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नियम 134 A पर बोलीं कुमारी सैलजा- गरीब छात्रों का निजी स्कूल में पढ़ने का सपना रह जाएगा अधूरा

हरियाणा सरकार ने नियम 134 ए को खत्म (haryana 134 A rule abolished) कर दिया है. जिसको लेकर हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सरकार पर निशाना साधा है.

Haryana pcc chief kumari selja
हरियाणा में नियम 134 ए खत्म.
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Published : Mar 31, 2022, 7:27 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार का गरीब विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है. हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने नियम 134 ए के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को निशुल्क दाखिले की प्रक्रिया बंद कर दी है. 134 ए के खत्म (haryana 134 A rule abolished) होने पर गरीब परिवारों के अधिकारों पर बड़ा प्रहार किया गया है. अब गरीब छात्रों का निजी स्कूलों में पढ़ने का सपना अधूरा रह जाएगा. प्रदेश का गरीब वर्ग सरकार को इस कृत्य के लिए कभी माफ नहीं करेगा. सरकार 134 ए खत्म करने के अपने फैसले को तुरंत वापस ले.


मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि 134 ए के तहत 10 प्रतिशत सीटें कमजोर वर्ग व गरीबी रेखा के नीचे के होनहार बच्चों के लिए आरक्षित होती थी. अब ये मुफ्त शिक्षा का अधिकार भी गरीबों से छीन लिया गया है. प्रदेश सरकार को गरीबों से कोई सरोकार नहीं है. हरियाणा एजुकेशन रूल (haryana education rules) की धारा 134 ए के खत्म होने से गरीब परिवारों की अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं.

कुमारी सैलजा ने कहा कि 134 ए के नियम के तहत पात्र परिवार का बच्चा टेस्ट पास कर अपनी पसंद के मुताबिक निजी स्कूल में मुफ्त पढ़ाई कर सकता था. वह टेस्ट के मुताबिक 12वीं तक की कक्षा में दाखिला लेने के साथ ही स्कूल भी बदल सकता था. मगर, सरकार द्वारा 134 ए खत्म करना गरीब वर्ग के होनहार छात्रों के लिए बड़ा झटका है. अब सिर्फ नर्सरी से पहली कक्षा तक के ही बच्चों को दाखिले दिए जाएंगे. नए फैसले के तहत निजी स्कूलों में दूसरी से 12वीं तक की कक्षाओं में सीधे दाखिले का नियम नहीं है.

बच्चे को स्कूल चुनने का विकल्प भी नहीं मिलेगा. बच्चों को पास के ही निजी स्कूल में दाखिला लेना होगा. यानी, पसंद के मुताबिक स्कूल नहीं चुन सकेंगे. किसी भी कक्षा में स्कूल बदलने का विकल्प नहीं मिलेगा. कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार की गरीब विरोधी मानसिकता के कारण ही हरियाणा में 24 हजार गरीब बच्चे निजी स्कूलों में दाखिले की राह देखते ही रह गए. इन बच्चों और अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन भी किए, मगर इस सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. सरकार नहीं चाहती कि गरीब वर्ग के होनहार बच्चे आगे बढ़ सकें. कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार अपने इस फैसले को तुरंत प्रभाव से वापस ले.

ये भी पढ़ें: बड़ी खबर: हरियाणा सरकार ने नियम 134ए को किया खत्म, अब निजी स्कूलों में नहीं हाेगा फ्री दाखिला

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चंडीगढ़: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार का गरीब विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है. हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने नियम 134 ए के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को निशुल्क दाखिले की प्रक्रिया बंद कर दी है. 134 ए के खत्म (haryana 134 A rule abolished) होने पर गरीब परिवारों के अधिकारों पर बड़ा प्रहार किया गया है. अब गरीब छात्रों का निजी स्कूलों में पढ़ने का सपना अधूरा रह जाएगा. प्रदेश का गरीब वर्ग सरकार को इस कृत्य के लिए कभी माफ नहीं करेगा. सरकार 134 ए खत्म करने के अपने फैसले को तुरंत वापस ले.


मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि 134 ए के तहत 10 प्रतिशत सीटें कमजोर वर्ग व गरीबी रेखा के नीचे के होनहार बच्चों के लिए आरक्षित होती थी. अब ये मुफ्त शिक्षा का अधिकार भी गरीबों से छीन लिया गया है. प्रदेश सरकार को गरीबों से कोई सरोकार नहीं है. हरियाणा एजुकेशन रूल (haryana education rules) की धारा 134 ए के खत्म होने से गरीब परिवारों की अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं.

कुमारी सैलजा ने कहा कि 134 ए के नियम के तहत पात्र परिवार का बच्चा टेस्ट पास कर अपनी पसंद के मुताबिक निजी स्कूल में मुफ्त पढ़ाई कर सकता था. वह टेस्ट के मुताबिक 12वीं तक की कक्षा में दाखिला लेने के साथ ही स्कूल भी बदल सकता था. मगर, सरकार द्वारा 134 ए खत्म करना गरीब वर्ग के होनहार छात्रों के लिए बड़ा झटका है. अब सिर्फ नर्सरी से पहली कक्षा तक के ही बच्चों को दाखिले दिए जाएंगे. नए फैसले के तहत निजी स्कूलों में दूसरी से 12वीं तक की कक्षाओं में सीधे दाखिले का नियम नहीं है.

बच्चे को स्कूल चुनने का विकल्प भी नहीं मिलेगा. बच्चों को पास के ही निजी स्कूल में दाखिला लेना होगा. यानी, पसंद के मुताबिक स्कूल नहीं चुन सकेंगे. किसी भी कक्षा में स्कूल बदलने का विकल्प नहीं मिलेगा. कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार की गरीब विरोधी मानसिकता के कारण ही हरियाणा में 24 हजार गरीब बच्चे निजी स्कूलों में दाखिले की राह देखते ही रह गए. इन बच्चों और अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन भी किए, मगर इस सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. सरकार नहीं चाहती कि गरीब वर्ग के होनहार बच्चे आगे बढ़ सकें. कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार अपने इस फैसले को तुरंत प्रभाव से वापस ले.

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