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'हमें पढ़ा लिखा नेता चाहिए, जो क्षेत्र का विकास कर सके'

राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया, जिसके बाद ईटीवी भारत ने सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों बातचीत की और उनसे जानने की कोशिस की कि उन्हें कैसा नेता चाहिए.

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Published : Jan 7, 2020, 8:03 AM IST

Updated : Jan 7, 2020, 8:44 AM IST

public of Seelampur wants educated MLA in his constituency
सीलमपुर विधानसाभा के लोगों को पढ़ा लिखा नेता चाहिए

नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों का बिगुल बच चुका है इसके साथ ही सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो चुकी हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा की जनता ने साफ कहा कि उन्हें क्षेत्र से पढ़ा लिखा एमएलए चाहिए ताकि उनकी आवाज को विधायक विधानसभा में उठाकर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विकासकार्य करा सके.

सीलमपुर विधानसाभा के लोगों को पढ़ा लिखा नेता चाहिए

बात की जाए सीलमपुर विधानसभा की तो यहां की जनता ने ईटीवी भारत से कहा कि यकीनन केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में विकास कार्य किए हैं और जनता की सुविधा के लिए नई-नई योजनाओं को भी शुरू किया, लेकिन क्षेत्रीय विधायक जनता की बात को बीते पांच सालों में सरकार के सामने रखने में सफल नहीं हो सके.

'हाजी इशराक खान एक कारोबारी'
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि आजकल के दौर में यह बेहद जरूरी है कि जन प्रतिनिधि न केवल होशियार, समझदार हो बल्कि उसका पढ़ा लिखा होना भी जरूरी है. सीलमपुर विधानसभा के विधायक हाजी इशराक खान कहने को एक कारोबारी होने के नाते एक सुलझे हुए इंसान जरूर हो सकते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे मौके होते हैं जब वह खुद को असहाय महसूस करते हैं.

स्थानीय विधायक खुद भी हर एक पब्लिक मीटिंग में यह बात दोहराना नहीं भूलते कि वह पढ़े लिखे नहीं हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी भी जन प्रतिनिधि को पढ़ा लिखा जरूर होना चाहिए ताकि वह मौका पड़ने पर उसका लाभ उठा सके.

'अफसर भी उठा लेते हैं इस बात का लाभ'
जन प्रतिनिधि को प्रशासनिक अफसरों से बहुत से काम लेने होते हैं, लेकिन जब अफसर को यह बात पता हो कि उसके सामने मौजूद एमएलए पढ़ा लिखा नहीं है तो उसके ज्यादातर कोशिश यही रहती है कैसे सामने वाले को इधर उधर की बातों में उलझाकर काम को टाला जाए. कई बार अफसर के साथ-साथ दूसरे कर्मचारी भी इस बात का फायदा उठा ले जाते हैं.

नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों का बिगुल बच चुका है इसके साथ ही सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो चुकी हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा की जनता ने साफ कहा कि उन्हें क्षेत्र से पढ़ा लिखा एमएलए चाहिए ताकि उनकी आवाज को विधायक विधानसभा में उठाकर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विकासकार्य करा सके.

सीलमपुर विधानसाभा के लोगों को पढ़ा लिखा नेता चाहिए

बात की जाए सीलमपुर विधानसभा की तो यहां की जनता ने ईटीवी भारत से कहा कि यकीनन केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में विकास कार्य किए हैं और जनता की सुविधा के लिए नई-नई योजनाओं को भी शुरू किया, लेकिन क्षेत्रीय विधायक जनता की बात को बीते पांच सालों में सरकार के सामने रखने में सफल नहीं हो सके.

'हाजी इशराक खान एक कारोबारी'
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि आजकल के दौर में यह बेहद जरूरी है कि जन प्रतिनिधि न केवल होशियार, समझदार हो बल्कि उसका पढ़ा लिखा होना भी जरूरी है. सीलमपुर विधानसभा के विधायक हाजी इशराक खान कहने को एक कारोबारी होने के नाते एक सुलझे हुए इंसान जरूर हो सकते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे मौके होते हैं जब वह खुद को असहाय महसूस करते हैं.

स्थानीय विधायक खुद भी हर एक पब्लिक मीटिंग में यह बात दोहराना नहीं भूलते कि वह पढ़े लिखे नहीं हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी भी जन प्रतिनिधि को पढ़ा लिखा जरूर होना चाहिए ताकि वह मौका पड़ने पर उसका लाभ उठा सके.

