नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के आरोपी ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को जमानत दे दी. जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पाया कि क्रिश्चियन मिशेल जेम्स पिछले छह सालों से हिरासत में था, जबकि मामले की जांच अभी भी चल रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को ट्रायल कोर्ट द्वारा तय की गई शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा किया जाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत पर सुनवाई 18 फरवरी तक के लिए टाल दी थी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी 2023 को जेम्स को जमानत देने से इनकार कर दिया था. साथ ही उसकी यह दलील भी खारिज कर दी थी कि उसने मामले में अधिकतम सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है.
हाई कोर्ट ने भी खारिज की जमानत याचिका
इससे पहले हाई कोर्ट ने भी मार्च 2022 में सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जेम्स ने 25 सितंबर को पारित दिल्ली हाई कोर्ट के जमानत खारिज करने के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
दुबई से किया गया था प्रत्यर्पित
ब्रिटिश नागरिक जेम्स को दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. हाई कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उसकी पिछली याचिकाओं को खारिज किए जाने के समय से परिस्थितियों में कोई खास बदलाव नहीं आया है.
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला क्या है?
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला कथित तौर पर अगस्ता वेस्टलैंड से 12 VVIP हेलीकॉप्टर खरीदने से जुड़ा है. इस डील पर 8 फरवरी 2010 को 556.262 मिलियन यूरो की कीमत के VVIP हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के लिए हस्ताक्षर किए गए थे. इस मामले में जांच के दायरे में तीन कथित बिचौलिए आए थे. इनमें क्रिश्चियन मिशेल जेम्स भी शामिल है. वहीं, अन्य दो गुइडो हैशके और कार्लो गेरोसा हैं.
2600 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकासान
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के आरोपपत्र में इस डील के कारण सरकारी खजाने को 398.21 मिलियन यूरो (करीब 2,666 करोड़ रुपये) का अनुमानित नुकसान होने का आरोप लगाया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जून 2016 में क्रिश्चियन मिशेल जेम्स के खिलाफ अपने आरोपपत्र में संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप लगाया था कि उन्हें अगस्ता वेस्टलैंड से 30 मिलियन यूरो (करीब 225 करोड़ रुपये) मिले थे.
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