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कर्नाटक: कैबिनेट ने कोविड घोटाले की जांच के लिए SIT और उप-समिति गठित करने का फैसला किया

Karnataka Government, कर्नाटक की कैबिनेट ने कोविड-19 घोटाले पर कार्रवाई के लिए SIT और उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया है.

Law and Parliamentary Affairs Minister HK Patil
कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 10, 2024, 10:38 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 ‘घोटाले’ से जुड़ी रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई के लिए गुरुवार विशेष जांच दल (SIT) और एक कैबिनेट उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया है. बता दें कि न्यायमूर्ति माइकल डी’ कुन्हा जांच आयोग ने भाजपा के सरकार में रहने के दौरान कोविड​​​​-19 महामारी के समय उपकरणों और मेडिसिन की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच करने के बाद यह रिपोर्ट दी है.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस बारे में कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने जानकारी देते हुए बताया कि 31 अगस्त को 11 खंडों में प्रस्तुत ‘आंशिक’ रिपोर्ट में आयोग ने 7,223.64 करोड़ रुपये के खर्च की जांच की. उन्होंने कहा कि इसमें इतनी बड़ी राशि के दुरुपयोग को नहीं इंगित किया है.

साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग ने 500 करोड़ रुपये की वसूली किए जाने की भी सिफारिश की है.मंत्री पाटिल ने कहा कि आयोग ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के चार जोन और राज्य के 31 जिलों से रिपोर्ट मांगी है. हालांकि उसे अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है. वहीं संबंधित विभागों से 55,000 फाइलों का सत्यापन किए जाने के बाद ‘आंशिक’ रिपोर्ट पेश की गई है. साथ ही बताया गया कि कोविड घोटाले में शामिल कंपनियों और संगठनों को ब्लैक लिस्ट करने का फैसला किया गया है.

ये भी पढ़ें - मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, असमिया, मराठी, पाली, प्राकृत और बंगाली को दिया 'क्लासिकल भाषा' का दर्जा

बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 ‘घोटाले’ से जुड़ी रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई के लिए गुरुवार विशेष जांच दल (SIT) और एक कैबिनेट उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया है. बता दें कि न्यायमूर्ति माइकल डी’ कुन्हा जांच आयोग ने भाजपा के सरकार में रहने के दौरान कोविड​​​​-19 महामारी के समय उपकरणों और मेडिसिन की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच करने के बाद यह रिपोर्ट दी है.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस बारे में कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने जानकारी देते हुए बताया कि 31 अगस्त को 11 खंडों में प्रस्तुत ‘आंशिक’ रिपोर्ट में आयोग ने 7,223.64 करोड़ रुपये के खर्च की जांच की. उन्होंने कहा कि इसमें इतनी बड़ी राशि के दुरुपयोग को नहीं इंगित किया है.

साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग ने 500 करोड़ रुपये की वसूली किए जाने की भी सिफारिश की है.मंत्री पाटिल ने कहा कि आयोग ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के चार जोन और राज्य के 31 जिलों से रिपोर्ट मांगी है. हालांकि उसे अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है. वहीं संबंधित विभागों से 55,000 फाइलों का सत्यापन किए जाने के बाद ‘आंशिक’ रिपोर्ट पेश की गई है. साथ ही बताया गया कि कोविड घोटाले में शामिल कंपनियों और संगठनों को ब्लैक लिस्ट करने का फैसला किया गया है.

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