसान अपनी फसल तीन बार बेच दे और दूसरे किसान की एक बार भी फसल खरीद ना हो तो स्वाभाविक है कि दाल में कुछ तो काला है. शेड्यूल पंजीकरण के बाद भी नम्बर नहीं आया.

ये भी पढ़ें- हिसार: कार में मिला युवक का शव, परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप

किसानों ने बताया कि मौजूदा गति से खरीद में करीब 175 दिन लगेंगे. खरीद करने में खरीफ फसल की खरीद एक अक्टूबर को शुरू हो चुकी है और बहल मार्केट कमेटी के अन्तर्गत करीब सात हजार किसान पंजीकृत हैं और 10 दिन में सिर्फ चार सौ किसानों की खरीद होने के कारण मंडी में सभी किसानों की फसल खरीदने में छह महीने का वक्त लग जायेगा. धीमी गति से खरीद प्रक्रिया से किसान मुश्किल में है.

भिवानी: फसल की खरीद में शेड्यूल लगाने के बाद भी कई किसानों का एक बार भी नम्बर नहीं आ रहा और कुछ किसानों का तीन बार नम्बर आ रहा है, जो खरीद प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है. किसानों ने मार्केट कमेटी अधिकारियों व आढ़तियों के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष रूप से खरीद प्रक्रिया चलाने की मांग की है.

किसानों ने कहा कि अगर मिलीभगत करके शेड्यूल किया गया और किसान अपनी फसल बेचने की बारी का इंतजार करते रहेगो तो कमेटी कार्यालय के सामने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. खरीद शुरू हुए करीब 10 दिन हो चुके हैं और सात हजार किसानों में से करीब चार सौ किसान ही समर्थन भावों पर फसल बेच पाए हैं. वहीं मूंग की खरीद अभी तक बहल खरीद केंद्र पर आरंभ हुई नहीं है.

किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पोर्टल पर फसल बेचने का शेड्यूल लगा चुका किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहा है और करीब तीन दर्जन से अधिक किसान ऐसे हैं जो अपनी बाजरा फसल 2 से 3 बार तक बेच चुके हैं. एक किसान अपनी फसल तीन बार बेच दे और दूसरे किसान की एक बार भी फसल खरीद ना हो तो स्वाभाविक है कि दाल में कुछ तो काला है. शेड्यूल पंजीकरण के बाद भी नम्बर नहीं आया.

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किसानों ने बताया कि मौजूदा गति से खरीद में करीब 175 दिन लगेंगे. खरीद करने में खरीफ फसल की खरीद एक अक्टूबर को शुरू हो चुकी है और बहल मार्केट कमेटी के अन्तर्गत करीब सात हजार किसान पंजीकृत हैं और 10 दिन में सिर्फ चार सौ किसानों की खरीद होने के कारण मंडी में सभी किसानों की फसल खरीदने में छह महीने का वक्त लग जायेगा. धीमी गति से खरीद प्रक्रिया से किसान मुश्किल में है.

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