ETV Bharat / sukhibhava

घरेलू नुस्खे से राहत पाए मौसमी बुखार में

बदलते मौसम के हल्के बुखार, सर्दी और हरारत को कम करने में हमारी रसोई में मिलने वाली औषधियां कमाल कर सकती हैं. यह औषधि सरीखे खाद्य पदार्थ ना सिर्फ बुखार को कम करने बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य भी करते हैं.

Home remedies
घरेलू नुस्खे
author img

By

Published : Nov 6, 2020, 11:05 AM IST

Updated : Nov 7, 2020, 6:00 PM IST

मौसम बदल रहा हैं, सर्दी ने दस्तक दे दी हैं, ऐसे में बदलते मौसम में होने वाले सर्दी, बुखार के मामलें भी काफी बढ़ गये हैं. बदलते मौसम वाला बुखार पीड़ित के शरीर में दर्द और थकान भी बढ़ा देता है. वैसे तो बुखार के लक्षण नजर आने पर हम तुरंत चिकित्सक से सलाह ले कर दवाई ले लेते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे घरेलू नुस्खे भी हैं, जिनके इस्तेमाल से बुखार को कम करने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है. हमारी रसोई में भी ऐसे बहुत से औषधि सरीखे मसाले तथा खाद्य पदार्थ है, जो बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं.

अदरक

ginger
अदरक

अपने एंटीवायरस तथा एंटीबैक्टीरियल गुणों के चलते अदरक हमेशा से ही भारतीयों की रसोई का एक खास अंग रहा है. यह किसी भी प्रकार के संक्रमण को कम कर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का कार्य करता है. चाय हो या सब्जी अदरक हर तरह के व्यंजन और पेय पदार्थ में इस्तेमाल किया जा सकता है. अदरक को कद्दूकस कर पानी में उबालकर और शहद मिलाकर पीने से बुखार तथा सर्दी जुखाम में आराम मिलता है. इसी पेय में यदि थोड़ा नींबू का रस भी मिला दिया जाए, तो यह ज्यादा असरदार हो जाता है.

तुलसी

basil leaves
तुलसी

अपने औषधीय गुणों के चलते ना सिर्फ घरेलू नुस्खों में बल्कि आयुर्वेद में भी तुलसी का महत्वपूर्ण स्थान माना गया है. यहां तक की तुलसी के पत्तों की तुलना एंटीबायोटिक दवाई से की जाती है. मौसमी बुखार में राहत के लिए एक मुट्ठी भर के तुलसी के पत्तों के साथ एक चम्मच अदरक को पानी में तब तक उबालें, जब तक कि पानी आधा ना रह जाए. इस तुलसी अदरक के काढ़े को शहद या बगैर शहद के भी पिया जा सकता है. मौसमी बुखार होने पर दिन में चार से पांच बार यह काढ़ा पीने से बुखार में काफी राहत मिलती है.

लहसुन

garlic
लहसुन

अपने औषधीय गुणों के चलते लहसुन को भी एक औषधि समान ही माना जाता है. इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल तथा एंटीवायरल गुण प्राकृतिक तौर पर शरीर को बहुत से रोगों से मुक्ति दिलाते हैं. मौसमी बुखार की बात करें तो, लहसुन में मौजूद डायलिल सल्फाइड शरीर के तापमान को कम करता है. बुखार होने पर एक लहसुन को क्रश करके एक गिलास गर्म पानी में डालें और 10 मिनट के बाद इस पानी को पी ले.

सेब का सिरका

apple cider vinegar
सेब का सिरका

सेब का सिरका या एप्पल साइडर विनेगर भी अपने औषधीय गुणों के चलते मौसमी बुखार को कम करने में सक्षम होता है. सेब के सिरके की प्रकृति एसिडीक होती है, जो शरीर की गर्मी को कम करती है. इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले मिनरल तथा विटामिन शरीर में उर्जा को बढ़ाते हैं. मौसमी बुखार होने पर एक गिलास पानी में दो चम्मच सेब का सिरका तथा एक चम्मच शहद मिलाकर उसका सेवन किया जा सकता है.

मौसम बदल रहा हैं, सर्दी ने दस्तक दे दी हैं, ऐसे में बदलते मौसम में होने वाले सर्दी, बुखार के मामलें भी काफी बढ़ गये हैं. बदलते मौसम वाला बुखार पीड़ित के शरीर में दर्द और थकान भी बढ़ा देता है. वैसे तो बुखार के लक्षण नजर आने पर हम तुरंत चिकित्सक से सलाह ले कर दवाई ले लेते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे घरेलू नुस्खे भी हैं, जिनके इस्तेमाल से बुखार को कम करने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है. हमारी रसोई में भी ऐसे बहुत से औषधि सरीखे मसाले तथा खाद्य पदार्थ है, जो बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं.

अदरक

ginger
अदरक

अपने एंटीवायरस तथा एंटीबैक्टीरियल गुणों के चलते अदरक हमेशा से ही भारतीयों की रसोई का एक खास अंग रहा है. यह किसी भी प्रकार के संक्रमण को कम कर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का कार्य करता है. चाय हो या सब्जी अदरक हर तरह के व्यंजन और पेय पदार्थ में इस्तेमाल किया जा सकता है. अदरक को कद्दूकस कर पानी में उबालकर और शहद मिलाकर पीने से बुखार तथा सर्दी जुखाम में आराम मिलता है. इसी पेय में यदि थोड़ा नींबू का रस भी मिला दिया जाए, तो यह ज्यादा असरदार हो जाता है.

तुलसी

basil leaves
तुलसी

अपने औषधीय गुणों के चलते ना सिर्फ घरेलू नुस्खों में बल्कि आयुर्वेद में भी तुलसी का महत्वपूर्ण स्थान माना गया है. यहां तक की तुलसी के पत्तों की तुलना एंटीबायोटिक दवाई से की जाती है. मौसमी बुखार में राहत के लिए एक मुट्ठी भर के तुलसी के पत्तों के साथ एक चम्मच अदरक को पानी में तब तक उबालें, जब तक कि पानी आधा ना रह जाए. इस तुलसी अदरक के काढ़े को शहद या बगैर शहद के भी पिया जा सकता है. मौसमी बुखार होने पर दिन में चार से पांच बार यह काढ़ा पीने से बुखार में काफी राहत मिलती है.

लहसुन

garlic
लहसुन

अपने औषधीय गुणों के चलते लहसुन को भी एक औषधि समान ही माना जाता है. इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल तथा एंटीवायरल गुण प्राकृतिक तौर पर शरीर को बहुत से रोगों से मुक्ति दिलाते हैं. मौसमी बुखार की बात करें तो, लहसुन में मौजूद डायलिल सल्फाइड शरीर के तापमान को कम करता है. बुखार होने पर एक लहसुन को क्रश करके एक गिलास गर्म पानी में डालें और 10 मिनट के बाद इस पानी को पी ले.

सेब का सिरका

apple cider vinegar
सेब का सिरका

सेब का सिरका या एप्पल साइडर विनेगर भी अपने औषधीय गुणों के चलते मौसमी बुखार को कम करने में सक्षम होता है. सेब के सिरके की प्रकृति एसिडीक होती है, जो शरीर की गर्मी को कम करती है. इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले मिनरल तथा विटामिन शरीर में उर्जा को बढ़ाते हैं. मौसमी बुखार होने पर एक गिलास पानी में दो चम्मच सेब का सिरका तथा एक चम्मच शहद मिलाकर उसका सेवन किया जा सकता है.

Last Updated : Nov 7, 2020, 6:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.