लॉकडाउन में ग्रामीणों के लिए आजीविका का स्रोत बनी इमली - कोरोना वायरस
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लॉकडाउन की इस घड़ी में लोगों के सामने आजीविका चलाने की चुनौती खड़ी हो गई है. ग्रामीण वनोपज के सहारे अपना गुजारा कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के जामवाड़ा गांव में लॉकडाउन के कारण ग्रामीणों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में इन ग्रामीणों के लिए एक ही सहारा है और वो है बस्तर का वनोपज इमली. ग्रामीणों का कहना है कि वे थोक में इमली खरीद कर लाते हैं. उन्हें 10 किलो इमली के बीज निकालने का 50 रुपए मिलता है. इस 10 किलो इमली से बीज निकालने में उन्हें 2 दिन का समय लगता है और इमली की आवक के मुताबिक उन्हें महीने में 500 से 600 रुपए की आय होती है.