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स्वस्थ जीवन तथा स्वस्थ पर्यावरण की कुंजी है शाकाहार : विश्व शाकाहारी दिवस

शाकाहार के महत्व तथा उसके स्वास्थ्य पर लाभ के प्रति धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता बढ़ने लगी है. जो लोग पहले शाकाहार को घास फूस की संज्ञा देते थे, वे भी शाकाहार के फायदों को समझने लगे है. लेकिन अभी भी इस दिशा में निरंतर प्रयासों की जरूरत है. इसी सोच को लेकर हर साल देश विदेश में 1 अक्टूबर को लोग ‘विश्व शाकाहारी दिवस’ तथा अक्टूबर माह को ‘विश्व शाकाहारी माह’ के रूप में मनाते हैं.

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Published : Oct 1, 2020, 12:55 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 4:58 PM IST

world vegetarian day
विश्व शाकाहारी दिवस

हमारा अच्छे स्वास्थ्य का आधार हमारा आहार है. भोजन से मिलने वाले पोषण पर ही हमारा शारीरिक व मानसिक विकास निर्भर करता है. हमारे देश में कहावत है ‘जैसा खाए अन्न, वैसा हो जाए मन’, और चूंकि मांसाहार को हमेशा तमसपूर्ण आहार और शाकाहार को सात्विक आहार माना जाता है. इसलिए लोगों का मानना है की शाकाहार का सेवन करने वाले लोग ज्यादा स्वस्थ रहते है, और उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है. इस बात से विशेषज्ञ और चिकित्सक भी इत्तेफाक रखते हैं. शाकाहार के फायदे बहुत हैं, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोग शाकाहार के फायदों से अनजान है. देश विदेश में शाकाहार आहार के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने, उसके फायदों के बारे में आमजन को अवगत कराने तथा जीव हत्या को कम करने के उद्देश्य से हर वर्ष 1 अक्टूबर को ‘विश्व शाकाहारी दिवस’ तथा पूरे अक्टूबर महीने को 'विश्व शाकाहारी माह’ के रूप में मनाया जाता है.

विश्व शाकाहारी दिवस का इतिहास

विश्व शाकाहारी दिवस सर्वप्रथम 1977 में नॉर्थ अमेरिकन वेजीटेरियन सोसायटी द्वारा मनाया गया था. बेहतर स्वास्थ्य तथा सोच के लिए लोग मांसाहार की बजाय शाकाहार को ज्यादा प्रमुखता से अपने भोजन में अपनाएं. इस सोच को लेकर सर्वप्रथम इस मुख्य दिवस का आयोजन किया गया था. जिसके एक साल उपरांत यानी 1978 में विश्व शाकाहारी यूनियन ने इस दिवस को नियमित रूप से मनाने का निर्णय लिया. तब से प्रति वर्ष सिर्फ विश्व शाकाहारी दिवस पर ही नहीं बल्कि पूरे अक्टूबर माह में शाकाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है. इस अवसर पर कई सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाएं विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताओं, संगोष्ठियों तथा अभियानों का आयोजन करती हैं. शाकाहारी भोजन को बढ़ावा देने के अलावा मांसाहार के चलते भोजन के लिए जीव हत्या को कम करना भी इस विशेष दिवस के मुख्य उद्देश्यों में से एक है. इसके अलावा अक्टूबर महीने को विश्व शाकाहारी माह के रूप में भी मनाया जाता है, जिसके चलते महीने भर तक समारोह तथा गतिविधियों का आयोजन किया जाता है.

विश्व शाकाहारी दिवस 2020 की थीम

विश्व शाकाहारी दिवस 2020 की इस वर्ष की थीम ‘जीवों का बचाव कर तथा दाल, अनाज, फलों और सब्जियों का उपयोग कर बेहतर तरीके से धरती का संरक्षण करना’ निश्चित हुई है. जिसमें ‘किस तरह से शाकाहार को अपने नियमित आहार में शामिल कर दिल की बीमारी, स्ट्रोक तथा कैंसर से बचा जा सकता है’ विषय को भी शामिल किया गया है.

