नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के प्रगति की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारा विज़न है कि दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करे, जो भारत के लिए हर ओलंपिक में कम से कम 50 गोल्ड मेडल लेकर आएं.
वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी साबित होगी
उन्होंने कहा कि 'दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खेल की दुनिया में देश का नाम रौशन करेगी. यहां युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं और ट्रेनिंग प्रदान की जाएंगी. जिससे देश की खेल प्रतिभाएं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अधिक से अधिक मेडल लाकर देश का नाम रौशन करेंगी. उन्होंने कहा कि ये यूनिवर्सिटी वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी साबित होगी.
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खेल में मिलेगी पीएचडी तक की डिग्री
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खुद में अनूठी यूनिवर्सिटी होगी, जहां पीएचडी तक की डिग्री दी जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी तक देश के खिलाड़ी चाहे किसी खेल में कुछ भी हासिल कर लें लेकिन डिग्री के लिए उन्हें अलग से पढ़ाई करनी पड़ती है. ऐसा ना करने पर उन्हें नौकरी के लिए आवेदन करने में समस्या होती है लेकिन अब खिलाड़ियों को किसी और डिग्री की जरूरत नहीं होगी. उन्हें खेल की परफॉर्मेंस के आधार पर ही डिग्री मिल जाएगी. यूनिवर्सिटी की विशेषज्ञों की टीम जल्द ही विभिन्न खेलों को ध्यान में रखकर उनका कोर्स स्ट्रक्चर तैयार करेगी.
स्पोर्ट्स के शिक्षण प्रशिक्षण को बनाएंगे बहुआयामी
गौरतलब है कि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का मकसद स्वास्थ्य, व्यायाम, खेल के क्षेत्र में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, रिसर्च और एकेडमिक को बढ़ावा देना है. दिल्ली सरकार स्पोर्ट्स के शिक्षण प्रशिक्षण को बहुआयामी बनाना चाहती है, ताकि स्पोर्ट्स प्रोफेशनल्स को रोजगार के विस्तृत अवसर मिल सके. ये विश्वविद्यालय खेलों को लोकप्रिय बनाते हुए इसके माध्यम से जन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम करेंगे.