'अफसर भी उठा लेते हैं इस बात का लाभ'
जन प्रतिनिधि को प्रशासनिक अफसरों से बहुत से काम लेने होते हैं, लेकिन जब अफसर को यह बात पता हो कि उसके सामने मौजूद एमएलए पढ़ा लिखा नहीं है तो उसके ज्यादातर कोशिश यही रहती है कैसे सामने वाले को इधर उधर की बातों में उलझाकर काम को टाला जाए. कई बार अफसर के साथ-साथ दूसरे कर्मचारी भी इस बात का फायदा उठा ले जाते हैं.

Intro:दिल्ली विधानसभा चुनावों का बिगुल बच चुका है,एक तरफ जहां नेताओं ने अपने द्वारा कराए गए कामों के दम पर चुनावी मैदान में अपनी ताल ठोकनी शुरू कर दी है वहीं जनता भी कुछ कम होशियार नहीं दिखाई दे रही है, उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा की जनता ने साफ कहा कि उन्हें क्षेत्र से पढ़ा लिखा एमएलए चाहिए ताकि उनकी आवाज को विधायक विधानसभा में उठाकर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विकास कार्य करा सके.




Body:बात की जाए सीलमपुर विधानसभा की तो यहां की जनता ने ईटीवी भारत की टीम से साफ कहा कि यकीनन दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में विकास कार्य कराए हैं और जनता की सुविधा के लिए नई नई योजनाओं को भी शुरू किया लेकिन क्षेत्रीय विधायक जनता की बात को बीते पांच सालों में सरकार के सामने रखने में सफल नहीं हो सके, लोगों की मांग है कि इलाके का विधायक पढ़ा लिखा और काबिल होना चाहिए ताकि क्षेत्र के विकास में चार चांद लग सके.

स्थानीय लोगों से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने साफ कहा कि कई बार इस बात का बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है और आजकल के दौर में तो यह बेहद जरूरी है कि जन प्रतिनिधि न केवल होशियार,समझदार हो बल्कि उसका पढ़ा लिखा हिंन भी उतना ही अहमियत रखता है.सीलमपुर विधानसभा के विधायक हाजी इशराक खान कहने को एक कारोबारी होने के नाते एक सुलझे हुए इंसान जरूर हो सकते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे मौके होते हैं जब वह खुद को असहाय महसूस करते हैं.इतना ही नही। स्थानीय विधायक खुद भी हर एक पब्लिक मीटिंग में यह बात दोहराना नहीं भूलते कि वह पढ़े लिखे नहीं हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी भी जन प्रतिनिधि को पढ़ा लिखा जरूर होना चाहिए ताकि वह मौका पड़ने पर उसका लाभ उठा सके.

कई बार अफसर भी उठा लेते हैं इस बात का लाभ
जन प्रतिनिधि का ओढ़ लिखा होना बेहद जरूरी है, दरअसल उसे प्रशासनिक अफसरों से बहुत से काम लेने होते हैं, लेकिन जब अफसर यह बात पता हो कि उसके सामने मौजूद एमएलए पढ़ा लिखा नहीं है तो उसके ज्यादातर कोशिश यही रहती है कैसे सामने वाले को इधर उधर की बातों में उलझाकर काम को टाला जाए. कई बार अफसर के साथ साथ दूसरे कर्मचारी भी इस बात का फायदा उठा ले जाते हैं और इस बात का खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ता है.







Conclusion:ईटीवी भारत के संवाददता ने विधानसभा के कई इलाकों में हर आयु वर्ग के लोगों से बातचीत की सभी का यही कहना कि उनके इलाके में विधायक जितने काम कराने में सफक हुए हैं अगर वह पढ़े लिखे होते तो यकीनन और ज्यादा विकास कार्य कराया पाते. स्थानीय लोगों ने साफ कहा कि उनका एमएलए पढ़ा लिखा ही होना चाहिए, ऐसे में अब यह बात राजनीतिक दलों को समझनी चाहिए कि वह कोशिश करें कि पढ़े लिखे उम्मीदवार को ही टिकट दें ताकि जनता का भला हो और इलाके में ज्यादा से ज्यादा विकास कार्य कराए जा सकें.

स्थानीय लोगों के साथ वॉक थ्रू भी है....
Last Updated : Jan 7, 2020, 8:44 AM IST
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