स्वास्थ्य तथा जेब दोनों के लिए बेहतर है शाकाहार

पूर्व या पश्चिम दुनिया के हर कोने में लोग अब इस बात को मानने लगे हैं कि शाकाहार ना सिर्फ स्वास्थ्य को बेहतर रखता है, बल्कि हमारी जेब के लिए भी किफायती रहता है. तमाम तरह की सब्जियां, फल, पोषक दालें तथा अनाज ना सिर्फ मांसाहार के मुकाबले सस्ते होते हैं, बल्कि हमारे शरीर को तमाम तरह के पोषक तत्व प्रदान करने में सक्षम भी होते है. जिससे व्यक्ति अधिक स्वस्थ रहते है. जानकारों की माने तो पश्चिमी देशों में पोषण, नैतिक, पर्यावरण तथा आर्थिक चिंताओं के मद्देनजर लोगों में शाकाहार की प्रसिद्धि बढ़ी है. और बड़ी संख्या में लोग शाकाहार की तरफ आकर्षित हो रहे है. विशेषकर युवा पीढ़ी में शाकाहार एक फैशन की तरह से भी प्रचलित हो रहा है.

बीमारी से दूर रखता है शाकाहार

शाकाहार में संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रोल और प्राणी प्रोटीन का स्तर कम होता है. साथ ही उनमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन सी और डी जैसे एंटी ऑक्सीडेंट तथा फाइटोकेमिकल उच्च मात्र में पाए जाते है. चिकित्सकों की मानें तो शाकाहारी व्यक्ति को अपेक्षाकृत कैंसर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह टाइप-2, गुर्दे की बीमारी, ओस्टियोपोरोसिस और अल्जाइमर जैसी बीमारियां कम होती है. वहीं लोग यह भी मानते हैं कि मांसाहारियों की अपेक्षा शाकाहारी व्यक्तियों का मूड ज्यादा बेहतर होता है.

शाकाहारी आहार के प्रकार

जीवन शैली के बदलते तथा नए स्वरूप के चलते आजकल कई प्रकार के विशेष आहार फैशन में आ गए हैं.

  • वीगन डाइट

इस विशेष आहार शैली में सिर्फ पौधों से मिलने वाले भोजन को शामिल किया जाता है. किसी भी प्रकार के जीव या जानवर से मिलने वाले कोई भी प्रोटीन या अन्य आहार जैसे अंडा, दूध, दही, शहद इन सब का उपयोग इस शैली में वर्जित है.

  • लैक्टो वेजिटेरियन

आहार शैली में पौधों से मिलने वाले भोजन के अलावा डेयरी उत्पादों को भी शामिल किया जाता है ,परंतु अंडों का उपयोग नहीं किया जाता है.

  • लैक्टो ओवो वेजिटेरियन

इस आहार शैली में सभी डेरी प्रोडक्ट अंडे तथा पौधों से मिलने वाले भोजन शामिल होते हैं.

  • सेमी और पार्सियल वेजीटेरियन

आहार शैली में पेड़ पौधों से मिलने वाले भोजन के अतिरिक्त चिकन तथा डेयरी उत्पादों को शामिल किया जाता है. लेकिन इस शैली में रेड मीट का उपयोग वर्जित माना जाता है.

  • पेस्काटॅरियन

इस आहार शैली में पेड़ पौधों से मिलने वाले भोजन के साथ ही सी-फूड यानी समुद्र तथा नदियों में मिलने वाले जीवों को आहार में शामिल किया जा सकता है.

