नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने राष्ट्रीय राजधानी की मंडोली जेल से दिल्ली और पंजाब की जेलों को छोड़कर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की थी. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पी.बी. वराले की पीठ ने की.
पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले भी चंद्रशेखर द्वारा दायर इसी तरह की याचिकाओं को खारिज कर दिया था. पीठ ने कहा, "आपके पास खर्च करने के लिए पैसा है, आप जोखिम उठाते रहते हैं. यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है. आप एक ही याचिका कैसे दायर कर सकते हैं." पीठ ने कहा कि उनकी शिकायत आप सरकार के खिलाफ थी और हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन हो गया है, इसलिए शिकायत कायम नहीं रह गई है.
चंद्रशेखर के वकील अधिवक्ता शोएब आलम ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत यह अधिकार है कि उसे उसके परिवार से दूर न रखा जाए. वकील ने पीठ से आग्रह किया कि उनके मुवक्किल को कर्नाटक या उसके आसपास की किसी भी जेल में भेजा जाए. पीठ ने कहा कि वह समाज और उसकी सुरक्षा के बारे में भी चिंतित है. पीठ ने कहा, "आपके मौलिक अधिकारों को दूसरों की कीमत पर लागू नहीं किया जा सकता."
दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वह चंद्रशेखर द्वारा दायर याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है. यह स्पष्ट किया कि उसने मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है. पीठ ने कहा, "हालांकि, हम यह कहने से खुद को नहीं रोक सकते कि वर्तमान याचिकाकर्ता ने बदली हुई परिस्थितियों की आड़ में एक के बाद एक रिट दायर करके कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की कोशिश की है."
चंद्रशेखर के वकील ने तर्क दिया था कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने चंद्रशेखर की शिकायत पर पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. चंद्रशेखर ने जैन पर उनसे 10 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि वसूलने का आरोप लगाया और दावा किया कि उन्होंने आप को लगभग 50 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.
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