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डॉ हर्षवर्धन ने रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ बांटे मास्क, कहा- कोरोना अभी यहीं है

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Published : Feb 9, 2021, 11:10 AM IST

Updated : Feb 9, 2021, 11:21 AM IST

कोरोना से निर्णायक लड़ाई और जीत के बहुत करीब पहुंचने के बावजूद मास्क की अहमियत को समझते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ मिलकर लोगों के बीच मास्क वितरण किए.

Health minister harshvardhan distributed mask in Delhi
मास्क वितरण

नई दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा विभिन्न ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मास्क वितरण किये. उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और सब्जी मंडी समेत तमाम ट्रांसपोर्ट में मास्क वितरण करते हुए कहा कि वह उन लोगों को इसलिए मास्क नहीं बांट रहे हैं कि उनके पास मास्क नहीं है.

डॉ. हर्षवर्धन ने रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ मिलकर लोगों के बीच मास्क वितरण किए

मास्क वितरण का उद्देश्य यह है कि लोगों में यह संदेश देना कि कोरोना वायरस कहीं गया नहीं है अभी यहीं है. जब तक सभी को टीके नहीं लगाए जाते तब तक कोविड से बचने के लिए सरकार द्वारा तय गाइडलाइंस का पालन करना है. चाहे हाथ सैनिटाइज करना हो या मास्क पहनना हो. या 2 गज की दूरी बनाकर रखनी हो. कोविड से बचने के लिए सबसे बड़ी सोशल वैक्सीन यही है.



वैक्सीन का नहीं कोई बड़ा दुष्प्रभाव

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वदेशी निर्मित वैक्सीन को लेकर बहुत सारे लोगों ने गलत अफवाह फैलाई. इसको लेकर डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि अब तक 60 लाख से ज्यादा लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं और इसका कोई बड़ा दुष्प्रभाव भी सामने नहीं आया. जैसे बच्चों को भी टीके लगाए जाते हैं तो उन्हें हल्का फुल्का बुखार और या हल्का रिएक्शन होता है. यह भी कोरोना का टीका लगाने वाले लोगों में बिल्कुल नगण्य देखा गया. कोरोना टीके के हल्के फुल्के रिएक्शन के केवल 0.000132 मामले देखने को मिले.

यानी कि दुष्प्रभाव बिल्कुल ना के बराबर है. इससे देश में किसी को ना बड़ा दुष्प्रभाव हुआ और ना ही किसी की मृत्यु हुई. फिर भी लोगों ने अपने ही देश में निर्मित स्वदेशी तकनीक से बनी टीके के बारे में गलत और भ्रामक अफवाह फैलाने की कोशिश की.



मास्क को कभी भी किसी कीमत पर नहीं भूलना

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जब हम कोरोना को काबू में करने की तरफ लगातार बढ़ रहे हैं. इसमें हमें सफलता मिल रही है तो शिखर पर पहुंचकर ऐसा ना हो कि लोगों की लापरवाही की वजह से हम फिर वहीं पहुंच जाएं, जहां दुनिया के कुछ विकसित देशों की हालत हो गई है. कोविड के खिलाफ जंग में निर्णायक जीत की तरफ केवल कुछ कदम ही बाकी रह गए हैं. ऐसे में हमें और भी ज्यादा सतर्क रहना चाहिए. मास्क को कभी भी किसी कीमत पर नहीं भूलना है.



निगेटिव कोरोना रिपोर्ट के बावजूद संसद में मास्क पहन रहे हैं संसद

संसद में अभी सत्र चालू है. सभी सांसदों ने अपने चेहरे पर मास्क पहना है। इसके बावजूद सभी सांसदों को पार्लियामेंट में घुसने के पहले अपना कोविड-19 रिपोर्ट देना होता है. नेगेटिव रिपोर्ट वाले को ही अंदर प्रवेश मिल पाता है. सभी को पता है कि वह नेगेटिव हैं, फिर भी कोई नहीं मानता.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली में 54.11% वैक्सीनेशन, सामने आए एडवर्स रिएक्शन के 11 मामले

आपके पास इसके लिए नेगेटिव रिपोर्ट होना चाहिए, पार्लियामेंट की सभी सदस्य कोविड निगेटिव हैं. इसके बावजूद सभी ने अपने चेहरे पर मास्क पहन रखा है. डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि सबके पास मास्क होने के बावजूद हम लोगों के बीच इसे बांटकर यह संदेश देना चाहते हैं कि यह कितना महत्वपूर्ण है. इसे घर से बाहर निकलने के बाद हमेशा लगाकर रखें.

