नई दिल्लीः एक पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि कोविड 19 पॉजिटिव आने के बाद गंगाराम अस्पताल उनका इलाज करने से मना कर दिया था. पीड़ित गर्भवती महिला का इलाज यहां पिछले 6 महीने से चल रहा था. वहीं मीडिया और सोशल मीडिया के दबाव के कारण अस्पताल ने गर्भवती महिला का फिर से इलाज शुरू कर दिया है.
इस तरह से हुआ इंतजाम
अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डीएस राणा ने कहा कि सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक ईडब्ल्यूएस की बेड खाली होने पर ही इस कैटेगरी के मरीज को एडमिट किया जा सकता है. लेकिन इस केस को स्पेशल मानते हुए उसे पेड बेड उपलब्ध कराया जा रहा है. इसका भुगतान वह खुद कर देंगे.
बता दें कि इलाज के दौरान जैसे ही महिला की रिपोर्ट कोविड 19 पॉजिटिव आई अस्पताल प्रशासन का सुर बदल गया था. पीड़ित परिवार से बोला गया था कि पहले 5 लाख रुपये जमा कराओ उसके बाद ही इलाज शुरू होगा. ऐसा पीड़ित परिवार ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था.
वहीं रिश्तेदारों और दस्तों को बताया तो, सबने मिलकर चंदा इकट्ठा कर 2 लाख रुपये जमा कर लिए. जब ये पैसे लेकर अस्पताल पहुंचे तो, इस बार कहा कि अब 10 लाख रुपये लगेगा. 5 लाख कोरोना के इलाज का और 5 लाख रुपये दवाई के लिए. जय कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी को कोरोना बताया है, लेकिन उसमें इसका कोई भी लक्षण नहीं है, फिर भी सावधानी बरत रहे हैं.