नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 11 दिसंबर को फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में जम्मू कश्मीर से 370 को हटाना वैध माना है जिसके बाद देश के अलग अलग संगठनों से अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है इसी कड़ी में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी असहमति और निराशा व्यक्त की है.
मीडिया को जारी एक बयान में जेआईएच अध्यक्ष ने कहा,"हम अनुच्छेद 370 को खत्म करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं .इस फैसले से हम निराश है .उन्होंने कहा है कि लोगों या राज्य विधानसभा से परामर्श किए बिना और संसद में उचित बहस के बिना अनुच्छेद 370 को अचानक और एकतरफा रद्द कर दिया गया . यह निश्चित रूप से संसदीय लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है.
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यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि अदालत ने राज्य को राज्य का दर्जा रद्द करने के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया. संघीय ढांचे से गंभीर समझौता किया गया है. केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हवाला देते हुए भारत के किसी भी राज्य को चुन सकती है और उसे केंद्र शासित प्रदेश में बदल सकती है.क्या यह लोकतंत्र और हमारे संघ के संघीय ढांचे के लिए अच्छा होगा?"
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा, “सरकार को तुरंत राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा से पहले स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना चाहिए. सरकार को कम से कम 1980 के दशक से राज्य और गैर-राज्य तत्वों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच करने और रिपोर्ट करने के लिए "निष्पक्ष सुलह समिति" स्थापित करने की सुप्रीम कोर्ट की मांग का ईमानदारी से पालन करना चाहिए. साथ ही सुलह के उपायों की भी सिफारिश करनी चाहिए.
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