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नारकोटिक्स सेल ने ड्रग्स सप्लायर को किया गिरफ्तार, 5 करोड़ की हेरोइन बरामद - Rakesh Panwaria

दिल्ली नारकोटिक्स सेल ने एक ड्रग्स सप्लायर को गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से 5 करोड़ की हेरोइन बरामद हुई है. पुलिस ने बताया कि आरोपी बिशन सिंह पिछले 2 साल से हेरोइन का अवैध कारोबार कर रहा था.

delhi narcotics cell arrested drugs supplier
बिशन सिंह
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Published : Aug 6, 2020, 6:20 PM IST

नई दिल्लीः नारकोटिक्स सेल की क्राइम ब्रांच ने ड्रग्स सप्लायर बिशन सिंह को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसके कब्जे से ढाई किलो हेरोइन बरामद की है. जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 5 करोड़ है. पुलिस ने बताया कि पिछले 2 साल से बिशन सिंह चोरी चुपके अवैध रूप से हेरोइन का कारोबार कर रहा था. बिशन सिंह पर एनडीपीएस एक्ट के तहत चार मुकदमा और भी दर्ज हैं.

नारकोटिक्स सेल ने ड्रग्स सप्लायर को किया गिरफ्तार

5 करोड़ है हेरोइन की कीमत

आपराधिक शाखा नारकोटिक्स के पुलिस उपायुक्त राकेश पंवरिया ने बताया कि नारकोटिक्स सेल के एसीपी जेएन झा को सूचना मिली कि रोहिणी इलाके में हेरोइन सप्लाई की जा रही है. जिसके बाद उनकी टीम ने राणा प्रताप गवर्नमेंट स्कूल रिठाला के पास से एक स्कूटी सवार ड्रग्स सप्लायर बिशन सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. जिसके पास से ढाई किलो हेरोइन बरामद हुई है.

जल्द अमीर बनने की चाह

पूछताछ में बिशन सिंह ने बताया कि उसका परिवार शाहदरा में रहता है. जबकि उसका भाई सुल्तानपुरी, मंगोलपुरी और मादीपुर के इलाकों में झपटमारी करता है. लेकिन बिशन सिंह 1987 में रोहिणी आकर रहने लगा. वह जल्द पैसे कमाने की तरकीब सोचने लगा और उसने सुल्तानपुरी और मंगोलपुरी के इलाके में मंगत राम के साथ मिलकर ड्रग्स सप्लाई करना शुरू कर दिया. जल्द ही बिशन सिंह ने अपना नेटवर्क मजबूत बना लिया और मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली राज्यों में अनवर और परवीन की मदद से ड्रग्स की सप्लाई करने लगा.

अलग-अलग थानों में 4 मुकदमा दर्ज

बिशन सिंह ने अपना नाम बदलकर नाथिया रख लिया था. 1986 और 87 में बिशन सिंह पर शाहदरा थाने में भी एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ. आनंद विहार थाने में 1992 और 1998 में भी एनडीपीएस के तहत उसके ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ था. उस समय भी स्पेशल सेल ने उसे और अन्य दो साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. लेकिन उसके बाद वह बेल पर बाहर आ गया और ग्वालियर चला गया. जहां उसने अपना नाम बदलकर अनिल गोयल रख लिया.

नाम बदला, 15 साल ग्वालियर में बिताए

ग्वालियर में बिशन सिंह ने तकरीबन 15 साल साईंनाथ ट्रांसपोर्ट के नाम से ट्रक का संचालन किया. तकरीबन 15 साल वहां रहने के बाद 2014 में स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन 2016 में छूटने के बाद वह फिर से ड्रग्स के अवैध कारोबार में लिप्त हो गया और स्पेशल सेल ने उसे ढाई किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसके कब्जे से एक स्कूटी भी बरामद की है.

कहां-कहां दर्ज है मुकदमा?

