नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना मामलों की रफ्तार थमते ही नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने 100 फीसदी स्टाफ की उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है. दिलचस्प बात ये है कि यह आदेश आने के एक दिन बाद ही 7 स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इसको लेकर एनडीएमसी कर्मचारी यूनियन ने ऑफिस में 100 फीसदी स्टाफ की उपस्थिति वाले सर्कुलर का विरोध करना शुरू कर दिया है.
यूनियन का कहना है कि ये आदेश दिल्ली सरकार का है, लेकिन एनडीएमसी गृह मंत्रालय के अंदर आता है. ऐसे में यह नियम कैसे लागू किया जा सकता है.
सिविल इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी कोविड पॉजिटिव
एनडीएमसी के हेडक्वार्टर पालिका केंद्र के 15वीं फ्लोर स्थित सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए हैं. पॉजिटिव पाए जाने वाले इसमें एक सीवर कर्मचारी है और दूसरा बेलदार है. इसके अलावा 5 दूसरे विभाग के कर्मचारी हैं. कमरा नंबर-1508 को अगले दो दिनों के लिए सील कर दिया गया है.
फील्ड कर्मचारियों से खतरा
अधिकारियों का कहना है कि जो कर्मचारी फील्ड में काम करते हैं, वे दिन में एक बार ही ऑफिस में रिपोर्ट करते हैं. उनसे बीमारी फैलने की सबसे ज्यादा आशंका है. क्योंकि वे दिनभर पब्लिक डीलिंग का काम करते हैं, कई तरह के लोगों से मिलते हैं. इस क्रम में उन्हें कोरोना इनफेक्शन हो सकता है. एनडीएमसी में 5,000 से ज्यादा फील्ड वर्कर्स हैं, जो फील्ड सर्वे का काम करते हैं. एंटीजन टेस्टिंग का काम करते हैं और दूसरे तरह का काम करते हैं. इसी तरह से जो कर्मचारी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मदद से ऑफिस आते हैं, उनसे भी बीमारी फैलने का खतरा होता है.
130 तक पहुंचा संक्रमितों का आंकड़ा
एनडीएमसी में जारी सर्कुलर के एक दिन बाद ही 7 जुलाई को 100 फीसदी स्टाफ जब ऑफिस आने लगा तो 7 स्टाफ कोविड पॉजिटिव पाए गए. अब कुल मामले बढ़कर 130 हो गए हैं. परिवार के लोगों को मिला दें तो कम से कम 200 कोविड पॉजिटिव हैं. इनमें 85 कर्मचारी स्वस्थ हो चुके हैं. 26 कर्मचारी होम क्वारंटाइन है और 7 कर्मचारी हॉस्पिटल में भर्ती हैं. जबकि 8 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है.
कर्मचारी यूनियन कर रहे विरोध
एनडीएमसी कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सुधाकर कुमार बताते हैं कि एनडीएमसी ने 100 फीसदी कर्मचारियों को ऑफिस आने के बारे में सकुर्लर जारी किया है. 7 कर्मचारी कोविड पॉजिटिव पाए गए. सुधाकर ने एनडीएमसी के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह जो 100 फीसदी स्टाफ की उपस्थिति वाला आदेश जारी किया गया है, वह दिल्ली सरकार के फैसले के हिसाब से है जबकि एनडीएमसी गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है.
1 करोड़ मुआवजे की मांग
सुधाकर कुमार ने बताया कि एनडीएमसी के लगभग 200 कर्मचारी दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में कोविड ड्यूटी पर काम कर रहे हैं. अगर इनमें से किसी कर्मचारी के साथ अनहोनी हो जाए तो उन्हें एनडीएमसी की ओर से सिर्फ 15 लाख रुपये ही मिलेंगे. जबकि दिल्ली सरकार का कोई कर्मचारी कोविड ड्यूटी पर हैं और उनके साथ कोई अनहोनी हो जाए तो उनके परिजनों को 1 करोड़ रुपये मिलेंगे. इतनी असमानता क्यों है. अगर एनडीएमसी स्टाफ दिल्ली सरकार की नौकरी करेगा तो कंपनसेशन भी उसी हिसाब से मिलना चाहिए.