लॉकडाउन में घर पहुंचने की चाह, तपती धरती पर भी नहीं थके नन्हे पैर - kid walking for going home
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ये तस्वीरें आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी कि..आखिर इस मासूम का कसूर क्या है...क्यों ये तपती धरती भी इसे मानो सज़ा दे रही हो...अपनी मां के पैरों पर पैर रखकर गर्म तवे जैसी इस धरती से खुद को बचाने की कोशिश करते इस मासूम की चाह बस इतनी भर थी कि...वो किसी तरह अपने गांव तक पहुंच जाए....लंबी लंबी कतारों में पैदल चलकर अपने गांव घर लौटने के लिए इन नन्हें कदमों नें राह तो पकड़ ली..लेकिन इन्हें क्या मालूम था.....एक तरफ महामारी तो दूसरी ओर सूरज के इस प्रकोप का भी इसे सामना करना पड़ेगा...लेकिन इस नन्हे योद्धा ने मानो हार न मानने की ठान रखी हो..जो कि सूरज की इस बरसती आग को भी पछाड़ देने की ज़िद में आगे बढ़ा चला...लेकिन दूसरी तरफ ये तस्वीरें शासन-प्रशासन सब पर सवाल खड़ा करती है कि...क्या सरकार इतनी बेबस और लाचार हो गई है कि..कतारों में पैदल चल रहे ये मज़दूर परिवारों को दो वक्त का भोजन तक नहीं दे सकती..ताकि इन्हें मजबूरी और तंगहाली और भूख से मरने के डर के कारण यहां से जाने की नौबत न आए.