भिवानी: हरियाणा में सर्दी का सितम जारी है. सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि पशु भी ठंड से परेशान हैं. दरअसल सर्दी के मौसम में पशु कम पानी पीते हैं. वो दलिया और खल ज्यादा खाते हैं. जिससे उनको पथरी की समस्या का सामना करना पड़ता है. पथरी की वजह से पशु की मौत भी हो सकती है. राजकीय वेटनरी पॉलीक्लीनिक भिवानी में ऐसे दो मामले सामने आए.
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर रविंद्र सहरावत के मार्गदर्शन में डॉक्टर सुभाष ने सफल ऑपरेशन कर दोनों पशुओं की जान बचाई. डॉक्टर सुभाष ने बताया कि पथरी की वजह से दो कटडों का पेशाब बंद था. राजकीय वेटनरी पॉलीक्लीनिक में जिनका सिस्टोटोमी ऑपरेशन कर उनकी जान बचाई गई.
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में पशु का पेशाब बंद होने से उसकी मौत तक भी हो जाती है, जिसका एकमात्र इलाज ऑपरेशन ही है. उन्होंने पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि अगर आपके पशु में इस तरह की कोई समस्या आए तो वो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें. डॉक्टर सुभाष ने बताया कि इसके अलावा पॉलीक्लीनिक में एक बीमार कुतिया का मामला भी सामने आया.
जिसमें कुतिया को बच्चे पैदा करने में कठिनाई हो रही थी. जांच करने पर पता लगा कि बच्चे अंदर ही मर चुके हैं. वो गैस की वजह से फूल गए हैं. जिसके कारण सामान्य रूप से बच्चों को जन्म नहीं दिया जा सकता. इसलिए पशु की जान बचाने के लिए सिजेरियन सेक्शन कर मरे हुए बच्चों को बाहर निकाला गया. इस मौके पर उपनिदेशक डॉक्टर रविंद्र सहरावत ने कहा कि सर्दियों में कम पानी पीने व कैल्शियम व फास्फोरस का अनुपात बिगड़ने से पशुओं में पथरी की समस्या बन जाती है.
ऐसे में पशुपालकों को चाहिए कि वे सर्दी में कटड़ो व बछड़ों को भरपूर मात्रा में ताजा पानी पिलाएं तथा खल व दलिया कम मात्रा में दें. इसके साथ-साथ खाने में 10-15 ग्राम नौसादर प्रतिदिन देने से पशुओं में पथरी की समस्या को बनने से रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि बढ़ती ठंड इंसानों के साथ-साथ पशुओं के लिए भी घातक साबित हो सकती है, ऐसे में पशुपालकों को विशेष एहतियात बरतने जरूरी है.
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