नई दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा विभिन्न ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मास्क वितरण किये. उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और सब्जी मंडी समेत तमाम ट्रांसपोर्ट में मास्क वितरण करते हुए कहा कि वह उन लोगों को इसलिए मास्क नहीं बांट रहे हैं कि उनके पास मास्क नहीं है.

डॉ. हर्षवर्धन ने रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ मिलकर लोगों के बीच मास्क वितरण किए

मास्क वितरण का उद्देश्य यह है कि लोगों में यह संदेश देना कि कोरोना वायरस कहीं गया नहीं है अभी यहीं है. जब तक सभी को टीके नहीं लगाए जाते तब तक कोविड से बचने के लिए सरकार द्वारा तय गाइडलाइंस का पालन करना है. चाहे हाथ सैनिटाइज करना हो या मास्क पहनना हो. या 2 गज की दूरी बनाकर रखनी हो. कोविड से बचने के लिए सबसे बड़ी सोशल वैक्सीन यही है.



वैक्सीन का नहीं कोई बड़ा दुष्प्रभाव

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वदेशी निर्मित वैक्सीन को लेकर बहुत सारे लोगों ने गलत अफवाह फैलाई. इसको लेकर डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि अब तक 60 लाख से ज्यादा लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं और इसका कोई बड़ा दुष्प्रभाव भी सामने नहीं आया. जैसे बच्चों को भी टीके लगाए जाते हैं तो उन्हें हल्का फुल्का बुखार और या हल्का रिएक्शन होता है. यह भी कोरोना का टीका लगाने वाले लोगों में बिल्कुल नगण्य देखा गया. कोरोना टीके के हल्के फुल्के रिएक्शन के केवल 0.000132 मामले देखने को मिले.

यानी कि दुष्प्रभाव बिल्कुल ना के बराबर है. इससे देश में किसी को ना बड़ा दुष्प्रभाव हुआ और ना ही किसी की मृत्यु हुई. फिर भी लोगों ने अपने ही देश में निर्मित स्वदेशी तकनीक से बनी टीके के बारे में गलत और भ्रामक अफवाह फैलाने की कोशिश की.



मास्क को कभी भी किसी कीमत पर नहीं भूलना

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जब हम कोरोना को काबू में करने की तरफ लगातार बढ़ रहे हैं. इसमें हमें सफलता मिल रही है तो शिखर पर पहुंचकर ऐसा ना हो कि लोगों की लापरवाही की वजह से हम फिर वहीं पहुंच जाएं, जहां दुनिया के कुछ विकसित देशों की हालत हो गई है. कोविड के खिलाफ जंग में निर्णायक जीत की तरफ केवल कुछ कदम ही बाकी रह गए हैं. ऐसे में हमें और भी ज्यादा सतर्क रहना चाहिए. मास्क को कभी भी किसी कीमत पर नहीं भूलना है.



निगेटिव कोरोना रिपोर्ट के बावजूद संसद में मास्क पहन रहे हैं संसद

संसद में अभी सत्र चालू है. सभी सांसदों ने अपने चेहरे पर मास्क पहना है। इसके बावजूद सभी सांसदों को पार्लियामेंट में घुसने के पहले अपना कोविड-19 रिपोर्ट देना होता है. नेगेटिव रिपोर्ट वाले को ही अंदर प्रवेश मिल पाता है. सभी को पता है कि वह नेगेटिव हैं, फिर भी कोई नहीं मानता.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली में 54.11% वैक्सीनेशन, सामने आए एडवर्स रिएक्शन के 11 मामले

आपके पास इसके लिए नेगेटिव रिपोर्ट होना चाहिए, पार्लियामेंट की सभी सदस्य कोविड निगेटिव हैं. इसके बावजूद सभी ने अपने चेहरे पर मास्क पहन रखा है. डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि सबके पास मास्क होने के बावजूद हम लोगों के बीच इसे बांटकर यह संदेश देना चाहते हैं कि यह कितना महत्वपूर्ण है. इसे घर से बाहर निकलने के बाद हमेशा लगाकर रखें.

Last Updated : Feb 9, 2021, 11:21 AM IST

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