शाकाहारी भोजन में मिलने वाले पोषक तत्व और उनके स्रोत

  1. विटामिन B12 : डेयरी उत्पाद, अंडे, सीरियल्स, ब्रेड, सोया और चावल से बने पेय पदार्थ.
  2. विटामिन डी : दूध तथा सूरज की रोशनी.
  3. कैल्शियम : डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली.
  4. प्रोटीन : डेयरी उत्पाद , अंडे, टोफू तथा अन्य सोया उत्पाद, सूखी मोटी दालें और सूखे मेवे.
  5. आयरन : अंडा, ड्राय फ्रूट, होल ग्रेन से बनी खाने की सामग्री, पत्तेदार सब्जियां.
  6. जिंक : व्हीट, मेवे, सीरियल, कद्दू के बीज.

हमारा अच्छे स्वास्थ्य का आधार हमारा आहार है. भोजन से मिलने वाले पोषण पर ही हमारा शारीरिक व मानसिक विकास निर्भर करता है. हमारे देश में कहावत है ‘जैसा खाए अन्न, वैसा हो जाए मन’, और चूंकि मांसाहार को हमेशा तमसपूर्ण आहार और शाकाहार को सात्विक आहार माना जाता है. इसलिए लोगों का मानना है की शाकाहार का सेवन करने वाले लोग ज्यादा स्वस्थ रहते है, और उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है. इस बात से विशेषज्ञ और चिकित्सक भी इत्तेफाक रखते हैं. शाकाहार के फायदे बहुत हैं, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोग शाकाहार के फायदों से अनजान है. देश विदेश में शाकाहार आहार के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने, उसके फायदों के बारे में आमजन को अवगत कराने तथा जीव हत्या को कम करने के उद्देश्य से हर वर्ष 1 अक्टूबर को ‘विश्व शाकाहारी दिवस’ तथा पूरे अक्टूबर महीने को 'विश्व शाकाहारी माह’ के रूप में मनाया जाता है.

विश्व शाकाहारी दिवस का इतिहास

विश्व शाकाहारी दिवस सर्वप्रथम 1977 में नॉर्थ अमेरिकन वेजीटेरियन सोसायटी द्वारा मनाया गया था. बेहतर स्वास्थ्य तथा सोच के लिए लोग मांसाहार की बजाय शाकाहार को ज्यादा प्रमुखता से अपने भोजन में अपनाएं. इस सोच को लेकर सर्वप्रथम इस मुख्य दिवस का आयोजन किया गया था. जिसके एक साल उपरांत यानी 1978 में विश्व शाकाहारी यूनियन ने इस दिवस को नियमित रूप से मनाने का निर्णय लिया. तब से प्रति वर्ष सिर्फ विश्व शाकाहारी दिवस पर ही नहीं बल्कि पूरे अक्टूबर माह में शाकाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है. इस अवसर पर कई सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाएं विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताओं, संगोष्ठियों तथा अभियानों का आयोजन करती हैं. शाकाहारी भोजन को बढ़ावा देने के अलावा मांसाहार के चलते भोजन के लिए जीव हत्या को कम करना भी इस विशेष दिवस के मुख्य उद्देश्यों में से एक है. इसके अलावा अक्टूबर महीने को विश्व शाकाहारी माह के रूप में भी मनाया जाता है, जिसके चलते महीने भर तक समारोह तथा गतिविधियों का आयोजन किया जाता है.

विश्व शाकाहारी दिवस 2020 की थीम

विश्व शाकाहारी दिवस 2020 की इस वर्ष की थीम ‘जीवों का बचाव कर तथा दाल, अनाज, फलों और सब्जियों का उपयोग कर बेहतर तरीके से धरती का संरक्षण करना’ निश्चित हुई है. जिसमें ‘किस तरह से शाकाहार को अपने नियमित आहार में शामिल कर दिल की बीमारी, स्ट्रोक तथा कैंसर से बचा जा सकता है’ विषय को भी शामिल किया गया है.

