Geeta Gyan : जैसे आकाश सर्वव्यापी है किन्तु अपनी सूक्ष्म प्रकृति के कारण...
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जिस प्रकार सूर्य अकेले इस सारे ब्रह्माण्ड को प्रकाशित करता है, उसी प्रकार शरीर के भीतर स्थित एक आत्मा सारे शरीर को चेतना से प्रकाशित करता है. जो लोग अपने मन को परमात्मा में एकाग्र करते हैं और अत्यन्त श्रद्धा पूर्वक परमात्मा की पूजा करने में सदैव लगे रहते हैं, वे परम सिद्ध माने जाते हैं. जिससे किसी को कष्ट नहीं पहुंचता तथा जो अन्य किसी के द्वारा विचलित नहीं किया जाता, जो सुख-दुख में , भय तथा चिन्ता में समभाव रहता है, वह ईश्वर को अत्यंत प्रिय है. Geeta Quotes. Geeta Sar. Motivational Quotes. Aaj Ki Prerna . Geeta Gyan.