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From: Maha Singh Sheoran <
msloharu@gmail.com>
Date: Wed 20 Mar, 2019, 16:02
Subject: Script-& File-HAR_LOHARU_MAHA SINGH SHEORAN_ 20MAR_HOLI KA PUJAN
To: <
bjishtu@gmail.com>
Script- HAR_LOHARU_MAHA SINGH SHEORAN_ 20MAR_HOLI KA PUJAN
न्यूज :- लोहारू में परंपरागत श्रद्धा और उल्लास के साथ किया गया होलिका पूजन
एंकर :- लोहारू व बाढड़ा में परंपरागत श्रद्धा और उल्लास के साथ होली का
त्यौहार मनाया गया। इस मौके पर महिलाओं ने होलिका पूजन शुरू हो गया है।
होलिका दहन से पूर्व महिलाएं परंपरागत ढंग से पारंपरिक परिधानों में गीत
गाती हुई होलिका के पास पहुंची और होलिका का पूजन किया। महिलाओं ने
बडक़ुल्लों आदि से होली का अच्छा श्रृंगार किया था तथा सच्चाई की रक्षा व
अपने पति की रक्षा के लिए रक्षा सूत्र बांधे।
वी/ओ 1:- लोहारू में होली पर्व पर डफों की थाप पर थिरके लोग, बाजार सजे
-भारत में फाल्गुन मास को मस्ती का महिना माना जाता है जहंा चारों ओर
लहलाते खेत और बासंति बयार बच्चे, युवाओं , वृद्वों सहित हर प्राणी के मन
में नई उंमगों तथा उत्साह का संचार कर देता है। इस माह में ही आता है
असत्य पर सत्य की विजय का प्रतिक रंगों का त्यौहा होली। वैसे तो वक्त के
साथ हर पर्व की चमक फीकी पड़ी है मगर होली का त्यौहार आज भी दिलों को
जोडऩे और आपसी मतभेद भुलाने का काम करता है। इसी कड़ी में लोग अपने सभी
प्रकार के गिला-शिकवों को भूल डफों की थाप पर जमकर थिरकते है जिनमें
महिलाए भी अपनी भागीदारी दर्ज कराती है। जगह-जगह टोलियों में डफ की थाप
के साथ नाचते गाते लोक गायकों को देखने अच्छी खासी भीड़ जुटती है। इसके
साथ ही बाजारों में रोनक लोट आई है तथा दुकानों पर तरह-तरह के रंग व
चाईनिज पिचकारियों की और लोगों का आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं जिसकी
ग्रामीण लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
वी/ओ 2:- हम आपको बता दें कि राजस्थान सीमा से सटा लोहारू क्षेत्र उन
ईलाकों में से है जंहा के लोग सदियों से चली आ रही परंपराओं का न केवल
निर्वाह करते हैं अपितु उनको अपने मूल स्वरूप में बनाए हुए भी है। यंहा
होली पर्व के आगमन से एक पखवाड़े पूर्व ही डफ के साथ धमाल का काम शुरू हो
जाता है। चांदनी रात में डफ की थाप के साथ वातावरण में गूंजती
स्वरलहरीयां बरवस ही हर किसी को अपनी और आकर्षित करने पर मजबूर कर देती
हैं। देर रात तक धमाल और लोक गीतों के माध्यम से राधा-कृष्ण के सात्विक
प्रेम और प्रेम के संयोग व वियोग दोनों के रूप का वर्णन किया जाता है।
वी/ओ 2:- होली पर इस बार विशेष रोनक देखने को मिल रही है तथा तरह-तरह के
रंग, गुलाल, अंबीर व चाईनिज पिचकारियों से दुकाने अटी पड़ी है जिसे लोग
बड़े उत्साह के साथ लेाग खरीदने आ रहे है। चाईनिज पिचकारियां ग्राहकों
के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।
वी/ओ 3:- सीमा स्थानीय निवासी ने पत्रकारों को बताया कि हिरण्यकश्प के
पुत्र प्रह्लाद के भगवान पर अगाध विश्वास था और उसके पिता ने उसे जलाने
के लिए ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त अपनी बहन होलिका की गोद में बैठाकर
आग के हवाले कर दिया था। भगवान के आशीर्वाद से प्रह्लाद तो सुरक्षित रहा
मगर होलिका जल गई। इस प्रकार यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है और
महिलाएं धर्म के प्रतीक के रूप में होली का डांडा स्थापित कर पूजा करती
हैं और व्रत खोलती हैं।
इस स्क्रीप्ट की फीड एफ. टी .पी. पर HAR_LOHARU_MAHA SINGH SHEORAN_
20MAR_HOLI KA PUJAN फाईले मिलेंगी। इस स्टोरी की कुल फीड की 5 फाईले
हैं।
HAR_LOHARU_MAHA SINGH SHEORAN_ 20MAR_HOLI KA PUJAN-वी1- लोहारू में
होली की डंाडा गाड़ते पुजारी, सज-धजकर होलिका श्रृंगार व पूजा करती
महिलाएं।
HAR_LOHARU_MAHA SINGH SHEORAN_ 20MAR_HOLI KA PUJAN-वी2-लोहारू में होली
के पावन अवसर पर डफ की थाप पर धमाल और लोक नृत्य प्रस्तुत करते हुए लोग।
HAR_LOHARU_MAHA SINGH SHEORAN_ 20MAR_HOLI KA PUJAN-वी3-डफ की थाप पर
मस्ती में जुमते लोग।
HAR_LOHARU_MAHA SINGH SHEORAN_ 20MAR_HOLI KA PUJAN-वी4-लोहारू के
बाजारों में तरह-तरह के रंग गुलाल, अबीर व पटााखों से सजी दुकाने तथा
उनको खरीदते लोग। बाजारों में सजी चाईनिज पिचकारियों व पटाखों से सजी
दुकाने।
HAR_LOHARU_MAHA SINGH SHEORAN_ 20MAR_HOLI KA PUJAN-बी5-सीमा स्थानीय
निवासी से बातचीत
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Maha Singh Sheoran
Reporter News Channel Loharu (Hr.)
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