आरोपी पर शाहदरा थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत 2 मुकदमा, एक मुकदमा आनंद विहार थाने में और एक मुकदमा नॉर्थ रोहिणी थाने में दर्ज है. फिलहाल पुलिस ने बिशन सिंह उर्फ नाथिया उर्फ अनिल गोयल को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ कर आगे की जांच कर रही है.

नई दिल्लीः नारकोटिक्स सेल की क्राइम ब्रांच ने ड्रग्स सप्लायर बिशन सिंह को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसके कब्जे से ढाई किलो हेरोइन बरामद की है. जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 5 करोड़ है. पुलिस ने बताया कि पिछले 2 साल से बिशन सिंह चोरी चुपके अवैध रूप से हेरोइन का कारोबार कर रहा था. बिशन सिंह पर एनडीपीएस एक्ट के तहत चार मुकदमा और भी दर्ज हैं.

नारकोटिक्स सेल ने ड्रग्स सप्लायर को किया गिरफ्तार

5 करोड़ है हेरोइन की कीमत

आपराधिक शाखा नारकोटिक्स के पुलिस उपायुक्त राकेश पंवरिया ने बताया कि नारकोटिक्स सेल के एसीपी जेएन झा को सूचना मिली कि रोहिणी इलाके में हेरोइन सप्लाई की जा रही है. जिसके बाद उनकी टीम ने राणा प्रताप गवर्नमेंट स्कूल रिठाला के पास से एक स्कूटी सवार ड्रग्स सप्लायर बिशन सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. जिसके पास से ढाई किलो हेरोइन बरामद हुई है.

जल्द अमीर बनने की चाह

पूछताछ में बिशन सिंह ने बताया कि उसका परिवार शाहदरा में रहता है. जबकि उसका भाई सुल्तानपुरी, मंगोलपुरी और मादीपुर के इलाकों में झपटमारी करता है. लेकिन बिशन सिंह 1987 में रोहिणी आकर रहने लगा. वह जल्द पैसे कमाने की तरकीब सोचने लगा और उसने सुल्तानपुरी और मंगोलपुरी के इलाके में मंगत राम के साथ मिलकर ड्रग्स सप्लाई करना शुरू कर दिया. जल्द ही बिशन सिंह ने अपना नेटवर्क मजबूत बना लिया और मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली राज्यों में अनवर और परवीन की मदद से ड्रग्स की सप्लाई करने लगा.

अलग-अलग थानों में 4 मुकदमा दर्ज

बिशन सिंह ने अपना नाम बदलकर नाथिया रख लिया था. 1986 और 87 में बिशन सिंह पर शाहदरा थाने में भी एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ. आनंद विहार थाने में 1992 और 1998 में भी एनडीपीएस के तहत उसके ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ था. उस समय भी स्पेशल सेल ने उसे और अन्य दो साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. लेकिन उसके बाद वह बेल पर बाहर आ गया और ग्वालियर चला गया. जहां उसने अपना नाम बदलकर अनिल गोयल रख लिया.

नाम बदला, 15 साल ग्वालियर में बिताए

ग्वालियर में बिशन सिंह ने तकरीबन 15 साल साईंनाथ ट्रांसपोर्ट के नाम से ट्रक का संचालन किया. तकरीबन 15 साल वहां रहने के बाद 2014 में स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन 2016 में छूटने के बाद वह फिर से ड्रग्स के अवैध कारोबार में लिप्त हो गया और स्पेशल सेल ने उसे ढाई किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसके कब्जे से एक स्कूटी भी बरामद की है.

कहां-कहां दर्ज है मुकदमा?

आरोपी पर शाहदरा थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत 2 मुकदमा, एक मुकदमा आनंद विहार थाने में और एक मुकदमा नॉर्थ रोहिणी थाने में दर्ज है. फिलहाल पुलिस ने बिशन सिंह उर्फ नाथिया उर्फ अनिल गोयल को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ कर आगे की जांच कर रही है.

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