नई दिल्ली: दिल्ली के बवाना थाना पुलिस ने 31 साल पुराने चोरी के मामले को सुलझाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक आरोपी की मौत की सूचना तीस हजारी कोर्ट को दी गई थी और वह कागजों में मृत दिखाया गया था. यह दोनों आरोपी तीस हजारी कोर्ट द्वारा भगोड़े घोषित किए गए थे जो अब पुलिस सलाखों के पीछे हैं.
अलीपुर इलाके में वर्ष 1991 में घर से पंखा चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया था, जिसमें आरोपी की पहचान अर्जुन सिंह और चरण सिंह के रूप में हुई थी. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बाद में वह जमानत पर बाहर आ गए. वर्ष 1998 में तीस हजारी कोर्ट ने अलीपुर पुलिस की अर्जी पर दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया था, जिसके बाद कोर्ट को सूचना मिली कि (Proclaimed absconders of Delhi arrested) दोनों आरोपियों में से एक आरोपी अर्जुन सिंह की मौत हो चुकी है. पुलिस द्वारा ऑपरेशन प्रहार के तहत भगोड़ा घोषित आरोपी को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया और आरोपी चरण सिंह की तलाश शुरू की गई.
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एसीपी मनीष लाडला की देखरेख में एसएचओ राकेश कुमार यादव की टीम ने एक बदमाश की सूची निकाली. इसके तहत चरण सिंह और अर्जुन सिंह के मामले पर काम किया गया, क्योंकि कोर्ट में अर्जुन सिंह को मृत घोषित कर दिया गया था इसलिए चरण सिंह की तलाश के लिए पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की. पुलिस जानकारी के अनुसार दोनों आरोपी पाकिस्तान से बंटवारे के वक्त भारत आए थे. ऐसे लोग अलीपुर, फरीदाबाद और कई अन्य जगहों पर रह रहे थे. पुलिस उस वक्त वहां पहुंची जहां से चरण सिंह की जमानत करवाई गई थी, जिसके बाद पुलिस फरीदाबाद के गांव पहुंची जहां पुलिस को धार्मिक स्थल पर चरण सिंह प्रवचन देता हुआ मिला. चरण सिंह से पूछताछ में जो खुलासा हुआ उसने सभी को चौंका कर रख दिया. चरण सिंह ने बताया कि अर्जुन अभी जिंदा है और वह जंगलों में छिपकर लकड़ी काटने का काम कर रहा है.
पुलिस ने 17 एकड़ में फैले जंगल में तलाशी शुरू की और आखिरकार 65 वर्षीय अर्जुन सिंह को धर दबोचा, जिसे तीस हजारी कोर्ट में कागजों में मरा हुआ दिखाया गया था. पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
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