यूपी: कोरोना से बचाव के लिए पुलिस की वर्दी में जनसुनवाई कर रहे काशी के कोतवाल - पुलिस वर्दी में काशी कोतवाल
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वाराणसी: काशी के इतिहास में पहली बार बाबा काल भैरव का भव्य वर्दी वाला श्रृंगार किया गया. यहां भगवान (Kashi Ke Kotwal) कोतवाल की वर्दी में दिखे और हाथों में रजिस्टर लेकर जनसुनवाई करते नजर आए. लोगों ने इस विशेष श्रृंगार के जरिए कोरोना वायरस के खात्मे और देश के कल्याण की कामना की. हर दिन बाबा काल भैरव का अलग श्रृंगार किया जाता है. शनिवार को उनका विशेष शृंगार किया गया और पहली बार ऐसा हुआ जब काशी के कोतवाल पूरी तरह कोतवाल के रूप में नजर आए. पुलिस की वर्दी में माथे पर टोपी लगाए, कंधे पर स्टार सजाए, कमर में पिस्टल, हाथों में रजिस्टर लिए बाबा काल भैरव ऐसे दिखे, जैसे वाकई वो कोतवाल के रूप में अपनी हाजिरी लगा रहे हैं. मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस समय देश में काफी विषम परिस्थितियां हैं. कोरोना वायरस बढ़ता जा रहा है. पंजाब में भी अलग घटनाएं हुईं. इसको लेकर हम सभी ने बाबा के असल दंड स्वरूप का श्रृंगार किया. सभी ने कामना की है कि बाबा कोतवाल के रूप में पूरे देश की रक्षा करें और सर्व कल्याण का आशीर्वाद दें. बाबा के भव्य रूप का दर्शन करने के लिए परिसर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं पहुंच रहे हैं और हर कोई यही कह रहा था कि स्वयं धरती पर कोतवाल प्रकट हुए हैं. दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि पहली बार हम सभी लोगों ने बाबा के कोतवाल स्वरूप का दर्शन किया. यह एकदम भव्य और अद्भुत है. बाबा के स्वरूप को देखकर ऐसा लग रहा है कि बाबा वाकई काशी के कोतवाल हैं और जनसुनवाई कर रहे हैं. हम सब भी बाबा के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं, जिससे बाबा सभी दुखों का नाश करें. मान्यता है कि काशी के कोतवाल के इस मंदिर में जो कोई भी आता है, वह खाली हाथ नही जाता हैं. यही वजह है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री हों या फिर कोई बड़ा नेता, सितारा, हर कोई काशी आने के बाद बाबा के दरबार में माथा टेकता है. उनका आशीर्वाद लेता है, क्योंकि बिना उनके दर्शन के काशी यात्रा सफल नहीं मानी जाती है.