नई दिल्ली: प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के खिलाफ दिल्ली की जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल गुरुवार को भी जारी रहेगी. दिल्ली के वकील प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल, 2025 के विरोध में 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं. आज भी दिल्ली की सभी निचली अदालतों वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया, जिसकी वजह से मामले में सुनवाई नहीं हो सकी और पक्षकारों को केवल आगे की डेट मिली है.
दिल्ली में हड़ताल का आह्वान कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल बार एसोसिएशन ऑफ दिल्ली ने किया है. कोऑर्डिनेशन कमेटी के मुताबिक, एडवोकेट अमेंडमेंट बिल वकीलों की गरिमा और स्वतंत्रता पर हमला है. कोऑर्डिनेशन कमेटी ने दिल्ली की निचली अदालतों के न्यायिक अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे वकीलों की अनुपस्थिति में कोई भी प्रतिकूल आदेश जारी नहीं करें.
कोऑर्डिनेशन कमेटी का कहना है कि प्रस्तावित ड्राफ्ट बिल के जरिए वकीलों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. इससे बार एसोसिएशंस की ताकत को कम करने की कोशिश की जा रही है.
बता दें कि अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक-2025 का मसौदा कानून मंत्रालय ने जारी किया है. इसमें एडवोकेट एक्ट-1961 में कई संशोधन प्रस्तावित हैं. इसके तहत धारा 35-A को शामिल किया जा रहा है. इसमें न्यायालय के काम से बहिष्कार करने पर रोक लगाने का प्रावधान है. इस अमेंडमेंट बिल की धारा 35ए वकीलों को न्यायिक कार्यों के बहिष्कार करने के अधिकार को रोकता है. इसके अलावा अमेंडमेंट बिल के मुवक्किलों की ओर से दिए गए दस्तावेज अगर फर्जी पाए गए तो उसकी जिम्मेदारी वकील की होगी. ये भी प्रस्ताव दिल्ली में वकीलों के विरोध की एक वजह है.
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