आज शनि अमावस्या पर वक्री शनि के कष्टों से मिलेगी राहत गीता पाठ से, Geeta Gyan

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योगाभ्यास में निरंतर लगकर आत्मसंयमी योगी समस्त भौतिक कल्मष से मुक्त हो जाता है और भगवान की दिव्य प्रेम भक्ति में परम सुख प्राप्त करता है. मन अपनी चंचलता तथा अस्थिरता के कारण जहां कहीं भी विचरण करता हो, मनुष्य को चाहिए कि उसे वहां से खींचकर अपने वश में करे. जिस प्रकार वायुरहित स्थान में दीपक हिलता-डुलता नहीं, उसी तरह जिस योगी का मन वश में होता है, वह आत्म तत्व के ध्यान में सदैव स्थिर रहता है. मनुष्य को चाहिए कि मन के द्वारा सभी ओर से इन्द्रियों को वश में करे. Lord shri Krishna .Reading Geeta . Listening Geeta . shani amavasya sadhe sati dhaiya relief remedy reading listening gita .
Last Updated : Aug 29, 2022, 1:20 PM IST

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