नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों का बिगुल बच चुका है इसके साथ ही सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो चुकी हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा की जनता ने साफ कहा कि उन्हें क्षेत्र से पढ़ा लिखा एमएलए चाहिए ताकि उनकी आवाज को विधायक विधानसभा में उठाकर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विकासकार्य करा सके.
बात की जाए सीलमपुर विधानसभा की तो यहां की जनता ने ईटीवी भारत से कहा कि यकीनन केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में विकास कार्य किए हैं और जनता की सुविधा के लिए नई-नई योजनाओं को भी शुरू किया, लेकिन क्षेत्रीय विधायक जनता की बात को बीते पांच सालों में सरकार के सामने रखने में सफल नहीं हो सके.
'हाजी इशराक खान एक कारोबारी'
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि आजकल के दौर में यह बेहद जरूरी है कि जन प्रतिनिधि न केवल होशियार, समझदार हो बल्कि उसका पढ़ा लिखा होना भी जरूरी है. सीलमपुर विधानसभा के विधायक हाजी इशराक खान कहने को एक कारोबारी होने के नाते एक सुलझे हुए इंसान जरूर हो सकते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे मौके होते हैं जब वह खुद को असहाय महसूस करते हैं.
स्थानीय विधायक खुद भी हर एक पब्लिक मीटिंग में यह बात दोहराना नहीं भूलते कि वह पढ़े लिखे नहीं हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी भी जन प्रतिनिधि को पढ़ा लिखा जरूर होना चाहिए ताकि वह मौका पड़ने पर उसका लाभ उठा सके.
'अफसर भी उठा लेते हैं इस बात का लाभ'
जन प्रतिनिधि को प्रशासनिक अफसरों से बहुत से काम लेने होते हैं, लेकिन जब अफसर को यह बात पता हो कि उसके सामने मौजूद एमएलए पढ़ा लिखा नहीं है तो उसके ज्यादातर कोशिश यही रहती है कैसे सामने वाले को इधर उधर की बातों में उलझाकर काम को टाला जाए. कई बार अफसर के साथ-साथ दूसरे कर्मचारी भी इस बात का फायदा उठा ले जाते हैं.