स्वास्थ्य तथा जेब दोनों के लिए बेहतर है शाकाहार

पूर्व या पश्चिम दुनिया के हर कोने में लोग अब इस बात को मानने लगे हैं कि शाकाहार ना सिर्फ स्वास्थ्य को बेहतर रखता है, बल्कि हमारी जेब के लिए भी किफायती रहता है. तमाम तरह की सब्जियां, फल, पोषक दालें तथा अनाज ना सिर्फ मांसाहार के मुकाबले सस्ते होते हैं, बल्कि हमारे शरीर को तमाम तरह के पोषक तत्व प्रदान करने में सक्षम भी होते है. जिससे व्यक्ति अधिक स्वस्थ रहते है. जानकारों की माने तो पश्चिमी देशों में पोषण, नैतिक, पर्यावरण तथा आर्थिक चिंताओं के मद्देनजर लोगों में शाकाहार की प्रसिद्धि बढ़ी है. और बड़ी संख्या में लोग शाकाहार की तरफ आकर्षित हो रहे है. विशेषकर युवा पीढ़ी में शाकाहार एक फैशन की तरह से भी प्रचलित हो रहा है.

बीमारी से दूर रखता है शाकाहार

शाकाहार में संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रोल और प्राणी प्रोटीन का स्तर कम होता है. साथ ही उनमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन सी और डी जैसे एंटी ऑक्सीडेंट तथा फाइटोकेमिकल उच्च मात्र में पाए जाते है. चिकित्सकों की मानें तो शाकाहारी व्यक्ति को अपेक्षाकृत कैंसर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह टाइप-2, गुर्दे की बीमारी, ओस्टियोपोरोसिस और अल्जाइमर जैसी बीमारियां कम होती है. वहीं लोग यह भी मानते हैं कि मांसाहारियों की अपेक्षा शाकाहारी व्यक्तियों का मूड ज्यादा बेहतर होता है.

शाकाहारी आहार के प्रकार

जीवन शैली के बदलते तथा नए स्वरूप के चलते आजकल कई प्रकार के विशेष आहार फैशन में आ गए हैं.

  • वीगन डाइट

इस विशेष आहार शैली में सिर्फ पौधों से मिलने वाले भोजन को शामिल किया जाता है. किसी भी प्रकार के जीव या जानवर से मिलने वाले कोई भी प्रोटीन या अन्य आहार जैसे अंडा, दूध, दही, शहद इन सब का उपयोग इस शैली में वर्जित है.

  • लैक्टो वेजिटेरियन

आहार शैली में पौधों से मिलने वाले भोजन के अलावा डेयरी उत्पादों को भी शामिल किया जाता है ,परंतु अंडों का उपयोग नहीं किया जाता है.

  • लैक्टो ओवो वेजिटेरियन

इस आहार शैली में सभी डेरी प्रोडक्ट अंडे तथा पौधों से मिलने वाले भोजन शामिल होते हैं.

  • सेमी और पार्सियल वेजीटेरियन

आहार शैली में पेड़ पौधों से मिलने वाले भोजन के अतिरिक्त चिकन तथा डेयरी उत्पादों को शामिल किया जाता है. लेकिन इस शैली में रेड मीट का उपयोग वर्जित माना जाता है.

  • पेस्काटॅरियन

इस आहार शैली में पेड़ पौधों से मिलने वाले भोजन के साथ ही सी-फूड यानी समुद्र तथा नदियों में मिलने वाले जीवों को आहार में शामिल किया जा सकता है.

शाकाहारी भोजन में मिलने वाले पोषक तत्व और उनके स्रोत

  1. विटामिन B12 : डेयरी उत्पाद, अंडे, सीरियल्स, ब्रेड, सोया और चावल से बने पेय पदार्थ.
  2. विटामिन डी : दूध तथा सूरज की रोशनी.
  3. कैल्शियम : डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली.
  4. प्रोटीन : डेयरी उत्पाद , अंडे, टोफू तथा अन्य सोया उत्पाद, सूखी मोटी दालें और सूखे मेवे.
  5. आयरन : अंडा, ड्राय फ्रूट, होल ग्रेन से बनी खाने की सामग्री, पत्तेदार सब्जियां.
  6. जिंक : व्हीट, मेवे, सीरियल, कद्दू के बीज.
Last Updated : Oct 1, 2020, 4:58 PM IST
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