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दिल्ली: एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने बिछड़े बच्चे को परिजनों से मिलवाया

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने करीब 4 साल पहले लापता हुए 13 साल के नाबालिग बच्चे को खोज निकाला है. ट्रस्ट प्रशासन की ओर से खुलासा किया गया कि लड़का प्रशांत विहार थाना अंतर्गत इलाके से करीब 3 साल पहले आया था.

Anti Human Trafficking Unit
बच्चे को परिजनों से मिलवाया
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Published : Aug 29, 2020, 10:16 AM IST

नई दिल्ली: दक्षिणी पूर्वी दिल्ली के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने करीब 4 साल पहले लापता हुए 13 साल के नाबालिग बच्चे को खोज निकाला है. बच्चे को उनके परिजनों को सौंप दिया है. बच्चा यूपी के लोनी गाजियाबाद इलाके से लापता हुआ था.

बच्चे को परिजनों से मिलवाया


चिल्ड्रन होम से 3 साल से रह रहा था बच्चा


एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में एसआई जनक सिंह, एएसआई मुनेंद्र और एएसआई रामकिशोर ने इंस्पेक्टर सुशील कुमार की देखरेख में 25 अगस्त को फुलवारी चिल्ड्रन होम अलीपुर दिल्ली में एक बच्चे से संपर्क किया. जिसका नाम साहिल बताया गया और वो 13 साल का था. ट्रस्ट प्रशासन की ओर से खुलासा किया गया कि लड़का प्रशांत विहार थाना अंतर्गत इलाके से करीब 3 साल पहले आया था.

4 साल पहले बच्चे को खोने की तहरीर कराई थी

आगे की जांच की गई तो बच्चे ने पुलिस को बताया कि लोनी गाजियाबाद में उसके घर के पास हनुमान जी की बड़ी मूर्ति है. मानसिक रूप और शारीरिक रूप से भी बच्चा कमजोर था और वो पूरा पता नहीं बता रहा था. साथ ही लड़के ने बताया कि उसके चाचा लोनी गाजियाबाद में टेलर हैं.

इसके बाद तलाश की गई और आखिरकार बच्चे के परिजनों तक पुलिस पहुंची. बच्चे की मां ने बताया कि उन्होंने स्थानीय पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन काफी खोजबीन के बाद भी उनका बेटा उन्हें वापस नहीं मिल सका था.


फिलहाल साउथ ईस्ट दिल्ली के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने 4 साल पहले अपने परिजनों से बिछड़े नाबालिग 13 वर्षीय बच्चे को उसके परिजनों से मिलवा दिया है. जिसके बाद परिजन दिल्ली पुलिस को दिल से धन्यवाद देते नजर आए.

नई दिल्ली: दक्षिणी पूर्वी दिल्ली के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने करीब 4 साल पहले लापता हुए 13 साल के नाबालिग बच्चे को खोज निकाला है. बच्चे को उनके परिजनों को सौंप दिया है. बच्चा यूपी के लोनी गाजियाबाद इलाके से लापता हुआ था.

बच्चे को परिजनों से मिलवाया


चिल्ड्रन होम से 3 साल से रह रहा था बच्चा


एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में एसआई जनक सिंह, एएसआई मुनेंद्र और एएसआई रामकिशोर ने इंस्पेक्टर सुशील कुमार की देखरेख में 25 अगस्त को फुलवारी चिल्ड्रन होम अलीपुर दिल्ली में एक बच्चे से संपर्क किया. जिसका नाम साहिल बताया गया और वो 13 साल का था. ट्रस्ट प्रशासन की ओर से खुलासा किया गया कि लड़का प्रशांत विहार थाना अंतर्गत इलाके से करीब 3 साल पहले आया था.

4 साल पहले बच्चे को खोने की तहरीर कराई थी

आगे की जांच की गई तो बच्चे ने पुलिस को बताया कि लोनी गाजियाबाद में उसके घर के पास हनुमान जी की बड़ी मूर्ति है. मानसिक रूप और शारीरिक रूप से भी बच्चा कमजोर था और वो पूरा पता नहीं बता रहा था. साथ ही लड़के ने बताया कि उसके चाचा लोनी गाजियाबाद में टेलर हैं.

इसके बाद तलाश की गई और आखिरकार बच्चे के परिजनों तक पुलिस पहुंची. बच्चे की मां ने बताया कि उन्होंने स्थानीय पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन काफी खोजबीन के बाद भी उनका बेटा उन्हें वापस नहीं मिल सका था.


फिलहाल साउथ ईस्ट दिल्ली के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने 4 साल पहले अपने परिजनों से बिछड़े नाबालिग 13 वर्षीय बच्चे को उसके परिजनों से मिलवा दिया है. जिसके बाद परिजन दिल्ली पुलिस को दिल से धन्यवाद देते नजर आए.

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