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नए CEC की नियुक्ति पर राहुल की आपत्ति और तीन नए आपराधिक कानून, क्या बोले उमर अब्दुल्ला - OMAR ABDULLAH ON NEW CRIMINAL LAWS

तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर जम्मू कश्मीर के सीएम ने बड़ी बात कही है. साथ ही नए सीईसी की नियुक्ति पर उन्होंने कहा कि, विपक्ष के नेता को इस तरह का असहमति नोट भेजने का अधिकार है. ईटीवी भारत संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

उमर अब्दुल्ला (सीएम, जम्मू कश्मीर) फाइल फोटो
उमर अब्दुल्ला (सीएम, जम्मू कश्मीर) फाइल फोटो (AFP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 18, 2025, 5:44 PM IST

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि,तीन नए आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन जम्मू-कश्मीर की निर्वाचित सरकार का जनादेश नहीं है, लेकिन उनकी सरकार तीनों कानूनों के प्रावधानों के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रयासों का हिस्सा बनेगी. वहीं, नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा भेजे गए असहमति नोट का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह का असहमति नोट भेजने का अधिकार है.

गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद उन्होंने इस बात की जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने कहा "जम्मू-कश्मीर में तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करना निर्वाचित सरकार का जनादेश नहीं है, लेकिन निर्वाचित सरकार को कानूनों के प्रावधानों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है क्योंकि लोगों को उनके बारे में पता होना चाहिए."

जम्मू-कश्मीर में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री अब्दुल्ला, गृह सचिव गोविंद मोहन, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात और गृह मंत्रालय तथा जम्मू-कश्मीर के कई अन्य शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए.

उमर ने कहा कि बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति से संबंधित कोई बैठक नहीं हुई. सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि, उन्होंने संसद परिसर में गृह मंत्री के साथ अपनी हालिया बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर से संबंधित सुरक्षा मामलों पर चर्चा की थी. हालांकि, जम्मू-कश्मीर की निर्वाचित सरकार सुरक्षा मुद्दों पर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई पिछली दो बैठकों का हिस्सा नहीं थी. इसलिए, वे पहले आयोजित दो बैठकों का हिस्सा नहीं बने थे.

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि, इस बैठक और पिछली दो बैठकों में अंतर है. आज की बैठक नए कानूनों और उनके क्रियान्वयन के बारे में थी. अगर सुरक्षा मुद्दों पर लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को शामिल नहीं करने का निर्णय लिया गया है, तो वे क्या कह सकता हैं. नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा भेजे गए असहमति नोट का जिक्र करते हुए उमर ने कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह का असहमति नोट भेजने का अधिकार है.

उमर ने कहा, "विपक्ष के नेता को चयन बैठक में असहमति का अधिकार है. विपक्ष को हमेशा सरकार से सहमत होने की जरूरत नहीं है. इसलिए, उन्होंने (राहुल गांधी ने) अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और असहमति नोट भेजा." मुख्यमंत्री उमर ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए चयन समिति के गठन से जुड़ा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है.

ये भी पढ़ें: 'आधी रात को फैसला लेना अपमानजनक', ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर नाराज हुए राहुल गांधी

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि,तीन नए आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन जम्मू-कश्मीर की निर्वाचित सरकार का जनादेश नहीं है, लेकिन उनकी सरकार तीनों कानूनों के प्रावधानों के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रयासों का हिस्सा बनेगी. वहीं, नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा भेजे गए असहमति नोट का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह का असहमति नोट भेजने का अधिकार है.

गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद उन्होंने इस बात की जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने कहा "जम्मू-कश्मीर में तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करना निर्वाचित सरकार का जनादेश नहीं है, लेकिन निर्वाचित सरकार को कानूनों के प्रावधानों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है क्योंकि लोगों को उनके बारे में पता होना चाहिए."

जम्मू-कश्मीर में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री अब्दुल्ला, गृह सचिव गोविंद मोहन, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात और गृह मंत्रालय तथा जम्मू-कश्मीर के कई अन्य शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए.

उमर ने कहा कि बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति से संबंधित कोई बैठक नहीं हुई. सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि, उन्होंने संसद परिसर में गृह मंत्री के साथ अपनी हालिया बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर से संबंधित सुरक्षा मामलों पर चर्चा की थी. हालांकि, जम्मू-कश्मीर की निर्वाचित सरकार सुरक्षा मुद्दों पर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई पिछली दो बैठकों का हिस्सा नहीं थी. इसलिए, वे पहले आयोजित दो बैठकों का हिस्सा नहीं बने थे.

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि, इस बैठक और पिछली दो बैठकों में अंतर है. आज की बैठक नए कानूनों और उनके क्रियान्वयन के बारे में थी. अगर सुरक्षा मुद्दों पर लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को शामिल नहीं करने का निर्णय लिया गया है, तो वे क्या कह सकता हैं. नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा भेजे गए असहमति नोट का जिक्र करते हुए उमर ने कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह का असहमति नोट भेजने का अधिकार है.

उमर ने कहा, "विपक्ष के नेता को चयन बैठक में असहमति का अधिकार है. विपक्ष को हमेशा सरकार से सहमत होने की जरूरत नहीं है. इसलिए, उन्होंने (राहुल गांधी ने) अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और असहमति नोट भेजा." मुख्यमंत्री उमर ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए चयन समिति के गठन से जुड़ा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है.

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