नई दिल्ली: महान स्वतंत्रता सेनानी संविधान सभा के अध्यक्ष भारत के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 139 वीं जयंती रविवार को देशभर में मनाई गई. इस मौके पर जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर राजेंद्र प्रसाद के बारे में चर्चा की गई. राजधानी दिल्ली में भी लोगों ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को याद किया. वहीं, इस अवसर पर दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
"संगत-पंगत" के तत्वावधान में पूर्व सांसद आरके सिन्हा के नेतृत्व में आयोजन किया गया. इस मौके पर अलग-अलग वक्ताओं ने डॉ राजेंद्र प्रसाद की यादों को लोगों के बीच साझा किया. वक्ताओं ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के सादगी और शालीनता के बारे में बताया. वक्ताओं ने बताया कि डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति बनने के बावजूद सामान्य तरीके से अपना जीवन यापन करते थे. जनहित के कार्यों में हमेशा आगे रहते थे. वे देश के महान विभूति थे.
पूर्व सांसद ने अपने संबोधन में डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी से जुड़े कई संस्मरणों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि राजेंद्र बाबू के व्यक्तिव में बहुत ईमानदारी और सादगी थी. उनका चरित्र इतना साफ था कि वह 10 हजार रुपए की अपनी तनख्वाह से 7 हजार रुपए लोक कल्याण के लिए दान कर देते थे. संविधान बनाने के लिए 26 सदस्कयों की जो कमिटी बनी थी उसके अध्यक्ष राजेंद्र बाबू थे. संविधान पर पहला हस्ताक्षर भी राजेंद्र बाबू का ही था.
राजेंद्र बाबू देश के महान विभूति थे. आज देश को ऐसे नेताओं की जरूरत है. इस अवसर पर नीरा शास्त्री आमोद कंठ स्वामी चक्रपाणि महाराज अजय प्रकाश श्रीवास्तव अशोक श्रीवास्तव एवं कई गणमान्य सहित सैकड़ों की संख्या में लोगों की उपस्थिति रही. वहीं, सृष्टि सिन्हा ने अपने गायन से लोगों का दिल जीत लिया.