बरसात में हेपेटाइटिस व आई फ्लू : भारी बरसात से बाढ़ का पानी कॉलोनियों में पहुंच चुका है और धीरे-धीरे कई जगहों पर पानी उतरना भी शुरू हो गया है लेकिन इस पानी के चलते लोग संक्रमित बीमारियों से ग्रस्त भी हो रहे हैं और लोगों को कई अन्य बीमारियों का डर भी सता रहा है. बाढ़ से प्रभावित जगहों में हेपेटाइटिस और आई फ्लू की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन हर साल की जगह इस साल यह खतरा तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है और लोग इसकी चपेट में भी आ रहे हैं. एक तरफ लोग अपने रोजमर्रा के कामों को पूरा करने में बरसात, बाढ़ और गंदगी से जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इनके चलते लोग हेपेटाइटिस और Eye Flu जैसे संक्रामक रोगों से ग्रसित हो रहे हैं.
आंकड़ों की बात की जाए तो गौतमबुद्ध नगर में बीते 1 महीने में ही सैकड़ों मरीजों में हेपेटाइटिस ए और ई की पुष्टि हुई है. इसके साथ साथ रोजाना सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में Eye Fluसे पीड़ित मरीजों की संख्या 150 से 200 तक पहुंच रही है. डॉक्टरों की मानें तो हेपेटाइटिस ए और ई लोगों को दूषित खाने और दूषित पानी की वजह से होता है. वहीं दूसरी ओर आई फ्लू यानी Conjunctivitis आंखों का संक्रमण माना जाता है और यह बहुत तेजी से एक से दूसरे में फैलता है. इससे बचने के लिए हमेशा लोगों से थोड़ी दूरी बना कर रखना जरूरी है जो इस संक्रमण से ग्रसित हैं.
क्या है Hepatitis A and E : Hepatitis वायरल संक्रमण का समूह है जो मुख्य रूप से लीवर को प्रभावित करता है और उसे खराब करता है. Hepatitis A या Hepatitis E से पीड़ित मरीज को गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. इस बीमारी से ग्रसित लोगों को गैस्ट्रो, लिवर, किडनी संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं. डॉ अमित के मुताबिक Hepatitis E और Hepatitis A का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है. डॉक्टर के अनुसार दूषित पानी और खानपान से समस्या बढ़ रही है. हालांकि बेड रेस्ट और समय पर दवाई और पौष्टिक आहार के सेवन से मरीज कुछ ही समय में ठीक हो जाते हैं. पानी की शुद्धता को हमेशा जांच कर ही पीना बेहद जरूरी होता है. Hepatitis से बचाव के लिए साफ-सफाई संयोजन के अलावा और जांच कराना बेहद आवश्यक है. हेपेटाइटिस ए और ई बहुत तेजी से अपने पांव पसार रहा है,गौतमबुद्ध नगर जिले के सरकारी अस्पताल के आंकड़े चौकाने वाले हैं. जुलाई महीने में ही अभी तक सैकड़ों मरीजों में हेपेटाइटिस ए और ई के लक्षण मिल चुके हैं,अगर प्राइवेट अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या की बात की जाए तो चार गुना मामले और देखने को मिलेंगे. इस बीमारी से ग्रसित लोगों मे सबसे ज्यादा दिक्कत लिवर और गैस्ट्रो की होती है.
क्या है कंजेक्टिवाइटिस या आई फ्लू : Conjunctivitis को पिंक आई ( Pink Eye ) के रूप में जाना जाता है. इसके तहत आंख की झिल्ली में संक्रमण होता है जो आंख को ढक कर रखती है. इसे Eye Flu भी कहते हैं. यह बीमारी धूल के कण, संक्रमण, बैक्टीरिया आदि के संपर्क में आने से होती है. इसके चलते आंखों का सफेद हिस्सा पूरी तरीके से लाल हो जाता है और आंखों में काफी जलन और दिक्कत महसूस होती है. खुजली लालिमा आंखों से तरल चिपचिपा पदार्थ निकलना यह सब इसके शुरुआती लक्षण होते हैं.
संक्रमित चीजों-जगहों को न छुएं : आंखों के बचाव के लिए आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें ताकि आंखें साफ रहे और इसमें से गंदगी निकल जाए. अगर संक्रमण गंभीर है तो आंखों में सूजन होना, दर्द होना, हल्के बुखार के लक्षण आना दिखाई देता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि इससे बचने का यही उपाय है कि आप थोड़ी-थोड़ी देर में अपने हाथों को साबुन और पानी से धोते रहें, संक्रमित चीजों और जगहों को मत छुएं. अगर सुबह उठने पर आंखों पर पपड़ी बन रही है और दर्द हो रहा है तो सेकाई दोनों ले सकते हैं. साथ ही साथ ऐसे आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें जिसमें कोई प्रिजर्वेटिव ना हो.
डॉक्टर की सलाह पर ड्रॉप लें: डॉक्टर की सलाह पर ही आई ड्रॉप लें,अगर आपको इस बीमारी से ज्यादा दिनों तक नहीं जूझना है तो आप खुद डॉक्टर ना बने.क्योंकि कई आई ड्रॉप में स्टेरॉयड होता है जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है,इसीलिए जो भी डॉक्टर रिकमेंड करें वही आई ड्रॉप लें. आंखों को कभी भी रगड़े नहीं, चाहे उसमें जितनी भी जलन हो. इस बीमारी को लेकर थोड़ा सजग रहें और संक्रमित व्यक्ति की कोई भी चीज इस्तेमाल ना करें.
कंजेक्टिवाइटिस या आई फ्लू और हेपेटाइटिस बीमारियों के कारण: बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कई सारी संक्रमित बीमारियों का खतरा लोगों पर मंडरा रहा है, इसीलिए काफी एहतियात बरतने की जरूरत होती है. माना जाता है कि बरसात के मौसम में हमेशा संक्रमण वाली बीमारियां बढ़ जाती हैं. बरसात के मौसम में खासतौर पर जब कहीं पर पानी जमा होता है तो वहां पर मच्छर मक्खियों के साथ-साथ कई तरीके के संक्रमित जीवों का पनपना भी शुरू हो जाता है और इस दौरान पानी और खाने को बेहद साफ सफाई के साथ रखना और खाना चाहिए. इनसे भी बहुत सारी बीमारियां लोगों को हो सकती हैं. इस दौरान जो बैक्टीरिया बीमारी से लाते हैं उनमें प्रजनन और बढ़ने की क्षमता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है इसीलिए बेहद साफ सफाई से खाने पीने की चीजों को इस्तेमाल करना जरूरी है नहीं तो जानलेवा बीमारियों के भी शिकार हो सकते हैं. इस दौरान खुले में या दूसरी जगह पर रखी गई कोई भी वस्तु को खाने पीने से बचना चाहिए. हमेशा पैकेट बंद सामानों का इस्तेमाल करना चाहिए.
(आईएएनएस)