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भ्रष्टाचार की लड़ाई में भारत हुआ कमजोर, वैश्विक सूचकांक में लुढ़का दो स्थान

ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल के सूचकांक में भारत का दुनिया के 180 देशों में 80वें स्थान पर है. दरअसल यह सूचकांक हर वर्ष जारी होता है. इस सूचकांक में 180 देशों के सार्वजनिक क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के स्तर को मानक मानकर सूची तैयार की जाती है. भारत को सूचकांक में 41 अंक के साथ 80वां स्थान मिला है. जानें विस्तार से...

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प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Jan 24, 2020, 11:19 AM IST

Updated : Feb 18, 2020, 5:24 AM IST

दावोस : भ्रष्टाचार अनुभव सूचकांक में भारत का दुनिया के 180 देशों में 80वें स्थान है. ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने यहां विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक के दौरान इस सूचकांक रपट को जारी किया.

बता दें कि साल 2018 के लिए जारी सूचकांक के मुकाबले भारत इस वर्ष दो स्थान इस सूची में लुढ़का है. दरअसल भारत पिछले वर्ष जारी हुई सूची में 78वें पायदान पर था.

विशेषज्ञों और कारोबारी लोगों के अनुसार यह सूचकांक 180 देशों के सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तर को दिखाता है.

इसे भी पढ़ें- ईआईयू के लोकतंत्र सूचकांक में भारत दस स्थान लुढ़ककर 51वें पायदान पर पहुंचा

सूचकांक में डेनमार्क और न्यूजीलैंड शीर्ष स्थान पर रहे हैं. फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड, जर्मनी और लक्जमबर्ग इस सूचकांक में शीर्ष 10 में शामिल रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- सामाजिक बदलाव सूचकांक में भारत 76वें पायदान पर, डेनमार्क सबसे ऊपर

सूचकांक में 41 अंक के साथ भारत को 80वां स्थान मिला है. चीन, बेनिन, घाना और मोरक्को भी इसी रैंक में हैं. वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को सूचकांक में 120वां स्थान मिला है.

गौरतलब है कि भारत हाल ही जारी लोकतंत्र सूचकांक की वैश्विक सूची में भारत 10 स्थान लुढ़क कर 51वें स्थान पर आ गया. भारत का कुल अंक 2018 में 7.23 था ,जो अब घटकर 6.90 रह गया है. यह वैश्विक सूची 165 स्वतंत्र देशों और दो क्षेत्रों में लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति का एक खाका पेश करती है.

दावोस : भ्रष्टाचार अनुभव सूचकांक में भारत का दुनिया के 180 देशों में 80वें स्थान है. ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने यहां विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक के दौरान इस सूचकांक रपट को जारी किया.

बता दें कि साल 2018 के लिए जारी सूचकांक के मुकाबले भारत इस वर्ष दो स्थान इस सूची में लुढ़का है. दरअसल भारत पिछले वर्ष जारी हुई सूची में 78वें पायदान पर था.

विशेषज्ञों और कारोबारी लोगों के अनुसार यह सूचकांक 180 देशों के सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तर को दिखाता है.

इसे भी पढ़ें- ईआईयू के लोकतंत्र सूचकांक में भारत दस स्थान लुढ़ककर 51वें पायदान पर पहुंचा

सूचकांक में डेनमार्क और न्यूजीलैंड शीर्ष स्थान पर रहे हैं. फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड, जर्मनी और लक्जमबर्ग इस सूचकांक में शीर्ष 10 में शामिल रहे हैं.

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सूचकांक में 41 अंक के साथ भारत को 80वां स्थान मिला है. चीन, बेनिन, घाना और मोरक्को भी इसी रैंक में हैं. वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को सूचकांक में 120वां स्थान मिला है.

गौरतलब है कि भारत हाल ही जारी लोकतंत्र सूचकांक की वैश्विक सूची में भारत 10 स्थान लुढ़क कर 51वें स्थान पर आ गया. भारत का कुल अंक 2018 में 7.23 था ,जो अब घटकर 6.90 रह गया है. यह वैश्विक सूची 165 स्वतंत्र देशों और दो क्षेत्रों में लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति का एक खाका पेश करती है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 22:36 HRS IST




             
  • भारत का भ्रष्टाचार अनुभव सूचकांक में 80वां स्थान



दावोस, 23 जनवरी (भाषा) भ्रष्टाचार अनुभव सूचकांक में भारत का दुनिया के 180 देशों में 80वां स्थान है। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने यहां विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक के दौरान इस सूचकांक रपट को जारी किया।



विशेषज्ञों और कारोबारी लोगों के अनुसार यह सूचकांक 180 देशों के सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तर को दिखाता है।



सूचकांक में डेनमार्क और न्यूजीलैंड शीर्ष स्थान पर रहे हैं। फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड, जर्मनी और लक्जमबर्ग इस सूचकांक में शीर्ष 10 में शामिल रहे हैं।



सूचकांक में 41 अंक के साथ भारत को 80वां स्थान मिला है। चीन, बेनिन, घाना और मोरक्को भी इसी रैंक में हैं। वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को सूचकांक में 120वां स्थान मिला है।


Conclusion:
Last Updated : Feb 18, 2020, 5:24 AM IST
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