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शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है तलाक : अध्ययन

कोरोना महामारी के दौरान तलाकशुदा जोड़ों में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं देखी जा रही है. अध्ययन में खुलासा हुआ है कि इस दौरान तलाक से पहले की अलगाव अवधि के बिना ही तलाक को मंजूरी मिल गई है, जिससे उनमें नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

divorce affects Health
तलाक का स्वास्थ्य पर प्रभाव
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Published : Dec 1, 2020, 1:01 PM IST

तलाक से गुजरना बेहद चुनौतीपूर्ण है और अब एक नए अध्ययन (स्टडी) से पता चलता है कि यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों का हाल ही में तलाक हुआ है, वह अन्य लोगों की तुलना में कहीं अधिक मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं.

शोधकर्ता तलाक के मानसिक और शारीरिक प्रभावों की जांच तो कर रहे हैं, लेकिन वह अभी तक इन प्रभावों को सटीक रूप से चित्रित करने के अवसर को नहीं भुला पाए हैं.

तलाक अक्सर एक लंबी प्रक्रिया होती है, जिसमें कई देशों में यह प्रावधान है कि तलाक के लिए आवेदन करने से पहले पति-पत्नी को कुछ समय दिया जाता है, जिसकी विभिन्न देशों में अलग-अलग अवधि होती है. हालांकि पति-पत्नी के बीच एक लंबी जुदाई मनोवैज्ञानिक तौर पर उन्हें सोचने-समझने का वक्त भी देती है.

डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के लेखक गर्ट हाल्ड ने कहा, 'पिछले अध्ययनों ने तलाक से पहले होने वाली व्यापक अलगाव अवधि के बिना तलाक के प्रभावों की जांच नहीं की है.'

उन्होंने कहा, 'हम उन तलाक का अध्ययन करने में भी सक्षम रहे हैं, जिन्हें डेनमार्क में एक तथाकथित 'तत्काल' तलाक दिया गया था और औसतन इन तलाक की अर्जी दाखिल करने के पांच दिनों के भीतर ही इनका तलाक हो गया था.'

अध्ययन के लिए, रिसर्ट टीम ने 1 हजार 856 बहुत हालिया तलाक पर 'वास्तविक समय' डेटा प्राप्त किया, जिसमें तलाक लेने वालों की पृष्ठभूमि, स्वास्थ्य और उनके तलाक से संबंधी विभिन्न महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे गए.

अप्रत्याशित रूप से अध्ययन से पता चला है कि हालिया तलाक से एक भावनात्मक और शारीरिक प्रभाव पड़ता है. तलाक के तुरंत बाद इसी तरह की पृष्ठभूमि के अन्य लोगों की तुलना में तलाक का लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

तलाक से गुजरना बेहद चुनौतीपूर्ण है और अब एक नए अध्ययन (स्टडी) से पता चलता है कि यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों का हाल ही में तलाक हुआ है, वह अन्य लोगों की तुलना में कहीं अधिक मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं.

शोधकर्ता तलाक के मानसिक और शारीरिक प्रभावों की जांच तो कर रहे हैं, लेकिन वह अभी तक इन प्रभावों को सटीक रूप से चित्रित करने के अवसर को नहीं भुला पाए हैं.

तलाक अक्सर एक लंबी प्रक्रिया होती है, जिसमें कई देशों में यह प्रावधान है कि तलाक के लिए आवेदन करने से पहले पति-पत्नी को कुछ समय दिया जाता है, जिसकी विभिन्न देशों में अलग-अलग अवधि होती है. हालांकि पति-पत्नी के बीच एक लंबी जुदाई मनोवैज्ञानिक तौर पर उन्हें सोचने-समझने का वक्त भी देती है.

डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के लेखक गर्ट हाल्ड ने कहा, 'पिछले अध्ययनों ने तलाक से पहले होने वाली व्यापक अलगाव अवधि के बिना तलाक के प्रभावों की जांच नहीं की है.'

उन्होंने कहा, 'हम उन तलाक का अध्ययन करने में भी सक्षम रहे हैं, जिन्हें डेनमार्क में एक तथाकथित 'तत्काल' तलाक दिया गया था और औसतन इन तलाक की अर्जी दाखिल करने के पांच दिनों के भीतर ही इनका तलाक हो गया था.'

अध्ययन के लिए, रिसर्ट टीम ने 1 हजार 856 बहुत हालिया तलाक पर 'वास्तविक समय' डेटा प्राप्त किया, जिसमें तलाक लेने वालों की पृष्ठभूमि, स्वास्थ्य और उनके तलाक से संबंधी विभिन्न महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे गए.

अप्रत्याशित रूप से अध्ययन से पता चला है कि हालिया तलाक से एक भावनात्मक और शारीरिक प्रभाव पड़ता है. तलाक के तुरंत बाद इसी तरह की पृष्ठभूमि के अन्य लोगों की तुलना में तलाक का लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

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